प्रयागराज: संगम नगरी प्रयागराज में माघ मेला का पहला स्नान पर्व 15 जनवरी को है. स्नान के पहले ही मेला क्षेत्र में साधु संतों का शिविर लगाने का काम शुरू हो गया है. वहीं, माघ मेला प्रशासन द्वारा मेला क्षेत्र में सभी विभागों की तरफ से सभी कार्यों के पूरा होने का दावा किया गया है. साथ ही यह भी दावा किया जा रहा है कि जो कमियां हैं उन्हें निरन्तर दूर किया जाता रहेगा, लेकिन मेला क्षेत्र में हफ्ते भर से डेरा जमाए हुए साधु संतों को बिजली कनेक्शन और पीने के लिए पानी तक नहीं मिल रहा है. मेला क्षेत्र में रहने वाले साधु संत शासन प्रशासन से व्यवस्थाएं सुधारने की लगातार मांग कर रहे हैं.
संगम किनारे गंगा की रेती पर बसने वाले माघ मेला में इस समय सभी विभागों के कार्य अधूरे दिख रहे हैं. मेला का पहला स्नान पर्व मकर संक्रांति 15 जनवरी को होने वाला है. माघ मेला के प्रथम स्नान पर्व से पहले मेला क्षेत्र में शिविर लगाने के लिए साधु संत डेरा जमाए दिए हैं. इसी बीच कई साधु संत ऐसे हैं जो अपने शिविर का निर्माण करवाने में जुटे हुए हैं. इसके अलावा मेला क्षेत्र में रहकर कल्पवास करने वाले तमाम साधु-संत इस वक्त अपनी कुटिया बनवा रहे हैं. इन साधु-संतों ने कहा कि वो हफ्ते भर से मेला क्षेत्र में रहकर अपने शिविरों का निर्माण करवा रहे हैं, लेकिन इस बीच उन्हें मेला प्रशासन की तरफ से दी जाने वाली कोई सुविधा नहीं मिल रही है. इसलिए वह मजबूरी में बिजली, पानी, शौचालय के बिना रहकर अपने शिविर का निर्माण करवा रहे हैं.
बता दें कि प्रयागराज माघ मेला प्रशासन द्वारा मकर संक्राति को देखते हुए इन दिनों सभी विभगों के कार्य तेजी से कराए जा रहै हैं, लेकिन अभी तक मेला क्षेत्र में जिन साधु संतों के शिविर निर्माण करवाये जा रहे हैं. उनके शिविरों तक बिजली पानी शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं. संतो का आरोप है कि मेला में जो भी कार्य हो रहे हैं वो सभी कार्य बेहद सुस्त गति से हो रहे हैं. जिसका नतीजा है कि उनके शिविर में नल तो लगा दिए गए हैं, लेकिन उन नलों में पानी का सप्लाई चालू नहीं हुआ है. सूखे हुए नलों को दिखाकर साधु संत गुहार लगा रहे हैं कि उन्हें शिविरों में रहने के लिए जरूरी सुविधाएं दिलवाई जाएं, जिससे वो पहले स्नान पर्व तक मेला क्षेत्र में शांति से रह सकें.
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