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अंग्रेजों के जमाने का जेल कानून बदलेगा, कैदियों को मिलेगी राहत

अंग्रेजों के जमाने का जेल कानून बदलेगा. इससे कैदियों को खासी राहत मिलेगी. चलिए जानते हैं इस बारे में.

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Published : Jun 17, 2023, 5:18 PM IST

प्रयागराजः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को प्रदेश भर की जेलों की स्थिति को लेकर बैठक की.साथ ही अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे जेल के नियम कानून में संशोधन करने संबंधी प्रस्ताव बनाने की बात कही है. इससे जेलों में सुधार संबंधी कार्य किये जा सकेंगे. साथ ही उन्होंने जेलों के अंदर की व्यवस्था को लेकर उसमें सुधार किए जाने के संबंध में जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं.जेलों को लेकर सीएम के इस निर्देश के बाद प्रदेश भर की जेलों में बंद हजारों बंदियों को काफी राहत मिलने की उम्मीद है.

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उत्तर प्रदेश की कई जेलों में क्षमता से अधिक बंदी बंद है.जेलों में क्षमता से ज्यादा बंदी बंद होने की वजह से जेलों में बंदियों को कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. वहीं, जेलों की सुरक्षा को लेकर भी समय-समय पर सवाल उठते रहे हैं. सीएम योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को लखनऊ में सूबे की जेलों की वर्तमान स्थिति को देखते हुए अफसरों लेकर एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की थी. समीक्षा बैठक में सीएम योगी आदित्यनाथ ने जेलों को सुधार गृह के रूप में स्थापित करने और प्रदेश के सालों पुराने प्रिजन एक्ट में संशोधन करने का निर्देश दिया है.

संशोधन से बंदियों को मिलेगी राहत
अंग्रेजो के समय में बनाये गए जेल अधिनियम में अब योगी सरकार संशोधन करने की तैयारी कर चुकी है. अंग्रेजों ने अपनी हुकूमत के समय जो कानून बनाए थे, अब इस कानून में कई ऐसी बातें हैं जो वर्तमान समय में प्रासंगिक नहीं है. प्रिजन एक्ट 1894 का मकसद है कि अपराधियों को जेलों में अनुशासित ढंग से सख्ती के साथ जेल में रखा जाए लेकिन मौजूदा समय में जेलों में बंद बंदियों के जीवन स्तर में सुधार और उनके पुनर्वासन पर बल दिया जा रहा है.यही वजह है कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने जेलों को सुधार गृह के रूप में स्थापित करने के साथ ही संशोधित प्रिजन एक्ट बनाने का निर्देश दिया है.

नैनी सेंट्रल जेल में क्षमता से दोगुने बंदी
प्रयागराज की नैनी सेंट्रल में क्षमता से दोगुने के करीब बंदी हैं. नैनी सेंट्रल जेल की बंदी क्षमता 2060 की है जबकि इस वक्त नैनी सेंट्रल जेल में 3520 बंदी बंद हैं. इसमें 147 महिला बंदी भी शामिल हैं. इसके अलावा 1105 दोष सिद्ध कैदी और 2415 विचाराधीन बंदी बंद हैं. इस वक्त जम्मू कश्मीर के कई आतंकवादियों को भी नैनी सेंट्रल जेल में रखा गया है जबकि पूर्वांचल के कई बड़े माफिया और उनके गुर्गे भी नैनी सेंट्रल जेल में बंद हैं. वहीं जेल में बंद क्षमता से अधिक बंदियों के बंद होने की वजह से जेल में किसी भी तरह की अनहोनी होने की आशंका रहती है.

नैनी सेंट्रल जेल में नया परिसर बनकर होने वाला है तैयार
नैनी सेंट्रल जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक रंग बहादुर पटेल का कहना है कि जेल परिसर में जिला जेल का निर्माण चल रहा है जो अंतिम दौर में है और नया जेल परिसर लगभग बनकर तैयार होने वाला है. उनका यह भी कहना है कि जिला जेल के बनकर तैयार होने के बाद जेल का संचालन शुरू होने से नैनी सेंट्रल जेल से बड़ी संख्या में विचाराधीन बंदियों को जिला जेल में शिफ्ट कर दिया जाएगा. अभी बन रही जिला जेल की क्षमता 2088 बंदियों की है जिसके बनकर तैयार होने के बाद क्षमता से अधिक बंदियों की समस्या का समाधान हो जाएगा. यही नहीं जेल के निमयों कानून में संशोधन होने के बाद बंदियों की तमाम तरह की समस्याओं का समाधान हो जाएगा. बंदियों के रहने खाने और रहने की हर प्रकार की समस्या से भी निजात मिल जाएगी. इसके साथ ही नए संशोधन की वजह से बंदियों के जीवन स्तर में सुधार होगा और बंदी सुधार के प्रयास भी शुरू होंगे.

ये भी पढ़ें: आठ साल के बच्चे ने नानी को पत्नी और मां को बताया बेटी, पुनर्जन्म का दावा, देखिए Video

प्रयागराजः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को प्रदेश भर की जेलों की स्थिति को लेकर बैठक की.साथ ही अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे जेल के नियम कानून में संशोधन करने संबंधी प्रस्ताव बनाने की बात कही है. इससे जेलों में सुधार संबंधी कार्य किये जा सकेंगे. साथ ही उन्होंने जेलों के अंदर की व्यवस्था को लेकर उसमें सुधार किए जाने के संबंध में जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं.जेलों को लेकर सीएम के इस निर्देश के बाद प्रदेश भर की जेलों में बंद हजारों बंदियों को काफी राहत मिलने की उम्मीद है.

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उत्तर प्रदेश की कई जेलों में क्षमता से अधिक बंदी बंद है.जेलों में क्षमता से ज्यादा बंदी बंद होने की वजह से जेलों में बंदियों को कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. वहीं, जेलों की सुरक्षा को लेकर भी समय-समय पर सवाल उठते रहे हैं. सीएम योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को लखनऊ में सूबे की जेलों की वर्तमान स्थिति को देखते हुए अफसरों लेकर एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की थी. समीक्षा बैठक में सीएम योगी आदित्यनाथ ने जेलों को सुधार गृह के रूप में स्थापित करने और प्रदेश के सालों पुराने प्रिजन एक्ट में संशोधन करने का निर्देश दिया है.

संशोधन से बंदियों को मिलेगी राहत
अंग्रेजो के समय में बनाये गए जेल अधिनियम में अब योगी सरकार संशोधन करने की तैयारी कर चुकी है. अंग्रेजों ने अपनी हुकूमत के समय जो कानून बनाए थे, अब इस कानून में कई ऐसी बातें हैं जो वर्तमान समय में प्रासंगिक नहीं है. प्रिजन एक्ट 1894 का मकसद है कि अपराधियों को जेलों में अनुशासित ढंग से सख्ती के साथ जेल में रखा जाए लेकिन मौजूदा समय में जेलों में बंद बंदियों के जीवन स्तर में सुधार और उनके पुनर्वासन पर बल दिया जा रहा है.यही वजह है कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने जेलों को सुधार गृह के रूप में स्थापित करने के साथ ही संशोधित प्रिजन एक्ट बनाने का निर्देश दिया है.

नैनी सेंट्रल जेल में क्षमता से दोगुने बंदी
प्रयागराज की नैनी सेंट्रल में क्षमता से दोगुने के करीब बंदी हैं. नैनी सेंट्रल जेल की बंदी क्षमता 2060 की है जबकि इस वक्त नैनी सेंट्रल जेल में 3520 बंदी बंद हैं. इसमें 147 महिला बंदी भी शामिल हैं. इसके अलावा 1105 दोष सिद्ध कैदी और 2415 विचाराधीन बंदी बंद हैं. इस वक्त जम्मू कश्मीर के कई आतंकवादियों को भी नैनी सेंट्रल जेल में रखा गया है जबकि पूर्वांचल के कई बड़े माफिया और उनके गुर्गे भी नैनी सेंट्रल जेल में बंद हैं. वहीं जेल में बंद क्षमता से अधिक बंदियों के बंद होने की वजह से जेल में किसी भी तरह की अनहोनी होने की आशंका रहती है.

नैनी सेंट्रल जेल में नया परिसर बनकर होने वाला है तैयार
नैनी सेंट्रल जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक रंग बहादुर पटेल का कहना है कि जेल परिसर में जिला जेल का निर्माण चल रहा है जो अंतिम दौर में है और नया जेल परिसर लगभग बनकर तैयार होने वाला है. उनका यह भी कहना है कि जिला जेल के बनकर तैयार होने के बाद जेल का संचालन शुरू होने से नैनी सेंट्रल जेल से बड़ी संख्या में विचाराधीन बंदियों को जिला जेल में शिफ्ट कर दिया जाएगा. अभी बन रही जिला जेल की क्षमता 2088 बंदियों की है जिसके बनकर तैयार होने के बाद क्षमता से अधिक बंदियों की समस्या का समाधान हो जाएगा. यही नहीं जेल के निमयों कानून में संशोधन होने के बाद बंदियों की तमाम तरह की समस्याओं का समाधान हो जाएगा. बंदियों के रहने खाने और रहने की हर प्रकार की समस्या से भी निजात मिल जाएगी. इसके साथ ही नए संशोधन की वजह से बंदियों के जीवन स्तर में सुधार होगा और बंदी सुधार के प्रयास भी शुरू होंगे.

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