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Pitru Paksha 2021: पितृपक्ष आज से शुरू, 21 सितंबर से शुरू होगा विधि विधान पूजन

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Published : Sep 20, 2021, 9:42 PM IST

Updated : Sep 20, 2021, 10:05 PM IST

पितृपक्ष की शुरूआत अश्वनी कृष्ण पक्ष प्रतिपदा से शुरू हो गई है. विधि विधान से पितृपक्ष की शुरुआत 21 सितंबर से होगी.

पितृपक्ष आज से शुरू
पितृपक्ष आज से शुरू

प्रयागराज : पितृपक्ष की शुरूआत अश्वनी कृष्ण पक्ष प्रतिपदा से हो जाएगी. अश्वनी कृष्ण पक्ष से लेकर अमावस्या तिथि तक पितृपक्ष रहेगा. कुछ लोग आज से ही पितरों को सम्मान देने के लिए प्रयागराज आने लगे हैं. पितृपक्ष का अनुष्ठान करने के लिए लोग गंगा स्नान करने के बाद 15 दिन तक पूजन करते हैं. पितृपक्ष का वर्णन पुराणों में भी मिलता है, जिसमें प्रयागराज का जिक्र किया गया है. मान्यता है कि यदि प्रयागराज में पितरों के लिए तर्पण किया जाता है, तो वह तर्पण सीधा पितरो को मिलता है.

कहा जाता है कि धर्म और आस्था की नगरी प्रयागराज में पितरों का श्राद्ध सीधा पितरों को मिलता है. वहीं प्रयागराज के संगम में तर्पण श्राद्ध करने की विशेष मान्यता है. मान्यता है कि पितृ पूजन करने आए लोग यदि 15 दिन तक प्रयागराज में रहकर पूजन करते हैं, तो इसका विशेष लाभ होता है. अश्वनी कृष्ण पक्ष प्रतिपदा को पूजन करने से यमराज भी पितरों को मुक्त कर देते हैं. इस बार पितृपक्ष 21 सितंबर से शुरू हो रहा है और 6 अक्टूबर तक चलेगा. पितृ पूजन का आरंभ 20 सितंबर से ही शुरू हो गया है.

पितृपक्ष आज से शुरू

इस पूर्णिमा तिथि को ऋषि तर्पण तिथि भी कहा जाता है. आध्यात्मिक गुरुओं का कहना है इस बार कोरोना काल में मारे गए लोगों के लिए तिल और पानी के साथ तर्पण करना चाहिए. ऐसा करने से उनकी आत्मा को शांति मिलेगी.

कोरोना काल के दौरान जिनका देखरेख करने वाला कोई नहीं था और उनका अंतिम संस्कार नहीं हो सका. उनके लिए पार्वण श्राद्ध करना चाहिए. तिलांजलि पितरों के नाम पर मातृ पक्ष और पितृपक्ष को देना चाहिए. इन 15 दिनों में तर्पण करने वालों को लहसुन प्याज का त्याग करना चाहिए और स्वास्तिक रहना चाहिए.

इसे पढे़ं- महंत नरेंद्र गिरि का संदिग्ध परिस्थितियों में निधन, हिरासत में शिष्य आनंद गिरि

प्रयागराज : पितृपक्ष की शुरूआत अश्वनी कृष्ण पक्ष प्रतिपदा से हो जाएगी. अश्वनी कृष्ण पक्ष से लेकर अमावस्या तिथि तक पितृपक्ष रहेगा. कुछ लोग आज से ही पितरों को सम्मान देने के लिए प्रयागराज आने लगे हैं. पितृपक्ष का अनुष्ठान करने के लिए लोग गंगा स्नान करने के बाद 15 दिन तक पूजन करते हैं. पितृपक्ष का वर्णन पुराणों में भी मिलता है, जिसमें प्रयागराज का जिक्र किया गया है. मान्यता है कि यदि प्रयागराज में पितरों के लिए तर्पण किया जाता है, तो वह तर्पण सीधा पितरो को मिलता है.

कहा जाता है कि धर्म और आस्था की नगरी प्रयागराज में पितरों का श्राद्ध सीधा पितरों को मिलता है. वहीं प्रयागराज के संगम में तर्पण श्राद्ध करने की विशेष मान्यता है. मान्यता है कि पितृ पूजन करने आए लोग यदि 15 दिन तक प्रयागराज में रहकर पूजन करते हैं, तो इसका विशेष लाभ होता है. अश्वनी कृष्ण पक्ष प्रतिपदा को पूजन करने से यमराज भी पितरों को मुक्त कर देते हैं. इस बार पितृपक्ष 21 सितंबर से शुरू हो रहा है और 6 अक्टूबर तक चलेगा. पितृ पूजन का आरंभ 20 सितंबर से ही शुरू हो गया है.

पितृपक्ष आज से शुरू

इस पूर्णिमा तिथि को ऋषि तर्पण तिथि भी कहा जाता है. आध्यात्मिक गुरुओं का कहना है इस बार कोरोना काल में मारे गए लोगों के लिए तिल और पानी के साथ तर्पण करना चाहिए. ऐसा करने से उनकी आत्मा को शांति मिलेगी.

कोरोना काल के दौरान जिनका देखरेख करने वाला कोई नहीं था और उनका अंतिम संस्कार नहीं हो सका. उनके लिए पार्वण श्राद्ध करना चाहिए. तिलांजलि पितरों के नाम पर मातृ पक्ष और पितृपक्ष को देना चाहिए. इन 15 दिनों में तर्पण करने वालों को लहसुन प्याज का त्याग करना चाहिए और स्वास्तिक रहना चाहिए.

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Last Updated : Sep 20, 2021, 10:05 PM IST
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