प्रयागराजः समाजवादी पार्टी से निकाले जाने के बाद सपा की पूर्व प्रदेश प्रवक्ता व प्रयागराज की शहर पश्चिमी विधानसभा सीट की प्रत्याशी रही ऋचा सिंह ने स्वामी प्रसाद मौर्य पर निशाना साधा है. ऋचा सिंह ने स्वामी प्रसाद मौर्य को भस्मासुर बताया है. उन्होंने कहा कि बसपा को समाप्त करने के बाद भस्मासुर स्वामी प्रसाद मौर्य भाजपा में कुछ दिन के लिए गए, जहां उनकी दाल नहीं गली. इसके बाद वो सपा को समाप्त करने के लिए पार्टी में शामिल हो गए और अब रामचरितमानस को निशाना बनाते हुए पार्टी को समाप्त करने की शुरुआत कर दी है.
इलाहाबाद सेंट्रल युनिवर्सिटी के छात्र संघ की अध्यक्ष रही ऋचा सिंह को 16 फरवरी को समाजवादी पार्टी से निष्कासित कर दिया गया गया था. इसके बाद से ऋचा सिंह लगातार स्वामी प्रसाद मौर्य पर हमलावर हो रही हैं. गौरतलब है कि ऋचा सिंह ने स्वामी प्रसाद मौर्य के द्वारा रामचरितमानस को लेकर दिए गए बयान का लगातार विरोध किया था, जिसका नतीजा हुआ कि उन्हें सपा से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया.
पार्टी से निकाले जाने के बाद ऋचा सिंह ने कहा था कि भगवान राम देश और देशवासियों की आत्मा और रामचरितमानस पूज्यनीय है, जिसका अपमान वो नहीं सह सकती हैं. इस वजह से वो लगातार स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान का विरोध खुलेआम करती रही हैं. इससे पहले सपा द्वारा दूसरे दल की महिला नेताओं को सूर्पनखा और पूतना जैसे अपशब्द कहने का भी उन्होंने विरोध किया था.
भस्मासुर हैं स्वामी प्रसाद मौर्य
ऋचा सिंह ने पार्टी से बाहर निकाले जाने के तुरंत बाद ही स्वामी प्रसाद मौर्य को महिषासुर कहा था और अब उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य को भस्मासुर बताया है. ऋचा सिंह का कहना है कि स्वामी प्रसाद मौर्य भस्मासुर हैं. बसपा में रहते हुए उन्होंने उस पार्टी को समाप्त करने का कार्य किया. इसके बाद बीजेपी में शामिल हुए, जहां दाल नहीं गली तो स्वामी प्रसाद मौर्या सपा में शामिल हो गए. सपा में रहते हुए अब वो इस पार्टी को समाप्त करने की शुरुआत कर चुके हैं. सपा के समाप्ति की शुरुआत रामचरितमानस और महिलाओं पर दिए जा रहे बयान के साथ शुरू हो चुकी है.
रामचरितमानस और राम से जुड़ी है जनभावना
ऋचा सिंह ने कहा कि भगवान राम सौ करोड़ लोगों की जनभावना और आस्था से जुड़े हुए हैं. इसके साथ ही रामचरितमानस भी सौ करोड़ लोगों के लिए पूज्यनीय ग्रंथ है और राम को मानने वालों की जनभावना रामचरितमानस से जुड़ी हुई है, जिसका अपमान करके जनभावना आहत करना किसी के लिए सही नहीं है. देशवासियों की जनभावना को आहत करना संविधान के खिलाफ भी है. इसी वजह से उन्होंने महिलाओं के अपमान का भी विरोध किया था. इसके अलावा जब स्वामी प्रसाद मौर्या ने रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान दिया तो उसी समय से उन्होंने उसका विरोध शुरू कर दिया है.
सपा के लोग बना रहे निशाना ऋचा सिंह पुलिस से करेंगी शिकायत
ऋचा सिंह ने यह भी कहा कि जब से उन्होंने सपा नेताओं के बयानबाजी का विरोध शुरू किया. इसके बाद से उन्हें सोशल मीडिया पर निशाना बनाया जाने लगा है. 16 फरवरी को पार्टी से निकाले जाने के बाद से लगातार उन्हें सोशल मीडिया में ट्रोल किया जा रहा है. कुछ लोग फेक अकाउंट बनाकर उसके जरिए उनकी अभद्र टिप्पणी करने के साथ ही छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं. अगर इसी तरह से उन्हें सोशल मीडिया पर निशाना बनाया जाता रहा तो वो जल्द ही इसकी शिकायत डीजीपी से करेंगी.
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