प्रयागराज: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को कल साढ़े चार साल पूरा हो गया है. सरकार ने साढ़े चार सालों में तमाम विकास कार्य करने का दावा किया है. इस दौरान प्रदेश के स्टाम्प एवं निबंधन मंत्री का कहना है कि साढ़े चार सालों में यूपी का स्टाम्प एवं निबंधन विभाग डिजिटल हो गया है. इसके अलावा विभाग का राजस्व भी बढ़कर डेढ़ गुना हो गया है. मंत्री जी ने साढ़े चार सालों में सर्किल रेट भी न बढ़ाए जाने की बात कही है.
छोटे स्टाम्प पर वेंडरों को मिलने वाले कम कमीशन का नहीं हुआ समाधान
उत्तर प्रदेश के स्टाम्प एवं निबंधन मंत्री रविन्द्र जायसवाल ने ईटीवी भारत से बताया कि वर्तमान सरकार ने स्टाम्प एवं निबंधन विभाग को डिजिटल करने के साथ ही प्रदेश भर में युवाओं को स्टाम्प वेंडर के रूप में रोजगार देने का भी कार्य किया है. इससे जुड़ने के बाद हजारों युवाओं को आमदनी का एक जरिया भी मिल गया है. जनपद न्यायालय के आसपास बिकने वाले 10 रुपये से लेकर 100 रुपये तक के स्टाम्प को खरीदने के लिए ज्यादा दाम देना पड़ रहा है, क्योंकि स्टाम्प वेंडर छोटे स्टाम्प के दाम से ज्यादा पैसे वसूलते हैं. जिसके पीछे वेंडर्स का तर्क है कि उन्हें छोटे स्टाम्प पर मिलने वाला कमीशन कम मिलता है. इस कारण उन्हें ज्यादा दाम लेना पड़ता है. स्टाम्प वेंडरों को छोटे स्टाम्प पर मिलने वाले कम कमीशन की समस्या को दूर करने के लिए विभाग के पास क्या योजना है. इस सवाल पर मंत्री जी कुछ नहीं बोले और बड़े स्टाम्प पर मिलने वाले कमीशन का हवाला देते हुए सवाल को टाल दिया.
डिजिटल होने से जनता को मिल रहा लाभ
मंत्री रवींद्र जायसवाल का कहना है कि स्टाम्प विभाग को तेज गति के साथ पूरी तरह से डिजिटल किया जा रहा है. बाराबंकी, अंबेडकर नगर और श्रावस्ती जैसे जिले पूरी तरह से डिजिटल हो चुके हैं और अन्य जिलों में भी ये काम अंतिम चरण में चल रहा हैं. दस्तावेजों के डिजिटल होने से लोग अभी से उसका लाभ उठा सकते हैं.
भूलेख वेबसाइट पर जाकर ले सकते हैं संपत्ति की जानकारी
स्टाम्प एवं निबंधन मंत्री रवींद्र जायसवाल ने बताया कि जमीनों का अभिलेख ऑनलाइन कर दिया गया है. इसके जरिये कोई भी व्यक्ति भूलेख की साइट पर जाकर जमीन संबंधी जानकारी हासिल कर सकता है. भूलेख वेबसाइट के जरिये जमीन से जुड़े राजस्व के विवाद की जानकारी भी आसानी से हासिल कर सकते हैं.