प्रयागराज: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी 2016 की भर्ती परीक्षा को निरस्त कर दिया गया है. पेपर आउट होने के बाद विवाद के चलते इस भर्ती परीक्षा के परिणाम पिछले 3 सालों से फंसे थे, जिसके चलते आयोग इस पर नीतिगत निर्णय नहीं ले पा रहा था. परीक्षार्थियों के लगातार संघर्ष और शिकायतों के बाद मंगललार को आयोग में एक बैठक के तहत इस परीक्षा को निरस्त करने का निर्णय लिया गया. अब यह परीक्षा इसी साल तीन मई को आयोजित की जाएगी.
इस भर्ती परीक्षा में उन अभ्यर्थियों को ही मौका दिया जाएगा, जिन्होंने वर्ष 2016 में परीक्षा दी थी. इसके लिए अलग से आवेदन भी नहीं लिए जाएंगे. ऐसे में इस भर्ती परीक्षा में चार लाख के लगभग अभ्यर्थियों को दोबारा मौका मिलेगा. आयोग के इस निर्णय के चलते प्रतियोगी परीक्षार्थियों में खुशी है. वहीं उन्हें इस बात का भी अफसोस है कि आयोग ने इस तरह के निर्णय लेने में इतना लंबा समय लगा दिया.
27 नवंबर को हुई थी प्रारंभिक परीक्षा
आरओ, एआरओ 2016 की 361 पदों के लिए प्रारंभिक परीक्षा 27 नवंबर 2016 को हुई थी. 361 पदों पर होने वाली भर्ती के लिए 21 जिलों में 827 केंद्र बनाए गए थे, जिसमें 385191 अभ्यर्थी पंजीकृत हुए थे. यह परीक्षा दो पालियों में हुई थी. परीक्षा के दौरान लखनऊ में व्हाट्सएप पर पेपर वायरल हो गया था, जिसमें आईपीएस अमिताभ ठाकुर की ओर से लखनऊ के हजरतगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी.
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रिपोर्ट के कारण मामला न्यायालय में चला गया था और इसका निस्तारण नहीं हो पा रहा था. ऐसे में आयोग ने परीक्षार्थियों के हित को देखते हुए मंगलवार को बैठक में यह निर्णय लिया. परीक्षा नियंत्रक अरविंद कुमार मिश्र की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार समीक्षा अधिकारी 2016 की प्री परीक्षा को निरस्त किया जाएगा और इसमें पुराने अभ्यर्थियों को ही शामिल किया जाएगा.