प्रयागराज: उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने 12वीं की परीक्षा निरस्त करने का फैसला लेते हुए सभी अभ्यर्थियों को सफल घोषित कर दिया गया है. सरकार ने ये फैसला छात्रों के जीवन को सुरक्षित रखने के लिए लिया गया है. सरकार के इस फैसले से छात्रों को भी काफी राहत मिली है. यूपी बोर्ड की बारहवीं परीक्षा के लिए आवेदन करने वाले सभी परीक्षार्थियों को सफल घोषित करने का फैसला लिया है. सरकार ने परीक्षा का निरस्त करते हुए सभी छात्रों को सफल घोषित का एलान किया है. इन छात्रों को दसवीं और ग्यारहवीं के अंकों के आधार पर अंक प्रदान किए जायेंगे.
सरकार के फैसले पर छात्रों की प्रतिक्रिया
उत्तर प्रदेश सरकार ने भले ही सभी छात्रों को सफल घोषित करने का फैसला लिया है. लेकिन इस फैसले से कुछ छात्र नाखुश भी है. उनका कहना है कि उन्होंने जिस तरह से इस बार की परीक्षा के लिए तैयारी की है. उसके अनुसार उन्हें अंक नहीं मिल सकेंगे. वहीं दूसरी तरफ ज्यादातर छात्र सरकार के इस फैसले से खुश हैं. उनका कहना है कि सरकार ने छात्रों के हित के साथ ही उनके स्वास्थ का भी ख्याल रखा है.
यूपी बोर्ड ने 56 लाख 3 हजार 813 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया
यूपी बोर्ड 2021 की परीक्षा में शामिल होने के लिए 56 लाख 3 हजार 813 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था. जिसमें दसवीं में 29 लाख 94 हजार 312 परीक्षार्थी थे और बारहवीं की परीक्षा के लिए 26 लाख 9 हजार 501 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था. बोर्ड ने गुरुवार को बारहवीं की परीक्षा न कराने का फैसला लेते हुए सभी अभ्यर्थियों को सफल घोषित कर दिया है. इस तरह से यूपी बोर्ड के इतिहास में पहली बार हुआ कि आवेदन करने वाले सभी छात्रों को सफल घोषित किया गया है.
इसे भी पढ़ें-यूपी बोर्ड 12वीं की परीक्षा रद्द, CM योगी ने फैसले पर लगाई मुहर
यूपी बोर्ड कर रहा था शताब्दी वर्ष समारोह मनाने की तैयारी
यूपी बोर्ड की स्थापना के सौ साल इस वर्ष पूरे हुए हैं, जिसको लेकर पिछले दिनों यूपी बोर्ड बड़े पैमाने पर समारोह मनाने की तैयारी कर रहा था. लेकिन कोरोना के इस महामारी की मार की वजह से समारोह तो दूर यूपी बोर्ड दसवीं और बारहवीं की परीक्षा का भी आयोजन नहीं कर सका है.
लखनऊ के छात्र-छात्राओं ने दी प्रतिक्रिया
लखनऊ: सीबीएसई के बाद उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से गुरुवार को 12वीं की परीक्षा रद्द करने का फैसला ले लिया गया. उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा की ओर से इसकी जानकारी जारी की गई है. उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी मुहर लगा दी है. सरकार के इस फैसले का छात्र छात्राओं और शिक्षाविदों ने स्वागत किया है.
तस्वीर हुई साफ, राहत मिली
लखनऊ के सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालय लखनऊ मोंटसरी इंटर कॉलेज की 12वीं की छात्रा साक्षी का कहना है कि साल भर ऑनलाइन पढ़ाई की गई. लेकिन, ऑनलाइन क्लासेस स्कूल में होने वाली ऑफलाइन क्लासेस का बेहतर विकल्प नहीं थी. ऐसे में पढ़ाई थोड़ी मुश्किल नहीं. छात्रों विनीता जयसवाल का कहना है कि बीते कुछ दिनों से असमंजस की स्थिति बनी हुई थी. सीबीएसई ने पहले दसवीं की परीक्षा कैंसिल की. उसके बाद यूपी बोर्ड ने भी अपनी परीक्षा रद्द कर दी. असमंजस की स्थिति थी की परीक्षा होगी भी कि नहीं. छात्रा महविश खान का कहना है कि सरकार के इस फैसले ने बहुत बड़ी राहत दी है. वहीं छात्रा सना का कहना है कि अब 12वीं के बाद की पढ़ाई पर फोकस रहेगा.
ग्रामीण इलाकों के छात्रों के लिए बहुत राहत मिली
एसकेडी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के निर्देशक मनीष सिंह का कहना है कि यूपी बोर्ड में ग्रामीण छात्रों की संख्या बहुत ज्यादा है. शहरी क्षेत्र में तो जैसे तैसे ऑनलाइन क्लासेस की मदद से साल भर पढ़ाई कराई दी गई, लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी उन छात्रों के लिए थी. सरकार के इस फैसले से उन्हें बड़ी राहत मिलेगी. उन्होंने उम्मीद जताई है कि जैसे सीबीएसई ने 12वीं के बच्चों के मूल्यांकन के लिए एक पारदर्शी व्यवस्था लाने का प्रयास किया है. उसी तरह यूपी बोर्ड भी एक पारदर्शी फार्मूला तैयार करके सभी छात्रों के साथ न्याय करेगा.