प्रयागराजः उमेश पाल हत्याकांड को अंजाम देने के बाद वारदात में शामिल 6 शूटरों का कुछ पता नहीं चला है. सरेआम सड़क पर बमबाजी और फायरिंग करने वाले हमलवार वारदात को अंजाम देने के बाद तय प्लान के मुताबिक प्रयागराज से भागकर बिहार और दिल्ली होते हुए पंजाब जाने की आशंका है. वारदात में शामिल अतीक का बेटा और दूसरे शूटर अलग-अलग रास्तों से यूपी से बाहर भागने की सूचना है.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अतीक अहमद का बेटा जहां दिल्ली के रास्ते पंजाब जा सकता है. वहीं, दूसरे फरार हमलावरों के बिहार में छिपे होने की संभावना है. उसी के आधार पर पुलिस और एसटीएफ की टीमें यूपी के साथ ही बिहार और पंजाब तक का चक्कर काट रही हैं लेकिन घटना के 8 दिन बाद पुलिस क्राइम ब्रांच और तेज तर्रार यूपी एसटीएफ खाली हाथ ही है.
प्रयागराज हत्याकांड में शामिल सिर्फ एक आरोपी गिरफ्तार- उमेश पाल हत्याकांड में अभी तक पुलिस सिर्फ एक आरोपी सदाकत को ही गिरफ्तार कर सकी है जबकि हमलावरों की गाड़ी चला रहा अरबाज पुलिस मुठभेड़ में ढेर हो चुका है. वहीं, जिस सदाकत के कमरे में यह प्लान बनाया गया था पुलिस को उसकी कॉल डिटेल और बयान के आधार पर पुलिस को कुछ अहम जानकारियां मिली हैं. पुलिस को पता चला कि उमेश पाल की हत्या करने के बाद शूटर कार और बाइक से अतीक के घर के पास से होते हुए प्रयागराज से सटी कौशांबी सीमा पर पहुंच गए थे. यहां हमलवारों की एक टीम ने रात बितायी थी इसके बाद वे कानपुर होते हुए दिल्ली के रास्ते पंजाब भाग गए. इसके साथ ही बदमाशों की दूसरी टीम के भागकर बिहार पहुंचने की सूचना मिली है.
शूटरों को प्रयागराज से भगाने में अतीक अहमद के घर के पास रहने वाले एक पड़ोसी का हाथ बताया जा रहा है. पुलिस को शक है कि उसी की मदद से हमलावरों को भागने में सफलता मिली है. इन्हीं मददगार की वजह से हमलावरों ने प्रयागराज कौशांबी बॉर्डर पर किसी सुरक्षित स्थान पर रात गुजारी और सुबह सूरज निकलते ही बाइक से शहर से बाहर भाग निकले.
पुलिस की भनक लगने से पहले फरार हुए हमलावर: प्रयागराज और कौशाम्बी बॉर्डर पर शूटरों के रात बिताने की भनक पुलिस को लग गयी है. इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची लेकिन तब तक सारे हमलावर वहां से फरार हो चुके थे. पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा ने उस बीच प्रयागराज से लेकर फतेहपुर जिले तक की सीमा को सील करवा दिया था. लेकिन तब तक हमलावर फरार हो चुके थे. कौशांबी के रास्ते कानपुर और वहां से पब्लिक ट्रांसपोर्ट का सहारा लेकर हमलावरों के दिल्ली होते हुए पंजाब पहुमचने का अनुमान है. जबकि इसी तरह से शूटरों की दूसरी टीम बिहार तक पहुमच गयी है. इसी सूचना के आधार पर पुलिस की अलग- -अलग टीमें बिहार और पंजाब में भी बदमाशों की तलाश में जुटी हुई हैं.
मुख्तार गैंग से भी मदद लेने का शक- उमेश पाल हत्याकांड के 8 दिन बाद भी पुलिस वारदात में शामिल किसी भी शूटर को पकड़ नहीं सकी है.शूटरों के पुलिस के हत्थे न चढ़ पाने के पीछे एक वजह यह भी बतायी जा रही है कि फरार आरोपियों के छिपने में माफिया मुख्तार अंसारी के गैंग से मदद लेने की आशंका है. इसी वजह से यह भी शक जताया जा रहा है प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड में शामिल हमलावर पंजाब में शरण लिए हुए हैं. इसके साथ ही अन्य आरोपियों के बिहार में छिपे होने की भी आशंका है. यही नहीं वारदात में शामिल एक आरोपी अरमान के द्वारा दूसरे नाम से बिहार में सरेंडर करने की भी चर्चा थी. हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है.
पुलिस के साथ ही एसटीएफ भी तलाश में जुटी- उमेश पाल हत्याकांड में शामिल एक आरोपी को मुठभेड़ में मारे जाने के बाद से ही अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है. शूटआउट में दिख रहे 6 में से एक भी आरोपी तक पुलिस नहीं पहुंच सकी है. एक तरफ जहां पुलिस की 10 टीमें बदमाशों को तलाश कर रही है. वहीं, यूपी एसटीएफ के आईजी अमिताभ यश की अगुवाई में एसटीएफ की कई टीमें भी इस सनसनीखेज वारदात में शामिल आरोपियों को तलाशने में जुटी हुई है लेकिन पुलिस के साथ ही यूपी एसटीएफ की टीम भी आरोपियों का पता लगा पाने में फिलहाल नाकाम साबित हो रही है.
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