प्रयागराज: उमेश पाल शूट आउट को देखते हुए बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड में घायल गवाह रुखसाना बेगम और उसके शौहर मोहम्मद सादिक ने अतीक अहमद गैंग से जान का खतरा बताते हुए सुरक्षा के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है.
रुखसाना और उसके शौहर की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया है कि वह भी राजू पाल मर्डर केस में गवाह है. इसी मामले में गवाही को लेकर उसे धमकाया व प्रताड़ित किया गया. जब राजू पाल हत्याकांड की जांच सीबीआई को सौंप दी गई और याची ने सीबीआई को अपना बयान दिया तो उसे और उसके शौहर को अतीक अहमद के गैंग के लोगों ने फिर धमकाया और प्रताड़ित किया था. इन घटनाओं के लिए उन्होंने अतीक अहमद व अन्य के खिलाफ 2007 व 2017 में एफआईआर दर्ज कराई है.
याचिका में कहा गया है कि राजू पाल हत्याकांड के चश्मदीद गवाह उमेश पाल की दो गनर सहित दिनदहाड़े हत्या कर दी गई. ऐसे में याचियों की जान को भी खतरा है. साथ ही अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ एवं उनके गैंग के आतंक को देखते हुए राजू पाल तिहरे हत्याकांड के ट्रायल में सीबीआई कोर्ट लखनऊ के समक्ष गवाही देने में याचियों को भय लग रहा है. इसलिए याचियों की सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था करने और उन्हें तीन सशस्त्र जवान मुहैया कराने का निर्देश दिया जाए.
उल्लेखनीय है कि इससे पहले राजूपाल हत्याकांड के गवाह कौशांबी के ओमप्रकाश ने भी अपनी जान का खतरा बताते हुए सुरक्षा की मांग की थी. ओमप्रकाश ने भी आरोप लगाया था कि राजूपाल हत्या कांड में अतीक अहमद के शूटर अब्दुल कवि ने उसे भी गवाही न देने की धमकी दी थी. बात न मानने पर उस पर फायरिंग भी की थी.
बल्ली पंडित की पत्नी ने की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका: उमेश पाल शूट आउट को लेकर पुलिस हिरासत में लिए गए अतीक अहमद के करीबी सुधांशु त्रिपाठी उर्फ बल्ली पंडित को छुड़ाने के लिए उसकी पत्नी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की है. बल्ली पंडित की पत्नी की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया है कि 24 फरवरी को हुए उमेश पाल शूट आउट को लेकर एसटीएफ के सीओ 11 मार्च को याची के पति को घर से पकड़ ले गए. अगले दिन याची पति को तलाशते हुए पहुंची तो सीओ एसटीएफ ने पूछताछ के बाद उसके पति को छोड़ देने का आश्वासन दिया लेकिन याची के पति को अब तक नहीं छोड़ा गया है. पुलिस उसे अवैध हिरासत में रखे हुए है. याचिका में बल्ली पंडित को पुलिस की अवैध हिरासत से छुड़ाने की मांग की गई है.