प्रयागराज: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को प्रयागराज में विशाल जनसभा को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि 21वीं सदी का यूपी आकांक्षी है. बड़े सपने लेकर आगे बढ़ रहा है. डबल इंजन की सरकार यूपी को विकसित बनाने में दिन-रात जुटी है. 21वीं सदी के यूपी की आकांक्षाएं पूरी हों, इसमें नेतृत्व की बहुत बड़ी भूमिका है. इसलिए सवाल ये भी है कि नेतृत्व कैसा होना चाहिए. उन्होंने कहा कि घोर परिवारवादियों ने चौथे चरण से ही ईवीएम को गाली देना शुरु कर दिया है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि प्रयागराज की प्रतिष्ठा यहां के बुद्धिजीवी लोगों, यहां की संस्कृति, साहित्य और कला प्रेम से भी है. आप सभी प्रबुद्ध लोग इस बात से तो परिचित हैं कि बदली विश्व व्यवस्था में भारत का मजबूत होना कितना जरुरी है. मजबूत भारत, सशक्त उत्तर प्रदेश के बिना संभव नहीं. प्रधानमंत्री ने विपक्षी दल समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव का नाम लिए बिना तीखा हमला किया.
पीएम मोदी ने कहा कि आज जो घोर परिवारवादी आपके पास आकर वोट मांग रहे हैं, वो लोग सशक्त और आधुनिक उत्तर प्रदेश का निर्माण नहीं कर सकते. ये अफवाहवादी हैं, पलायनवादी हैं। ये घोर अंधविश्वासी हैं. कुर्सी ना चली जाए, इसके लिए ये लोग नोएडा और बिजनौर नहीं जाते. बिजनौर और नोएडा से जो टैक्स आता है उसमें तो मलाई मारने को ये तैयार हैं. लेकिन वहां के लोगों को मिलकर जाना, उनके सुख दुख पूछने में अंधविश्वास आड़े आ जाये, क्या ऐसे लोग उत्तर प्रदेश का भला कर सकते हैं, आधुनिक उत्तर प्रदेश बना सकते हैं.
नौकरी के नाम पर पिछली सरकारों के आयोग में बैठे लोग किस योग्यता को जरूरी मानते थे? इनके लिए योग्यता की अहमियत नहीं, बल्कि सिफारिश, जातिवाद और नोटों के बंडल ही सब कुछ थे. ये लोग नौकरी के नाम पर फिर उत्तर प्रदेश के युवाओं को धोखा दे रहे हैं. सच्चाई ये है कि इन लोगों ने अपने 10 साल के शासन में सिर्फ 2 लाख लोगों को सरकारी नौकरी दी. वो भी भाई-भतीजावाद, जातिवाद, पैसों के बंडल के आधार पर. जबकि योगी जी की सरकार ने 5 लाख नौजवानों को सरकारी नौकरी दी.
पहले उत्तर प्रदेश में पीसीएस की परीक्षा का सिलेबस यूपीएससी से अलग होता था. हमारी सरकार ने आपकी ये परेशानी समझी और आज यूपी पीसीएस और यूपीएससी का सिलेबस एक जैसा कर दिया. अब उतनी ही मेहनत से आप दोनों परीक्षाएं दे सकते हैं. पहले की सरकारों में विकास के काम न होने की एक और बहुत बड़ी वजह थी- जातिवाद और भाई-भतीजावाद. परियोजना बनने से लेकर पास होने तक और उसके काम शुरु होने से पहले ठेकेदारी तक में भाई-भतीजावाद. कुंभ जैसे पवित्र काम में भी ये गोरख धंधे इन्होंने किये. जिस तरह पहले की सरकारों ने यूपी के नौजवानों को धोखा दिया, वैसे ही प्रयागराज को भी विकास के लिए तरसा कर रखा. जिन्हें प्रयागराज नाम से ही चिढ़ हो, वो प्रयागराज का विकास करेंगे क्या?
परिवारवादियों का खेल खत्म
घोर परिवारवादियों ने इतने दशकों तक संप्रदायवाद की, जातिवाद की, क्षेत्रवाद की राजनीति की. इनकी राजनीति का दायरा संकुचित है, सीमित है, संकीर्ण है. भाजपा की राजनीति का दायरा विस्तृत है, विशाल है, सर्व समावेशी है. घोर परिवारवादियों ने चौथे चरण से ईवीएम को गाली देना शुरु कर दिया है. जो लोग एक्जिट पोल का इंतजार करते हैं, मैं उन्हें कहूंगा कि एक्जिट पोल का इंतजार न करें. ये जैसे ही ईवीएम को गाली दें तो समझ लीजिए परिवारवादियों का खेल खत्म है.
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