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महंत नरेंद्र गिरि मौत मामला: CBI जांच को लेकर  इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल हुई पत्र याचिका - inquiry petition filed of mahant narendra giri death

महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) की रहस्यमयी मौत की सीबीआई जांच की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में एक याचिका दायर की गई है. यह याचिका अधिवक्ता सुनील चौधरी ने दायर की है. याचिकाकर्ता ने कहा कि महंत सोमवार शाम को जिन परिस्थितियों में मृत पाए गए, वे बेहद संदिग्ध और रहस्यमयी हैं. जांच के दौरान DM-SSP को निलंबित करने की मांग भी की गई है.

महंत नरेंद्र गिरि मौत मामले में सीबीआई जांच की याचिका दायर
महंत नरेंद्र गिरि मौत मामले में सीबीआई जांच की याचिका दायर
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Published : Sep 21, 2021, 4:28 PM IST

Updated : Sep 21, 2021, 6:40 PM IST

प्रयागराज: महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) की रहस्यमयी मौत की सीबीआई जांच की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में एक पत्र याचिका दायर की गई है. यह याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता व सामाजिक कार्यकर्ता सुनील कुमार उर्फ सुनील चौधरी ने दायर की है. याचिकाकर्ता ने कहा कि महंत सोमवार शाम को जिन परिस्थितियों में मृत पाए गए, वह बेहद संदिग्ध और रहस्यमयी हैं.

सुनील कुमार उर्फ सुनील चौधरी ने निरंजनी अखाड़ा बाघंबरी गद्दी प्रयागराज के महंत व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी की संदिग्ध मौत की सीबीआई जांच की मांग के संबंध में इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष दाखिल इस जनहित याचिका में कहा गया है कि मठ की संपत्ति के गबन को लेकर विवाद है. अखबार की खबर में बड़े पुलिस अधिकारियों व भू-माफिया के लिप्त होने की आशंका जताई गई है. इस मामले में तीन लोगों की गिरफ्तारी की गई है. इसलिए घटना की जांच सीबीआई से कराई जाय. या फिर प्रकरण की न्यायिक जांच हो या एसआईटी गठित कर निष्पक्ष जांच हो. याचिका में प्रयागराज जिलाधिकारी व एसएसपी को जांच के दौरान निलंबित करने की भी मांग की गई है. याची का कहना है कि राज्य मशीनरी महंत की सुरक्षा करने में नाकाम रही है.

जानकारी देते अधिवक्ता सुनील चौधरी.

पत्र याचिका में नरेंद्र गिरी की मौत को संदिग्ध बताते हुए कहा गया है कि कई तरह की बातें सामने आ रही है. मौत पर कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं. इस मामले में तीन लोगों के गिरफ़्तारी की भी बात है. साथ ही अखाड़े में वित्तीय अनियमितता की भी बात हो रही है. अखाड़े के कुछ सदस्यों ने महंत नरेंद्र गिरी द्वारा कथित रूप से लिखे गए पांच पन्नों के सुसाइड लेटर पर संदेह जताया है. उनके शिष्यों में से एक महंत आनंद गिरि, जो एक प्रमुख संदिग्ध है और जिसे हरिद्वार से हिरासत में लिया गया है, उसने भी कहा कि महंत ने पत्र में एक या दो वाक्य से आगे कभी कुछ नहीं लिखा था और यह बहुत असंभव था कि वह इतनी लंबा सुसाइड नोट लिखेंगे. शक की बात यह भी है कि सुसाइड नोट एक वसीयत की तरह है, जिसमें महंत ने स्पष्ट रूप से अपने शिष्यों के लिए काम और जिम्मेदारियों को निर्दिष्ट किया है. संत भी कह रहे हैं कि नरेंद्र गिरि कभी आत्महत्या नहीं कर सकते थे.

इसे भी पढ़ें-महंत नरेंद्र गिरि का जाना आध्यात्मिक समाज की अपूरणीय क्षति, दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा: सीएम योगी

प्रयागराज: महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) की रहस्यमयी मौत की सीबीआई जांच की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में एक पत्र याचिका दायर की गई है. यह याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता व सामाजिक कार्यकर्ता सुनील कुमार उर्फ सुनील चौधरी ने दायर की है. याचिकाकर्ता ने कहा कि महंत सोमवार शाम को जिन परिस्थितियों में मृत पाए गए, वह बेहद संदिग्ध और रहस्यमयी हैं.

सुनील कुमार उर्फ सुनील चौधरी ने निरंजनी अखाड़ा बाघंबरी गद्दी प्रयागराज के महंत व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी की संदिग्ध मौत की सीबीआई जांच की मांग के संबंध में इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष दाखिल इस जनहित याचिका में कहा गया है कि मठ की संपत्ति के गबन को लेकर विवाद है. अखबार की खबर में बड़े पुलिस अधिकारियों व भू-माफिया के लिप्त होने की आशंका जताई गई है. इस मामले में तीन लोगों की गिरफ्तारी की गई है. इसलिए घटना की जांच सीबीआई से कराई जाय. या फिर प्रकरण की न्यायिक जांच हो या एसआईटी गठित कर निष्पक्ष जांच हो. याचिका में प्रयागराज जिलाधिकारी व एसएसपी को जांच के दौरान निलंबित करने की भी मांग की गई है. याची का कहना है कि राज्य मशीनरी महंत की सुरक्षा करने में नाकाम रही है.

जानकारी देते अधिवक्ता सुनील चौधरी.

पत्र याचिका में नरेंद्र गिरी की मौत को संदिग्ध बताते हुए कहा गया है कि कई तरह की बातें सामने आ रही है. मौत पर कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं. इस मामले में तीन लोगों के गिरफ़्तारी की भी बात है. साथ ही अखाड़े में वित्तीय अनियमितता की भी बात हो रही है. अखाड़े के कुछ सदस्यों ने महंत नरेंद्र गिरी द्वारा कथित रूप से लिखे गए पांच पन्नों के सुसाइड लेटर पर संदेह जताया है. उनके शिष्यों में से एक महंत आनंद गिरि, जो एक प्रमुख संदिग्ध है और जिसे हरिद्वार से हिरासत में लिया गया है, उसने भी कहा कि महंत ने पत्र में एक या दो वाक्य से आगे कभी कुछ नहीं लिखा था और यह बहुत असंभव था कि वह इतनी लंबा सुसाइड नोट लिखेंगे. शक की बात यह भी है कि सुसाइड नोट एक वसीयत की तरह है, जिसमें महंत ने स्पष्ट रूप से अपने शिष्यों के लिए काम और जिम्मेदारियों को निर्दिष्ट किया है. संत भी कह रहे हैं कि नरेंद्र गिरि कभी आत्महत्या नहीं कर सकते थे.

इसे भी पढ़ें-महंत नरेंद्र गिरि का जाना आध्यात्मिक समाज की अपूरणीय क्षति, दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा: सीएम योगी

Last Updated : Sep 21, 2021, 6:40 PM IST
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