प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रंगे हाथ रिश्वत लेते पकड़े गए खंड शिक्षा अधिकारी मनोज कुमार सिंह के खिलाफ चल रही विजिलेंस जांच गोरखपुर से लखनऊ स्थानांतरित करने पर राज्य सरकार के गृह विभाग और बेसिक शिक्षा विभाग से जवाब मांगा है. यह आदेश न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी एवं न्यायमूर्ति उमेश चंद्र शर्मा की खंडपीठ ने सहायक अध्यापक गौरव त्रिपाठी की याचिका पर दिया है. याची अधिवक्ता संदीप शुक्ल का कहना है कि वह विकासखंड सल्टउवा गोपालगंज, गोरखपुर में बरहउवा प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक पद पर कार्यरत है.
वहीं, 26 अगस्त 2021 को तबीयत खराब होने के कारण उसने अवकाश लिया था. उसी दिन खंड शिक्षा अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने विद्यालय का निरीक्षण किया और उसे अनुपस्थित दर्शा दिया. इसके बाद वह याची से अनुचित मांग करने लगे, जिसकी शिकायत उसने एसएसपी विजिलेंस के कार्यालय में की. याची की शिकायत पर विजिलेंस टीम ने मनोज कुमार सिंह को सात हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया. उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करके जेल भेज दिया गया.
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याची का कहना है कि मनोज कुमार सिंह पहुंच वाला व्यक्ति है. जांच पूरी किए बगैर उसे न सिर्फ सेवा में बहाल कर लिया गया है बल्कि रिश्वत लेने के मामले की जांच गोरखपुर विजिलेंस से हटाकर लखनऊ विजलेंस शाखा स्थानांतरित करने का आदेश किया गया है, वह भी अभियुक्त की मांग पर कोर्ट ने इस मामले में अपर मुख्य सचिव गृह और अपर निदेशक बेसिक शिक्षा से जवाब मांगते हुए उन्हें हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है.
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