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रोटोमैक कंपनी के मालिक राहुल कोठारी की जमानत याचिका हाईकोर्ट से खारिज

रोटोमैक ग्रुप ऑफ कंपनीज के मालिक राहुल कोठारी को झटका लगा है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनकी अंतरिम जमानत की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है.

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Published : May 13, 2021, 5:23 PM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कानपुर नगर की रोटोमैक ग्रुप ऑफ कंपनीज के मालिक राहुल कोठारी को जमानत पर रिहा करने की अर्जी खारिज कर दी है. कोठारी पर सरकारी बैंक के 4,168 करोड रूपये धोखे से लेने और एनपीए (non performing assets) कराकर सरकारी धन की हानि कराने का आरोप है. इस मामले में सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल कर दी है. कोर्ट ने आरोप को गंभीर आर्थिक अपराध मानते हुए कोठारी को जमानत देने से इंकार कर दिया है.

अंतरिम जमानत के लिए राहुल कोठारी ने दाखिल की थी याचिका

यह आदेश न्यायमूर्ति ओम प्रकाश ने दिया है. कोठारी को जमानत पर रिहा करने की अर्जी के खिलाफ सीबीआई के वरिष्ठ अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश और संजय कुमार यादव ने पक्ष रखा. जमानत पर रिहा करने की अर्जी में कोठारी का कहना था कि वह अपने मां-बाप की इकलौती संतान हैं. उनके पिता दुर्घटना में घायल हैं और उनके मां-बाप को कोरोना संक्रमण हो गया है. उनकी देखभाल करने वाला दूसरा कोई नहीं है, इसलिए उन्हें अंतरिम जमानत दी जाय.

कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अंतरिम जमानत अर्जी और डिफाल्ट जमानत अर्जी सीबीआई कोर्ट से खारिज होने के बाद हाईकोर्ट में दाखिल जमानत अर्जी दोनों निरस्त कर दी हैं.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कानपुर नगर की रोटोमैक ग्रुप ऑफ कंपनीज के मालिक राहुल कोठारी को जमानत पर रिहा करने की अर्जी खारिज कर दी है. कोठारी पर सरकारी बैंक के 4,168 करोड रूपये धोखे से लेने और एनपीए (non performing assets) कराकर सरकारी धन की हानि कराने का आरोप है. इस मामले में सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल कर दी है. कोर्ट ने आरोप को गंभीर आर्थिक अपराध मानते हुए कोठारी को जमानत देने से इंकार कर दिया है.

अंतरिम जमानत के लिए राहुल कोठारी ने दाखिल की थी याचिका

यह आदेश न्यायमूर्ति ओम प्रकाश ने दिया है. कोठारी को जमानत पर रिहा करने की अर्जी के खिलाफ सीबीआई के वरिष्ठ अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश और संजय कुमार यादव ने पक्ष रखा. जमानत पर रिहा करने की अर्जी में कोठारी का कहना था कि वह अपने मां-बाप की इकलौती संतान हैं. उनके पिता दुर्घटना में घायल हैं और उनके मां-बाप को कोरोना संक्रमण हो गया है. उनकी देखभाल करने वाला दूसरा कोई नहीं है, इसलिए उन्हें अंतरिम जमानत दी जाय.

कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अंतरिम जमानत अर्जी और डिफाल्ट जमानत अर्जी सीबीआई कोर्ट से खारिज होने के बाद हाईकोर्ट में दाखिल जमानत अर्जी दोनों निरस्त कर दी हैं.

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