प्रयागराज : बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्रा (Satish Chandra Mishra) ने प्रयागराज में आयोजित सम्मेलन में ब्राह्मणों को साधने का हर प्रयास किया. सम्मेलन में उन्होंने राम मंदिर (Ram Mandir), बिकरु कांड, लखनऊ के एनकाउंटर और घरों को ढहाकर ब्राह्मणों को सताए जाने का जिक्र किया. बसपा नेता (BSP Leader) ने भाजपा पर राम के नाम पर चंदा जमा कर चुनाव लड़ने का भी सनसनीखेज आरोप लगाया. साथ ही उन्होंने भाजपा को महिला विरोधी साबित करने के लिए यह भी कहा कि भाजपा को सीता माता का नाम लेने से परहेज है.
हंडिया विधानसभा (Handia) क्षेत्र के सैदाबाद इलाके में बसपा ने ब्राह्मणों को साधने के लिए सम्मेलन का आयोजन किया. सम्मेलन का नाम विचार गोष्ठी रखा गया था. इस विचार गोष्ठी में बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए. कार्यक्रम में कई ब्राह्मणों ने बसपा का दामन भी थामा.
'ब्राह्मणों का नाम पूछकर किया जाता है एनकाउंटर'
सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि लखनऊ में पिछले महीने ब्राह्मण समाज के युवाओं का नाम पूछने के बाद उनका एनकाउंटर कर दिया गया. यही नहीं ब्राह्मणों को सताने के लिए उनके खिलाफ पुलिसिया कार्रवाई करने के बाद उनके घरों को भी ढहाया जाता है. पूरे प्रदेश में इस सरकार के कार्यकाल में ब्राह्मणों के ऊपर जुल्म और अत्याचार किया जा रहा है. इसका जवाब देने के लिए 3 करोड़ से अधिक की जनसंख्या वाले ब्राह्मणों को अपनी ताकत दिखाने के लिए एकजुट होना पड़ेगा.
'CM ऑफिस से मिला था 100 ब्राह्मणों को निपटाने का निर्देश'
अपने भाषण के दौरान सतीश चंद्र मिश्रा ने प्रदेश सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि कानपुर के बिकरु कांड में मुख्यमंत्री कार्यालय से निर्देश देकर कहा गया था कि इस मामले में 100 ब्राह्मणों को निपटाना है. यही वजह है कि दो दिन की दुल्हन खुशी दुबे को भी पुलिस ने जबरन आरोपी बनाकर जेल भेज दिया. यही नहीं सिर्फ ब्राह्मण होने की वजह से प्रदेश सरकार खुशी दुबे की जमानत हाईकोर्ट तक से नहीं होने दे रही है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सिर्फ ब्राह्मणों को मारने के लिए उनकी गाड़ियों को पलटाकर मुठभेड़ में मारा गिराया गया.
इसे भी पढ़ें - सपा को भी समझ आयी ब्राह्मणों की अहमियत, बना रही 'सम्मोहन' की नई रणनीति
'मथुरा से होगी दूसरे चरण की शुरूआत'
बसपा के ब्राह्मण सम्मेलन की शुरुआत जहां राम की नगरी अयोध्या से की गयी, वहीं अब अगस्त महीने से सम्मेलन के दूसरे चरण की शुरुआत कान्हा की नगरी मथुरा से होगी. 29 जुलाई को प्रथम चरण समाप्त होने के बाद अगस्त महीने से दूसरे चरण की शुरुआत की जाएगी. बसपा ने पहले चरण की शुरुआत अयोध्या से करके भाजपा में खलबली मचायी थी, वहीं अब दूसरे चरण की शुरुआत मथुरा से करके सपा में खलबली मचाने की तैयारी है. बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्रा ने प्रयागराज में ऐलान किया कि उनके सम्मेलन के दूसरे चरण की शुरुआत भगवान कृष्ण की नगरी मथुरा से होगी.
'राम मंदिर के नाम पर मिले चंदे का चुनावों में इस्तेमाल'
बसपा के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने संगम नगरी में भाजपा को कई मुद्दों पर घेरने की कोशिश की. भगवान राम का नाम लेकर उन्होंने कहा कि भाजपा की मंशा मंदिर बनाने की नहीं है. तभी तो अशुभ मुहूर्त में मंदिर के शिलान्यास के नाम पर ईंटों की पूजा की गयी. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा राम मंदिर के नाम पर चंदा जमा कर उस पैसे का इस्तेमाल चुनाव लड़ने में करती है. उसी चंदे के पैसे से आगामी यूपी चुनाव (UP Assembly Election 2022) लड़ा जाएगा. 2022 के चुनाव के लिए भाजपा 100 हेलीकॉप्टर और 50 प्लेन का इस्तेमाल करेगी. यही नहीं पूरे प्रदेश में 550 रथ के जरिए चुनाव प्रचार करवाया जाएगा. ये सब कुछ पार्टी राम मंदिर के नाम पर लिये जाने वाले चंदे से करती है. साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मंदिर निर्माण जल्दी पूरा करवाना बीजेपी का मकसद नहीं है. इसी वजह से मंदिर का निर्माण धीमी गति से किया जा रहा है, जिससे मंदिर निर्माण के नाम पर चंदा वसूला जाता रहे.
'ब्राह्मण और दलित मिलकर बना सकते हैं सरकार'
सतीश चंद्र मिश्रा ने कार्यक्रम में मौजूद ब्राह्मणों को उनकी ताकत याद दिलाते हुए कहा कि प्रदेश में 13 प्रतिशत ब्राह्मण और 23 प्रतिशत दलित मिलकर सरकार बना सकते हैं. बसपा नेता ने यह भी कहा कि की बसपा सभी जातियों को साथ लेकर चलने वाली पार्टी है और ब्राह्मण उनकी पार्टी का समर्थन करेंगे तो आने वाले विधानसभा चुनाव में एक बार फिर बसपा को बहुमत मिलेगा और उनकी सरकार बनेगी. इसमें ब्राह्मणों को उचित मान-सम्मान मिलेगा. इस सरकार में ब्राह्मणों की जो उपेक्षा और उत्पीड़न किया जा रहा है उससे मुक्ति मिलेगी.
कांग्रेस पर निशाना साधने से बचते दिखे
बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्रा ने अपने भाषण के दौरान सबसे ज्यादा हमला भाजपा और योगी सरकार पर किया. वहीं सपा के ब्राह्मण मोह पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने जिन पांच ब्राह्मण चेहरों को सामने किया है वो आपस में ही लड़ते रहते हैं. ऐसे में कोई भी ब्राह्मण उनके बहकावे में नहीं आएगा क्योंकि उनकी पार्टी और सत्ता में भी ब्राह्मणों का बहुत अपमान हुआ है. अपने आधे घंटे से लंबे भाषण में जहां सतीश चंद्र मिश्रा के निशाने पर मुख्य रूप से भाजपा रही, वहीं इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पार्टी का जिक्र तक नहीं किया.
इसे भी पढ़ें - मंत्रिमंडल विस्तार में फंसा यह पेंच, अब क्या करेंगे योगी आदित्यनाथ