प्रयागराज: जिले के नगर निगम मुख्यालय की इमारत जर्जर घोषित(dilapidated building of Municipal Corporation) हो चुकी है. हालांकि इसके बावजूद नगर निगम का सारा कामकाज इसी इमारत से चल रहा है. इसी के साथ पिछले दिनों मुट्ठीगंज में जर्जर मकान गिरने(dilapidated house collapsed in fistganj) से चार लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद से नगर निगम ने शहर के चिन्हित 170 जर्जर मकानों को गिराने के लिए नोटिस जारी कर दिया है. इसके जरिये कहा गया है कि हफ्ते भर में मरम्मत न करवाने या जवाब न देने पर जर्जर मकानों को गिराने की कार्रवाई की जाएगी.
नगर निगम शहर के जर्जर भवनों को गिराने के लिए उनके मालिकों को नोटिस दे रहा है. जबकि नगर निगम मुख्यालय की बिल्डिंग जो सौ साल पहले बनी थी. उस बिल्डिंग को एमएनएनआईटी के एक्सपर्ट्स की कमेटी ने निरीक्षण के बाद जर्जर घोषित करते हुए गिराने की सलाह दी थी. लेकिन, नगर निगम ने उस रिपोर्ट को मानने की जगह पुरातत्व विभाग से दूसरी बार सर्वे करवाया. इसमें पुरातत्व विभाग की रिपार्ट में भवन को ऐतिहासिक बताते हुए न गिराने की बात कही थी. लेकिन, इसके साथ ही नगर निगम के इमारत की मरम्मत और ज्यादा जर्जर इलाके को गिराने की बात भी उसी रिपोर्ट में कही गई थी. लेकिन, उसके बावजूद नगर निगम का पूरा कामकाज उसी सौ साल पुरानी जर्जर इमारत से चलाया जा रहा है. हालांकि अब नगर निगम इसी परिसर में कुछ नए निर्माण करवाने के साथ ही मरम्मत का काम भी करवा रहा है.
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महापौर अभिलाषा गुप्ता नंदी का कहना है कि शहर में 170 जर्जर मकान चिन्हित हैं. जिनको गिराने के लिए नोटिस दिया जा रहा है. इसके साथ ही जो मकान मरम्मत से सुधर सकते हैं उनकी मरम्मत का भी निर्देश दिया जा रहा है. महापौर का यह भी कहना है कि जर्जर भवन के गिरने से उसमें दबकर लोगों के जानमाल का नुकसान न हो इसी वजह से जर्जर मकानों को गिराने के लिए नोटिस भेजने की कार्यवाई की जा रही है.
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