ETV Bharat / state

एमबीबीएस छात्रा को राहत से इनकार, कोर्ट ने की याचिका खारिज

author img

By

Published : May 14, 2022, 10:45 PM IST

मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज प्रयागराज की एमबीबीएस की छात्रा को राहत देने से इनकार कर दिया है. साथ ही एनसीसी का सी प्रमाणपत्र न पेश करने के कारण कोर्स में दाखिले को निरस्त करने के आदेश की चुनौती याचिका खारिज कर दी है.

etv bharat
कोर्ट

प्रयागराजः मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज प्रयागराज की एमबीबीएस की छात्रा को राहत देने से इंकार कर दिया है. साथ ही एनसीसी का सी प्रमाणपत्र न पेश करने के कारण कोर्स में दाखिले को निरस्त करने के आदेश की चुनौती याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने कहा है कि याची के पास बीईई ग्रेड का एनसीसी में सी प्रमाणपत्र नहीं है. जो एनसीसी कोटे में प्रवेश की अर्हता है.

कोर्ट ने कहा कि योग्यता निर्धारित करने का अधिकार प्राधिकारियों को है. कोर्ट योग्यता निर्धारित नहीं कर सकती. ऐसे में अंतरिम आदेश से एमबीबीएस कोर्स कर रही छात्रा को साम्या न्याय के तहत सहानुभूति पाने का अधिकार नहीं है. कोर्ट कहना है कि छात्रा राहत पाने की हकदार नहीं है. यह आदेश न्यायमूर्ति वी के बिड़ला और न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ ने छात्रा जिज्ञासा तिवारी की याचिका पर दिया है.

याची ने 2019 मे इंटरमीडिएट परीक्षा पास करने के बाद सामान्य श्रेणी में नीट की परीक्षा दी थी. याची ने एनसीसी कोटे में प्रवेश‌ लिया. याची के पास बीईई ग्रेड एनसीसी का बी प्रमाणपत्र है. लेकिन सी प्रमाणपत्र की अर्हता तय की गई है.

पढ़ेंः इलाहाबाद हाई कोर्ट का डीएम को निर्देश, पूछा बिना अधिग्रहण भूमिधरी जमीन पर कैसे बन रहा रास्ता

कॉलेज ने नोटिस दी कि बीईई ग्रेड के साथ एनसीसी का सी प्रमाणपत्र दें अन्यथा प्रवेश निरस्त कर दिया जाएगा. जिसे चुनौती दी गई कि बी प्रमाणपत्र वालों को भी कोटे में प्रवेश की अनुमति दी जानी चाहिए. कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

प्रयागराजः मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज प्रयागराज की एमबीबीएस की छात्रा को राहत देने से इंकार कर दिया है. साथ ही एनसीसी का सी प्रमाणपत्र न पेश करने के कारण कोर्स में दाखिले को निरस्त करने के आदेश की चुनौती याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने कहा है कि याची के पास बीईई ग्रेड का एनसीसी में सी प्रमाणपत्र नहीं है. जो एनसीसी कोटे में प्रवेश की अर्हता है.

कोर्ट ने कहा कि योग्यता निर्धारित करने का अधिकार प्राधिकारियों को है. कोर्ट योग्यता निर्धारित नहीं कर सकती. ऐसे में अंतरिम आदेश से एमबीबीएस कोर्स कर रही छात्रा को साम्या न्याय के तहत सहानुभूति पाने का अधिकार नहीं है. कोर्ट कहना है कि छात्रा राहत पाने की हकदार नहीं है. यह आदेश न्यायमूर्ति वी के बिड़ला और न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ ने छात्रा जिज्ञासा तिवारी की याचिका पर दिया है.

याची ने 2019 मे इंटरमीडिएट परीक्षा पास करने के बाद सामान्य श्रेणी में नीट की परीक्षा दी थी. याची ने एनसीसी कोटे में प्रवेश‌ लिया. याची के पास बीईई ग्रेड एनसीसी का बी प्रमाणपत्र है. लेकिन सी प्रमाणपत्र की अर्हता तय की गई है.

पढ़ेंः इलाहाबाद हाई कोर्ट का डीएम को निर्देश, पूछा बिना अधिग्रहण भूमिधरी जमीन पर कैसे बन रहा रास्ता

कॉलेज ने नोटिस दी कि बीईई ग्रेड के साथ एनसीसी का सी प्रमाणपत्र दें अन्यथा प्रवेश निरस्त कर दिया जाएगा. जिसे चुनौती दी गई कि बी प्रमाणपत्र वालों को भी कोटे में प्रवेश की अनुमति दी जानी चाहिए. कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.