प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में प्लेटलेट के नाम पर मौसंबी का जूस चढ़ाने के आरोप के बाद चर्चा में आये ग्लोबल हॉस्पिटल ट्रॉमा सेंटर का रजिस्ट्रेशन अब रद्द कर दिया है. सीएमओ डॉ. नानक सरन ने जांच रिपोर्ट के आधार पर धूमनगंज के झलवा इलाके में चलने वाले इस हॉस्पिटल का पंजीकरण रद्द करने का आदेश जारी कर दिया है. जबकि इससे पहले अस्पताल के रजिस्ट्रेशन को निलंबित करते हुए अस्पताल को सील कर दिया गया था.
सीएमओ की तरफ से रजिस्ट्रेशन रद्द करने के पीछे मरीज के इलाज की दौरान बरती गई लापरवाही को वजह बताया गया है. जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि अस्पताल के निरीक्षण और परीक्षण के दौरान पाया गया कि वहां पर भर्ती किये गए डेंगू मरीज प्रदीप पांडेय के इलाज में कुछ इस तरह की चूक हुई है जो किसी भी अस्पताल में नहीं होनी चाहिए. अस्पताल में इलाज में बरती गई लापरवाही मरीजों के स्वास्थ के लिए हानिकारक हो सकती है. वहीं, इस अस्पताल बगैर नक्शा पास कराए निर्माण करवाने के आरोप में ध्वस्त करने का नोटिस पीडीए ने दिया था, लेकिन ध्वस्तीकरण की कार्यवाई पर अस्पताल की बिल्डिंग के मालिक की याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट से फिलहाल राहत मिल गई है.
अस्पताल पर लगा था प्लेटलेट की जगह जूस चढ़ाने का आरोप
ग्लोबल हॉस्पिटल में डेंगू मरीज प्रदीप पांडेय को कई पैकेट प्लेटलेट चढ़ाने के बाद जब हालत गंभीर होने लगी तो परिजन दूसरे अस्पताल में ले गए.जहां पर इलाज के दौरान 19 अक्टूबर को मरीज की मौत हो गयी. जिसके बाद मृतक का अंतिम संस्कार करने के बाद परिजनों ने ग्लोबल अस्पताल पर प्लेटलेट की जगह मौसंबी का जूस चढ़ाने का गंभीर आरोप लगा दिया.सनसनीखेज आरोप के बाद मामला डिप्टी सीएम तक पहुंच गया. जिसके बाद डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने मामले की जांच का आदेश दिया. उसके बाद पूरे मामले की जांच शुरू की गयी तो पुलिस ने दस लोगों को गिरफ्तार कर प्लेटलेट के नाम पर प्लाज़्मा बेचने का खुलासा कर दिया.उसी दौरान सीएमओ ने अस्पताल का रजिस्ट्रेशन सस्पेंड करते हुए अस्पताल को सील करवा दिया.
अस्पताल का रजिस्ट्रेशन हुआ रद्द और सियासत शुरू हुई
शनिवार को सीएमओ ने ग्लोबल अस्पताल का रजिस्ट्रेशन रद्द करने का आदेश जारी कर दिया.वहीं अब इस मामले में सियासत शुरू हो गयी है.शनिवार को सीएमओ दफ्तर के बाहर मृतक के रिश्तेदार ने जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग को लेकर समाजवादी पार्टी के नेताओं के साथ मिलकर विरोध प्रदर्शन किया. इसी बीच मृतक प्रदीप पांडेय के साले सौरभ ने आत्म दाह करने के लिए अपने ऊपर बोतल में रखे ज्वलनशील लिक्विड को डालने लगा.तभी वहां मौजूद पुलिस वालों ने उसे रोका.इस दौरान सपा नेताओं ने हो हल्ला मचाते हुए आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया.आपको बता दें कि मृतक के साले सौरभ ने इससे पहले ही पुलिस प्रशासन पर आरोपियों को बचाने का आरोप भी लगाया था.हालांकि तीन सदस्यीय जांच कमेटी में यह स्पष्ट कर दिया है कि डेंगू मरीज को मौसंबी का जूस नहीं चढ़ाया गया था.बल्कि गलत रखरखाव की वजह से खराब हुए प्लेटलेट को चढ़ाया गया था.जिससे मरीज की मौत होने की आशंका है.
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