प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीसीएस अफसर ज्योति मौर्या की जेठानी शुभ्रा मौर्या की ओर से दर्ज कराए गए घरेलू हिंसा और दहेज उत्पीड़न के मामले में ससुरालियों को राहत दी है. कोर्ट ने विनोद कुमार मौर्य समेत छह ससुराल वालों के खिलाफ उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है. मामले को मध्यस्थता केंद्र भेज दिया गया है. यह आदेश न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी एवं न्यायमूर्ति अजहर हुसैन इदरीशी की खंडपीठ ने बिंदु कुमार मौर्य की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई के बाद दिए.
धूमनगंज थाने में दर्ज हुआ था मुकदमा : मामले के तथ्यों के अनुसार शुभ्रा मौर्या की 19 नवंबर 2009 को विनोद कुमार मौर्य से शादी हुई थी. दोनों को दो बच्चे हैं. शुभ्रा 2015 से शिक्षिका हैं. ज्योति मौर्या और उनके पति आलोक मौर्य का मामला सामने आने के बाद जेठानी शुभ्रा मौर्या ने भी अपने पति व ससुराल वालों के खिलाफ धूमनगंज थाने में घरेलू हिंसा व दहेज उत्पीड़न की एफआईआर दर्ज कराई थी.
मध्यस्थता केंद्र पहुंचा मामला : एफआईआर में शुभ्रा मौर्या ने पति विनोद कुमार मौर्य, ससुर राम मुरारी, सास लीलावती, जेठ अशोक मौर्य, जेठानी प्रियंका मौर्या और आलोक मौर्य को नामजद कराया था. आलोक मौर्या पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्या के पति हैं. ससुराल वालों ने याचिका में एफआईआर को चुनौती दी. अधिवक्ता हनुमान प्रसाद कुशवाहा के अनुसार कोर्ट ने याचियों के खिलाफ उक्त मामले में उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक लगाते हुए मामले को मध्यस्थता केंद्र भेज दिया है.
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