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स्टेनोग्राफर भर्ती 2014ः स्टेज दो व तीन अवैध करार - इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद की अधीनस्थ अदालत ने स्टेनोग्राफर भर्ती 2014 की स्टेज दो व तीन अवैध करार की है. अब कोर्ट ने नए सिरे से पांच माह में टेस्ट लेने का निर्देश दिया है. फैसले की वजह हिन्दी टाइप फान्ट बदलना रही.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Mar 27, 2021, 10:56 PM IST

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अधीनस्थ न्यायलय में 327 स्टेनोग्राफर व 2341 लिपिक भर्ती परीक्षा 2014 में से स्टेनोग्राफर की स्टेज दो व तीन परीक्षा पांच माह में नये सिरे से कराने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा है की 2015 में चयन परिणाम के बाद नियुक्त विभिन्न जिलों में कार्यरत अभ्यर्थी भी होने वाली परीक्षा देंगे. सफल होने पर ही उनकी नियुक्ति/प्रोन्नति बरकरार रहेगी. स्टेनोग्राफर पद पर इनकी नियुक्तियां नये चयन परिणाम पर निर्भर करेंगी.

कोर्ट का आदेश
कोर्ट ने यह आदेश टाइप टेस्ट में हिन्दी टाइप की बिना पूर्व सूचना व तैयारी का मौका दिए मंगल फान्ट निर्धारित करने पर दिया है. याचियों का कहना था कि नियमानुसार क्रुति फान्ट की तैयारी की गई थी. इसी पर टेस्ट होता था. सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस पर अचानक मंगल फान्ट में टाइप टेस्ट लेने से अभ्यास के अभाव में योग्य अभ्यर्थी चयनित होने से वंचित रह गए. इसलिए परिणाम निरस्त कर नए सिरे से टेस्ट लिया जाय. कोर्ट ने इस तर्क को सही माना है और नये सिरे से टेस्ट लेने का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने विनीत कुमार व दर्जनों अन्य याचिकाओं को निस्तारित करते हुए दिया है. याचिका पर आरोप एन यादव, अभिषेक यादव सहित दर्जनों अधिवक्ताओं ने बहस की.

इसे भी पढ़ेंः ट्रेन से कटकर एक ही परिवार के 3 लोगों की मौत, मचा हड़कंप

यह भी आपत्ति
याचिका में यह भी आपत्ति की गई है कि टाइप टेस्ट 2220 लोगों का हुआ किन्तु चयन 2369 का हुआ. 149 लोग अधिक चयनित कर लिए गये. चयन सूची में जीरो व निगेटिव अंक पाने वाले भी शामिल हैं. कोर्ट ने स्टेनोग्राफर की स्टेज दो व तीन परीक्षा को अवैध करार दिया है और कहा है उन्हे पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है.

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अधीनस्थ न्यायलय में 327 स्टेनोग्राफर व 2341 लिपिक भर्ती परीक्षा 2014 में से स्टेनोग्राफर की स्टेज दो व तीन परीक्षा पांच माह में नये सिरे से कराने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा है की 2015 में चयन परिणाम के बाद नियुक्त विभिन्न जिलों में कार्यरत अभ्यर्थी भी होने वाली परीक्षा देंगे. सफल होने पर ही उनकी नियुक्ति/प्रोन्नति बरकरार रहेगी. स्टेनोग्राफर पद पर इनकी नियुक्तियां नये चयन परिणाम पर निर्भर करेंगी.

कोर्ट का आदेश
कोर्ट ने यह आदेश टाइप टेस्ट में हिन्दी टाइप की बिना पूर्व सूचना व तैयारी का मौका दिए मंगल फान्ट निर्धारित करने पर दिया है. याचियों का कहना था कि नियमानुसार क्रुति फान्ट की तैयारी की गई थी. इसी पर टेस्ट होता था. सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस पर अचानक मंगल फान्ट में टाइप टेस्ट लेने से अभ्यास के अभाव में योग्य अभ्यर्थी चयनित होने से वंचित रह गए. इसलिए परिणाम निरस्त कर नए सिरे से टेस्ट लिया जाय. कोर्ट ने इस तर्क को सही माना है और नये सिरे से टेस्ट लेने का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने विनीत कुमार व दर्जनों अन्य याचिकाओं को निस्तारित करते हुए दिया है. याचिका पर आरोप एन यादव, अभिषेक यादव सहित दर्जनों अधिवक्ताओं ने बहस की.

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यह भी आपत्ति
याचिका में यह भी आपत्ति की गई है कि टाइप टेस्ट 2220 लोगों का हुआ किन्तु चयन 2369 का हुआ. 149 लोग अधिक चयनित कर लिए गये. चयन सूची में जीरो व निगेटिव अंक पाने वाले भी शामिल हैं. कोर्ट ने स्टेनोग्राफर की स्टेज दो व तीन परीक्षा को अवैध करार दिया है और कहा है उन्हे पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है.

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