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इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रों की रैगिंग, 7 स्टूडेंट्स निलंबित

उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल छात्रावास में बीते दिन हुए रैगिंग के मामले पर विश्वविद्यालय की एंटी रैगिंग कमेटी ने शुक्रवार को बैठक की. बैठक में रैगिंग में दोषी पाए गए सात छात्रों को विश्वविद्यालय ने निलंबित कर दिया है.

रैगिंग के केस में विश्वविद्यालय के सात छात्र निलंबित.
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Published : Aug 23, 2019, 11:39 AM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल छात्रावास में फर्स्ट ईयर के छात्रों के साथ रैगिंग के मामले पर विश्वविद्यालय की एंटी रैगिंग कमेटी ने सात छात्रों को दोषी करार कर निलंबित कर दिया है. साथ ही साथ उन छात्रों को भविष्य में किसी भी छात्रावास में प्रवेश न मिले, इसके लिए उन्हें अपात्र घोषित किया है.

जानकारी देते चीफ प्रॉक्टर प्रो. राम सेवक दुबे.

इसे भी पढ़ें:- प्रयागराज: छात्रों ने कुलपति की भटकती आत्मा के लिए किया शांति यज्ञ!

विश्वविद्यालय के सात छात्र निलंबित-
गुरुवार को विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रतनलाल हांगलू की अध्यक्षता में एंटी रैगिंग कमेटी की बैठक हुई. रैगिंग में दोषी पाए गए सर सुंदरलाल छात्रावास के तृतीय वर्ष के छात्र आदित्य सिंह, विशाल यादव, निलेश कुमार अग्रहरी, आनंद कौशल, उत्तर त्रिपाठी, अवनीश यादव और संजय पाल पर आरोप था कि उन्होंने स्नातक प्रथम वर्ष के छात्रों को हॉस्टल में मुर्गा बनाया और छात्रों के साथ गाली-गलौज भी की.

मामला रैगिंग से जुड़ा होने के चलते चीफ प्रॉक्टर प्रो. राम सेवक दुबे ने तत्काल प्रभाव से छात्रों को निष्कासित कर कारण बताओ नोटिस जारी किया है. कमेटी में आरोपी छात्रों के स्पष्टीकरण पर गहन विचार किया गया और रैगिंग के नियमों के तहत आरोपियों छात्रों पर कार्रवाई करते हुए छात्रावास से निरस्त कर दिया.

रैगिंग के मामले में आए शिकायत में कुल सात छात्र दोषी पाए गए हैं, जिसमें उन्हें सत्र 2019- 20 के लिए निष्कासित करते हुए भविष्य में किसी भी हॉस्टल में प्रवेश पाने के लिए अपात्र घोषित कर दिया गया है. इसके अलावा विश्वविद्यालय में रैगिंग जैसे मामले दोबारा न आए इसके लिए कमेटी अपनी निगरानी बनाए हुए है.
-प्रो. राम सेवक दुबे, चीफ प्रॉक्टर

प्रयागराज: इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल छात्रावास में फर्स्ट ईयर के छात्रों के साथ रैगिंग के मामले पर विश्वविद्यालय की एंटी रैगिंग कमेटी ने सात छात्रों को दोषी करार कर निलंबित कर दिया है. साथ ही साथ उन छात्रों को भविष्य में किसी भी छात्रावास में प्रवेश न मिले, इसके लिए उन्हें अपात्र घोषित किया है.

जानकारी देते चीफ प्रॉक्टर प्रो. राम सेवक दुबे.

इसे भी पढ़ें:- प्रयागराज: छात्रों ने कुलपति की भटकती आत्मा के लिए किया शांति यज्ञ!

विश्वविद्यालय के सात छात्र निलंबित-
गुरुवार को विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रतनलाल हांगलू की अध्यक्षता में एंटी रैगिंग कमेटी की बैठक हुई. रैगिंग में दोषी पाए गए सर सुंदरलाल छात्रावास के तृतीय वर्ष के छात्र आदित्य सिंह, विशाल यादव, निलेश कुमार अग्रहरी, आनंद कौशल, उत्तर त्रिपाठी, अवनीश यादव और संजय पाल पर आरोप था कि उन्होंने स्नातक प्रथम वर्ष के छात्रों को हॉस्टल में मुर्गा बनाया और छात्रों के साथ गाली-गलौज भी की.

मामला रैगिंग से जुड़ा होने के चलते चीफ प्रॉक्टर प्रो. राम सेवक दुबे ने तत्काल प्रभाव से छात्रों को निष्कासित कर कारण बताओ नोटिस जारी किया है. कमेटी में आरोपी छात्रों के स्पष्टीकरण पर गहन विचार किया गया और रैगिंग के नियमों के तहत आरोपियों छात्रों पर कार्रवाई करते हुए छात्रावास से निरस्त कर दिया.

रैगिंग के मामले में आए शिकायत में कुल सात छात्र दोषी पाए गए हैं, जिसमें उन्हें सत्र 2019- 20 के लिए निष्कासित करते हुए भविष्य में किसी भी हॉस्टल में प्रवेश पाने के लिए अपात्र घोषित कर दिया गया है. इसके अलावा विश्वविद्यालय में रैगिंग जैसे मामले दोबारा न आए इसके लिए कमेटी अपनी निगरानी बनाए हुए है.
-प्रो. राम सेवक दुबे, चीफ प्रॉक्टर

Intro:हफ्ते भर पूर्व इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल छात्रावास में आयरन जिंक के मामले में हुई शिकायत पर इलाहाबाद विश्वविद्यालय की एंटी रैगिंग कमेटी ने मामले में सात छात्रों को दोषी पाया है कमेटी के द्वारा लिए गए निर्णय के बाद उन्हें इलाहाबाद विश्वविद्यालय से इस सत्र के लिए निष्कासित कर दिया गया है साथ ही साथ भविष्य में उन्हें अब विश्वविद्यालय के किसी भी छात्रावास में प्रवेश नहीं मिलेगा इसके लिए वह अपात्र घोषित कर दिए गए हैं।


Body:विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रतन लाल हगलु की अध्यक्षता में हुई रैगिंग कमेटी की बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया है इसमें दोषी पाए गए एसएसएल हॉस्टल के बीए तृतीय वर्ष के छात्र आदित्य सिंह छात्र विशाल यादव निलेश कुमार अग्रहरी आनंद कौशल एवं उत्तम त्रिपाठी और बीए तृतीय वर्ष के छात्र अवनीश यादव एवं संजय पाल पर यह आरोप लगा था कि वह स्नातक प्रथम वर्ष के छात्रों को हॉस्टल में मुर्गा बनाया था और इस पर छात्रों के विरोध करने पर उनके साथ गाली-गलौज भी की थी मामला रंगीन से जुड़े होने के चलते इसकी शिकायत चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर रामसेवक दुबे से की गई जिस पर तत्काल प्रभाव से सातों छात्रों को हॉस्टल से निष्कासित कर उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था इस पर छात्रों के द्वारा स्पष्टीकरण दिए जाने के बाद पूरे मामले को लेकर विश्वविद्यालय की एंटी गृंगी कमेटी की एक बैठक बृहस्पतिवार को हुई थी जिसमें नव प्रवेशी छात्रों की ओर से दिए गए शिकायती पत्र और आरोपी छात्रों के स्पष्टीकरण पर गहन विचार विमर्श किया गया जिसमें रंगिंग के नियमों के तहत सातों छात्रों को दोषी पाया गया दोष सिद्ध होने पर रंगीन के नियम के तहत आरोपी छात्रों के खिलाफ कार्यवाही करते हुए उनका छात्रावास में प्रवेश निरस्त कर दिया गया।


Conclusion:इलाहाबाद विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर रामसेवक दुबे ने बताया कि रैगिंग के मामले में आए शिकायत में कुल 700 छात्र दोषी पाए गए हैं जिसमें उन्हें सत्र 2019- 20 के लिए निष्कासित करते हुए भविष्य में किसी भी हॉस्टल में प्रवेश पाने के लिए अपात्र घोषित कर दिया गया है इसके अलावा विश्वविद्यालय में रंग इनके जैसे मामले दोबारा ना आए इसके लिए कमेटी अपनी निगरानी बनाए रखे हुए हैं।

बाईट: राम सेवक दुबे

प्रवीण मिश्र
प्रयागराज।
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