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गंगा का जलस्तर बढ़ने से माघ मेले की तैयारियों में रोड़ा, जानें अब कैसे होगा आयोजन

प्रयागराज में जनवरी माह से शुरू होने वाले माघ मेले की तैयारियों में अड़चन आ रही है. गंगा नदी के बढ़े जलस्तर के चलते संगम के आसपास का पूरा कछारी इलाका गंगा के पानी से जलमग्न हो गया है. इसके बाद अब गंगा का जलस्तर कम होने पर ही इन क्षेत्रों में भूमि के समतलीकरण शुरू हो सकेगा.

मेले की तैयारी में रोड़ा
मेले की तैयारी में रोड़ा
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Published : Oct 31, 2021, 2:55 PM IST

प्रयागराज : गंगा का बढ़ता जलस्तर माघ मेले की तैयारियों में रोड़ा बन रहा है. बांधों से छोड़े गए पानी की वजह से इन दिनों प्रयागराज में संगम के आसपास का पूरा कछारी इलाका गंगा के पानी से जलमग्न हो गया है.

अचानक से बढ़े जलस्तर के चलते संगम में तख्त लगाकर श्रद्धालुओं को टीका चंदन लगाने वाले पुरोहित भी परेशान हैं. पुरोहितों को अपना सामान समेटकर ऊपर की तरफ जाना पड़ा तो वहीं दूसरी तरफ तेज बहाव की वजह से लोगों को डुबकी लगाने में भी परेशानी हो रही है.

माघ मेला तैयारी में रोड़ा

बता दें, प्रयागराज में जनवरी महीने में माघ मेला शुरू होता है. इसके लिए तैयारियां कई महीने पहले से शुरू हो जाती हैं लेकिन इस बार गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से तैयारियों में अड़चन आ रही है. इसके चलते तैयारियां पिछड़ सकती हैं.

अफसरों का कहना है कि 12 लाख क्यूसेक से अधिक पानी गंगा में छोड़ा जा चुका है. इस पानी के आगे गुजरने के बाद ही मेला के कछारी इलाके में कार्य शुरू होगा. तब तक परेड व अन्य हिस्सों में होने वाले कार्यों की शुरुआत की जा रही है. इससे मेले को बसाने में किसी तरह की दिक्कत न हो.

वहीं, हमेशा संगम स्नान करने वाले श्रद्धालुओं का भी यही कहना है कि इस मौसम में गंगा का पानी बढ़ना हैरत में डालने वाला है. संगम पर नदी के तेज बहाव में गंगा में डुबकी लगाना भी आसान नहीं है. दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालू भी यही कह रहे हैं कि इस मौसम में संगम में इतना पानी पहले नहीं देखा गया.

वहीं, संगम घाट पर तख्त लगाकर टीका चंदन लगाने वाले पुरोहित ने बताया कि बहुत साल पहले भी कार्तिक महीने में इसी तरह से गंगा का जलस्तर बढ़ा था. उस साल भी माघ मेला की तैयारियों को पूरा करने में देर हुई थी.

इसे भी पढ़ें-देश में देसी गाय के गोबर से बने दीयों की धूम, बढ़ रही मांग

प्रयागराज : गंगा का बढ़ता जलस्तर माघ मेले की तैयारियों में रोड़ा बन रहा है. बांधों से छोड़े गए पानी की वजह से इन दिनों प्रयागराज में संगम के आसपास का पूरा कछारी इलाका गंगा के पानी से जलमग्न हो गया है.

अचानक से बढ़े जलस्तर के चलते संगम में तख्त लगाकर श्रद्धालुओं को टीका चंदन लगाने वाले पुरोहित भी परेशान हैं. पुरोहितों को अपना सामान समेटकर ऊपर की तरफ जाना पड़ा तो वहीं दूसरी तरफ तेज बहाव की वजह से लोगों को डुबकी लगाने में भी परेशानी हो रही है.

माघ मेला तैयारी में रोड़ा

बता दें, प्रयागराज में जनवरी महीने में माघ मेला शुरू होता है. इसके लिए तैयारियां कई महीने पहले से शुरू हो जाती हैं लेकिन इस बार गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से तैयारियों में अड़चन आ रही है. इसके चलते तैयारियां पिछड़ सकती हैं.

अफसरों का कहना है कि 12 लाख क्यूसेक से अधिक पानी गंगा में छोड़ा जा चुका है. इस पानी के आगे गुजरने के बाद ही मेला के कछारी इलाके में कार्य शुरू होगा. तब तक परेड व अन्य हिस्सों में होने वाले कार्यों की शुरुआत की जा रही है. इससे मेले को बसाने में किसी तरह की दिक्कत न हो.

वहीं, हमेशा संगम स्नान करने वाले श्रद्धालुओं का भी यही कहना है कि इस मौसम में गंगा का पानी बढ़ना हैरत में डालने वाला है. संगम पर नदी के तेज बहाव में गंगा में डुबकी लगाना भी आसान नहीं है. दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालू भी यही कह रहे हैं कि इस मौसम में संगम में इतना पानी पहले नहीं देखा गया.

वहीं, संगम घाट पर तख्त लगाकर टीका चंदन लगाने वाले पुरोहित ने बताया कि बहुत साल पहले भी कार्तिक महीने में इसी तरह से गंगा का जलस्तर बढ़ा था. उस साल भी माघ मेला की तैयारियों को पूरा करने में देर हुई थी.

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