प्रयागराज: देश-दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन कुम्भ प्रयागराज में होता है. ऐसे में लॉकडाउन के चलते संगमनगरी में चारों तरफ पसरा सन्नटा पसरा हुआ था, लेकिन 8 जून से धार्मिक स्थल खोले जाने के बाद संगम धीरे-धीरे गुलजार होने लगा है. इसके साथ ही जिला प्रशासन की तरफ से छूट मिलने के बाद नाविकों ने अब नावों को चलाना शुरू कर दिया है. कोरोना महामारी के नियमों का पालन करते हुए श्रद्धालुओं ने नौकायन कराया जा रहा है. शाम होते ही घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिलने लगी है. दूर-दूर से आने वाले भक्त गंगा-यमुना में आस्था की डुबकी लगाने के लिए संगमनगरी पहुंचने लगे हैं.
सुरक्षा पर दिया जा रहा जोर
नाविक ने बताया कि अनलॉक-1 में नावों को फिर से श्रद्धालुओं के लिए चलाना शुरू कर दिया गया है. यात्रियों की सुरक्षा का ध्यान रखकर लाइफ जैकेट पहनाकर ही नाव में बैठाने की अनुमति मिली है. एक नाव में चार से अधिक सवारी बैठने की अनुमति नहीं है. सभी यात्रियों को मास्क और लोगों से दूरी बनाकर नौका से सैर कराई जा रही है.
नाव चलाने की अनुमति से मिली राहत
संगम में 40 सालों से नाव चलाकर जीवन यापन करने वाले रामसिंह ने बताया कि वो लंबे समय से संगम में यात्रियों को नाव में बैठाकर स्नान कराने का काम कर रहे हैं, लेकिन लॉकडाउन के कारण यात्री नहीं आ रहे थे और नौकायान का काम ठप हो गया था. अब नाव चलाने की अनुमति मिली है तो आर्थिक स्थिति पटरी पर लौट रही है. नाविक राम सिंह का कहना है कि जब तक हालात सामान्य नहीं होंगे, तब तक श्रद्धालु संगम नहीं पहुंचेगे. अभी सिर्फ संगम में क्षेत्रीय लोग ही पहुंच रहे हैं. सभी को मास्क पहनाकर ही बैठने की अनुमति दी जा रही है.
प्रयागराज: अब संगम में नौका विहार कर सकेंगे श्रद्धालु
कोरोना वायरस और लॉकडाउन से लोगों का जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. हालांकि अनलॉक-1 में कुछ रियायतों के साथ धार्मिक स्थलों और पर्यटन स्थलों को खोला गया है. वहीं अब संगम तट पर श्रद्धालुओं को नौका विहार करने की अनुमति दी गयी है, जिससे नाविक खुश हैं.
प्रयागराज: देश-दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन कुम्भ प्रयागराज में होता है. ऐसे में लॉकडाउन के चलते संगमनगरी में चारों तरफ पसरा सन्नटा पसरा हुआ था, लेकिन 8 जून से धार्मिक स्थल खोले जाने के बाद संगम धीरे-धीरे गुलजार होने लगा है. इसके साथ ही जिला प्रशासन की तरफ से छूट मिलने के बाद नाविकों ने अब नावों को चलाना शुरू कर दिया है. कोरोना महामारी के नियमों का पालन करते हुए श्रद्धालुओं ने नौकायन कराया जा रहा है. शाम होते ही घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिलने लगी है. दूर-दूर से आने वाले भक्त गंगा-यमुना में आस्था की डुबकी लगाने के लिए संगमनगरी पहुंचने लगे हैं.
सुरक्षा पर दिया जा रहा जोर
नाविक ने बताया कि अनलॉक-1 में नावों को फिर से श्रद्धालुओं के लिए चलाना शुरू कर दिया गया है. यात्रियों की सुरक्षा का ध्यान रखकर लाइफ जैकेट पहनाकर ही नाव में बैठाने की अनुमति मिली है. एक नाव में चार से अधिक सवारी बैठने की अनुमति नहीं है. सभी यात्रियों को मास्क और लोगों से दूरी बनाकर नौका से सैर कराई जा रही है.
नाव चलाने की अनुमति से मिली राहत
संगम में 40 सालों से नाव चलाकर जीवन यापन करने वाले रामसिंह ने बताया कि वो लंबे समय से संगम में यात्रियों को नाव में बैठाकर स्नान कराने का काम कर रहे हैं, लेकिन लॉकडाउन के कारण यात्री नहीं आ रहे थे और नौकायान का काम ठप हो गया था. अब नाव चलाने की अनुमति मिली है तो आर्थिक स्थिति पटरी पर लौट रही है. नाविक राम सिंह का कहना है कि जब तक हालात सामान्य नहीं होंगे, तब तक श्रद्धालु संगम नहीं पहुंचेगे. अभी सिर्फ संगम में क्षेत्रीय लोग ही पहुंच रहे हैं. सभी को मास्क पहनाकर ही बैठने की अनुमति दी जा रही है.