प्रयागराजः प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर योगी सरकार बड़ी तैयारी में है. उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने कहा है कि आने वाले पंचायत चुनाव में जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख का चुनाव सीधे जनता करेगी. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार समय नहीं मिल पाया, लेकिन अगली बार जनता खुद अपना जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख चुने इस पर सरकार विचार कर रही है. हालांकि केशव मौर्या के बयान में कुछ नया नहीं है, इसके पहले दिसंबर 2019 में योगी सरकार केंद्र सरकार को संविधान संशोधन के माध्यम से यह व्यवस्था लागू करने के लिए लिख चुकी है.
बता दें कि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने सोमवार को जिला पंचायत अध्यक्ष और सदस्यों के शपथ ग्रहण समारोह में प्रयागराज पहुंचे थे. पंचायत चुनाव की निष्पक्षता पर उठे सवाल पर केशव मौर्या ने कहा कि सरकार इसको लेकर गंभीर है. हम इस बार ही इन चुनाव में जनता को सीधे जोड़ने की तैयारी में थे, लेकिन समय नहीं मिल पाया. अभी पांच साल का वक्त है, ऐसे में आने वाले पंचायत चुनाव में जनता विधायक और सांसद की तरह ही अपना जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख चुनेगी, सरकार इस पर विचार कर रही है.
शपथ ग्रहण समारोह में केशव मौर्या ने कहा कि वर्तमान में चुनाव की जो परिस्थितियां हैं, उसका उल्लेख तो नहीं किया जा सकता, लेकिन हर शख्स उससे भलीभांति वाकिफ है. उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव में धनबल और बाहुबल के इस्तेमाल से स्थितियां काफी खराब हो जाती हैं. ऐसे में जनता ही पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख को चुने, इस दिशा में सरकार काम कर रही है.
बता दें कि हाल ही में संपन्न हुए जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख चुनाव में प्रदेश भर में हिंसा की घटनाएं देखी गई. बीजेपी और सपा के कार्यकर्ताओं की झड़प की खबरें भी आई. कई जगहों पर उम्मीदवारों पर पंचायत सदस्यों और बीडीसी के अपहरण करने कर अपने पक्ष में मतदान कराने के भी आरोप लगे. नामांकन और मतदान के वक्त प्रत्याशियों के पर्चे छींनने और महिलाओं के साथ अभद्रता की भी खबरें आम हुईं. पुलिस पर भी हमले की खबरें आईं. इस तरह से हिंसा की घटनाएं देश भर में सुर्खियां बन गईं. घटनाओं पर विपक्ष सरकार पर हमलावर है. यही नहीं समाजवादी पार्टी का तो यहां तक कहना है कि पंचायत सदस्यों के चुनाव में जनता ने सपा को समर्थन दिया, लेकिन अध्यक्ष पद के चुनाव पर बीजेपी ने सत्ता का दुरपयोग कर अपने प्रत्याशी को जिताने में कामयाब रही.
केंद्र को पहले ही प्रस्ताव भेज चुकी है योगी सरकार
पंचायत चुनाव से पहले दिसंबर 2019 में योगी सरकार पंचायत चुनाव सीधे जनता से कराने की सिफारिश करते हुए केंद्र को प्रस्ताव भेज चुकी है. इस प्रस्ताव में प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार से संविधान संशोधन के माध्यम से यह व्यवस्था लागू करने के लिए लिखा है. यह प्रस्ताव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ से केंद्र सरकार को भेजा गया है.
इसके पीछे इस चुनावों से धनबल और बाहुबल से चुनाव जीतने की घटनाओं को रोकने के नजरिए से देखा जा रहा है. इन मामलों की पुनरावृत्ति रोकने और जिला पंचायत अध्यक्ष, ब्लाक प्रमुखों के चुनाव की प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाए जाने को लेकर राज्य सरकार ने यह प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है. राज्य सरकार की तरफ से भेजे गए प्रस्ताव में राज्य निर्वाचन आयोग की एक रिपोर्ट को आधार बनाया गया है.
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कैसे होता है जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख का चुनाव
अभी हाल में ही राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न हुआ है. ये तीनों स्तर ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत है. इसमें ग्राम पंचायत में जनता वोट देकर सीधे अपने गांव का प्रधान चुनती है. इसके अलावा जनता अपना जिला पंचायत सदस्य और क्षेत्र पंचायत सदस्य (बीडीसी) चुनती है. आगे सभी जिला पंचायत सदस्य जिले के लिए एक जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव करती है और बीडीसी ब्लॉक प्रमुख का चुनाव करते हैं.
यहीं शुरू हो जाता है, धनबल और बाहुबल का खेल. राजनीतिक पार्टियां अपने पक्ष में मतदान कराने के लिए इस सदस्यों पर दबाव बनाती हैं. सदस्यों पर दबाव बनाने के लिए कभी उनके अपहरण की खबर आती है तो कभी पैसे के दम पर वोट खरीदने की खबरें सुर्खियां बनती हैं. इसके इतर नगर क्षेत्र की बात करें तो यहां जनता अपना मेयर और पार्षद खुद चुनती है. जिससे नगर पालिका और नगर के चुनाव में इस तरह की घटनाएं कम ही सुनाई देती हैं.