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Watch: रावण के पुतले का दहन होते ही जली हुई लकड़ी लेने के लिए मची होड़, जानिए क्यों? - Pajava Ramlila Committee

प्रयागराज में रावण का दहन देखने (Ravan Dahan in Prayagraj) के लिए राम भक्तों की भीड़ उमड़ी हुई थी.जैसे ही रावण का पुतला जला, उसके बाद वहां मौजूद रावण के पुतले की जली हुई लकड़ी लेने के लिए लोगों में होड़ मच गयी.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 24, 2023, 10:18 PM IST

प्रयागराज में रावण का दहन

प्रयागराज: जिले की प्राचीन पजावा रामलीला कमेटी की तरफ से मंगलवार की शाम रावण दहन किया गया. दशहरे के पावन पर्व पर राम रावण संवाद के बाद प्रभु श्री राम ने दशानन पर बाण से हमला कर उसका वध कर दिया. जैसे ही मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम ने रावण का वध किया, वैसे ही पूरा रामलीला मैदान जय श्री राम के जयघोष से गूंज उठा. पजावा रामलीला कमेटी की तरफ से 15 फीट ऊंचे रावण का दहन किया गया. जिसके बाद देखते ही देखते चंद पलों में रावण का पुतला धूं धूकर जल उठा. रावण दहन की ये लीला देखने के लिए वहां पर राम भक्तों की भीड़ उमड़ी हुई थी.

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प्रयागराज की पजावा रामलीला कमेटी (Pajava Ramlila Committee of Prayagraj) की तरफ से यमुना किनारे बरगद घाट पर रावण के पुतले का दहन किया गया. प्रयागराज की भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी और महापौर गणेश केशरवानी ने रावण वध की लीला से पहले मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम, लक्ष्मण, सीता और बजरंग बली की आरती उतारी. पजावा रामलीला कमेटी की तरफ से आयोजित रावण दहन की लीला को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग जुटे हुए थे.

बरगद घाट पर रावण के पुतले का दहन का देखने पहुंचे लोग.
बरगद घाट पर रावण के पुतले का दहन का देखने पहुंचे लोग.

इसे भी पढ़े-यूपी में दुर्गा मूर्ति विसर्जन व रावण दहन में 13 लोगों की गई जान, बचे हुए पुतलों का जल्द होगा दहन


पजावा रामलीला कमेटी की तरफ से होने वाले रावण दहन कार्यक्रम में जैसे ही रावण का पुतला जला, उसके बाद वहां मौजूद रावण के पुतले की जली हुई लकड़ी लेने के लिए लोगों में होड़ सी मच जाती है. ऐसी मान्यता है कि रावण के दहन के बाद जो लकड़ी बचती है, उसे घर के बाहर ले जाकर रखने से किसी प्रकार बाधा नहीं आती है. यही वजह है कि लोग रावण के पुतले की जली हुई लकड़ी अपने अपने घरों को ले जाने के लिए जुटे रहते हैं.

यह भी पढ़े-अनोखी परंपरा! यहां दो बूंद मदिरा पिलाकर होता है रावण का दहन

प्रयागराज में रावण का दहन

प्रयागराज: जिले की प्राचीन पजावा रामलीला कमेटी की तरफ से मंगलवार की शाम रावण दहन किया गया. दशहरे के पावन पर्व पर राम रावण संवाद के बाद प्रभु श्री राम ने दशानन पर बाण से हमला कर उसका वध कर दिया. जैसे ही मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम ने रावण का वध किया, वैसे ही पूरा रामलीला मैदान जय श्री राम के जयघोष से गूंज उठा. पजावा रामलीला कमेटी की तरफ से 15 फीट ऊंचे रावण का दहन किया गया. जिसके बाद देखते ही देखते चंद पलों में रावण का पुतला धूं धूकर जल उठा. रावण दहन की ये लीला देखने के लिए वहां पर राम भक्तों की भीड़ उमड़ी हुई थी.

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प्रयागराज की पजावा रामलीला कमेटी (Pajava Ramlila Committee of Prayagraj) की तरफ से यमुना किनारे बरगद घाट पर रावण के पुतले का दहन किया गया. प्रयागराज की भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी और महापौर गणेश केशरवानी ने रावण वध की लीला से पहले मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम, लक्ष्मण, सीता और बजरंग बली की आरती उतारी. पजावा रामलीला कमेटी की तरफ से आयोजित रावण दहन की लीला को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग जुटे हुए थे.

बरगद घाट पर रावण के पुतले का दहन का देखने पहुंचे लोग.
बरगद घाट पर रावण के पुतले का दहन का देखने पहुंचे लोग.

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पजावा रामलीला कमेटी की तरफ से होने वाले रावण दहन कार्यक्रम में जैसे ही रावण का पुतला जला, उसके बाद वहां मौजूद रावण के पुतले की जली हुई लकड़ी लेने के लिए लोगों में होड़ सी मच जाती है. ऐसी मान्यता है कि रावण के दहन के बाद जो लकड़ी बचती है, उसे घर के बाहर ले जाकर रखने से किसी प्रकार बाधा नहीं आती है. यही वजह है कि लोग रावण के पुतले की जली हुई लकड़ी अपने अपने घरों को ले जाने के लिए जुटे रहते हैं.

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