प्रयागराज: कोरोना महामारी की वजह से देश भर में लगे लॉकडाउन के दौरान तमाम सरकारी संस्थानों में वित्तीय संकट खड़े हो गए थे. इसी तरह के वित्तीय संकट का सामना प्रयागराज नगर निगम को भी करना पड़ा. वित्तीय संकट झेलने के बावजूद नगर निगम में तैनात सभी कर्मचारियों को समय से वेतन दिया गया. महामारी काल में नगर निगम के 3727 सफाईकर्मियों ने ड्यूटी से कई घंटे ज्यादा समय तक काम करते हुए शहर को कोरोना महामारी से बचाने में अहम योगदान दिया. इसके बदले नगर निगम की तरफ से इन सफाईकर्मियों को समय से वेतन दिया गया. वहीं, सफाईकर्मियों द्वारा घंटों अतिरिक्त कार्य करने के बदले ओवरटाइम का कोई भुगतान नहीं दिया गया. अतिरिक्त मेहनत के बदले किसी तरह का भुगतान न मिलने से सफाईकर्मियों में मायूसी है. महामारी काल में शहर को स्वच्छ बनाने में जुटे कई सफाईकर्मी भी कोरोना पॉजिटिव हो गए थे.
कर्मियों को समय से दिया गया वेतन
प्रयागराज नगर निगम के सफाईकर्मी रोजाना शहर को साफ करने का काम करते हैं. कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद से इन सफाई कर्मचारियों ने तय समय से घंटों ज्यादा मेहनत करते हुए पूरे शहर की साफ-सफाई की. इस दौरान सड़क और गलियों को सैनिटाइज करने का कार्य भी सफाईकर्मियों के द्वारा लगातार किया गया. आर्थिक संकट झेलने के बावजूद नगर निगम ने सफाईकर्मियों को महामारी काल से लेकर अभी तक लगातार समय से वेतन दे रहा है.
नगर निगम में 3727 सफाईकर्मी हैं तैनात
प्रयागराज नगर निगम में सफाई कर्मचारियों की कुल संख्या 3727 है. इसमें सबसे ज्यादा 1900 आउटसोर्सिंग के जरिए तैनात सफाई कर्मचारी हैं, जबकि 1437 स्थायी सफाई कर्मचारी नगर निगम में तैनात हैं. इसके अलावा 390 संविदा सफाई कर्मचारी नगर निगम में तैनात हैं. इन्हीं 3727 सफाई कर्मचारियों के कंधे पर पूरे प्रयागराज शहर की सफाई व्यवस्था है.
ओवरटाइम न मिलने से सफाईकर्मी नाराज
कोरोना महामारी के दौरान पूरे शहर को स्वच्छ बनाने की जिम्मेदारी नगर निगम के इन्हीं सफाई कर्मचारियों के कंधे पर थी. शहर को साफ-सुथरा बनाते हुए कोरोना से लोगों को बचाने के लिए सफाई कर्मियों ने घंटों मेहनत करते हुए शहर को स्वच्छ बनाने में अपना योगदान दिया. इस दौरान सफाई कर्मचारियों को स्वच्छाग्रही के तौर पर जगह-जगह सम्मानित भी किया गया. इन सफाई कर्मियों को उनके वेतन के अलावा नगर निगम के द्वारा किसी तरह का ओवरटाइम करने के बदले किसी तरह का भुगतान नहीं किया गया. महीनों तक सफाई कर्मचारियों ने तय समय से कई घंटे ज्यादा तक शहर की सड़क और गलियों को साफ-सुथरा करने का काम किया. उसके बदले नगर निगम की तरफ से इन सफाईकर्मियों को किसी भी तरह का अतिरिक्त भुगतान नहीं किया गया, जिससे सफाई कर्मचारियों में मायूसी है.
कर्मचारी नेता ने लगाया शोषण का आरोप
नगर निगम सफाई मजदूर यूनियन के अध्यक्ष प्रदीप का आरोप है कि निगम प्रशासन ने पिछले कई महीनों तक सफाईकर्मियों का शोषण किया है. उनका यह भी कहना है कि सफाईकर्मियों ने अपनी जान जोखिम में डालकर ड्यूटी टाइम से कई घंटे ज्यादा वक्त तक शहर को साफ करने का काम किया. इसके बदले निगम प्रशासन की तरफ से सफाईकर्मियों को वेतन के अलावा ओवरटाइम भी देना चाहिए था, लेकिन लगातार बार-बार मांग करने के बावजूद निगम प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया.
कोरोना महामारी के दौरान शहर को साफ सुथरा करने में जुटे सफाईकर्मी भी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए थे, लेकिन निगम प्रशासन ने सफाईकर्मियों की कोई चिंता नहीं की. जबकि नगर निगम प्रशासन को चाहिए कि शहर के सभी सफाईकर्मियों के स्वास्थ का ध्यान रखे. हर महीने सफाईकर्मियों का हेल्थ चेकअप करवाया जाए, जिससे कि तमाम तरह की गंदगी को साफ करने के दौरान सफाईकर्मी यदि किसी तरह की बीमारी की चपेट में आ जाए तो जांच में उसका पता चल जाए और समय से उसका इलाज हो जाए.
अतिरिक्त कार्य के बदले ओवरटाइम की मांग
कर्मचारी नेता का साफ कहना है कि उन्हें निगम की तरफ से समय पर तनख्वाह लगातार दी जा रही है, लेकिन इन सफाईकर्मियों को महामारी काल में किए गए ओवरटाइम के बदले नगर निगम को भुगतान करना चाहिए.