प्रयागराजः संगमनगरी में ट्रैफिक की समस्या जस की तस बनी हुई है. विभाग में यातायात पुलिस की जरूरत से करीब 90 फीसदी कम ट्रैफिक सिपाही मौजूद हैं. इसके साथ ही होमगार्ड्स की संख्या भी इस वक्त आधी के करीब है. ट्रैफिक सिपाहियों और होमगार्ड्स की कमी की वजह से शहर के कई इलाकों के लोग इन दिनों जाम के झाम से जूझ रह हैं. वहीं, ट्रैफिक के जिम्मेदार अधिकारी पीक ऑवर बताकर इसे जल्द ही सही करने का दावा कर रहे हैं.
बता दें कि प्रयागराज में ट्रैफिक व्यवस्था को सही करने के लिए जहां 432 ट्रैफिक सिपाहियों की जरूरत है. वहीं, इस वक्त जिले में सिर्फ 44 ट्रैफिक सिपाही ही तैनात हैं. ऐसे में महज 10 फीसदी सिपाहियों के बल पर जिले की ट्रैफिक व्यवस्था कैसे सुचारू ढंग से चल सकती है? ट्रैफिक सिपाहियों की कमी की वजह से ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गयी है. स्टॉफ की कमी की वजह से जिले की ट्रैफिक व्यवस्था को पटरी पर लाने में यातायात पुलिस को काफी दिक्कत हो रही है.
नहीं सुधरी व्यवस्थाः वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रयागराज में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने के बाद उन्हें उम्मीद थी कि जिले को जाम से मुक्ति मिल जाएगी. लेकिन, पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने के बावजूद जिले की ट्रैफिक व्यवस्था में कोई खास सुधार नहीं हुआ है. लोग कमिश्नरेट सिस्टम की भी अब आलोचना करने लगें हैं. शहर में रहने वाले महफूज का कहना है कि सड़क पर चलते समय जाम की वजह से आये दिन परेशान होना पड़ता है. लेकिन, इस समस्या का कोई स्थायी समाधान अभी तक नहीं निकला है. जाम की वजह से सड़को पर चलना काफी मुश्किल होता है.
ट्रैफिक पुलिस का दावाः ट्रैफिक व्यवस्था को सही करने के लिए लगातार ट्रैफिक पुलिस के सब इंस्पेक्टर, इंस्पेक्टर और एसीपी, डीसीपी सड़कों पर रहकर निगरानी करते हैं. लेकिन, इसके बावजूद सुबह-शाम शहर में जाम का झाम बना रहता है. हालांकि एसीपी संतोष सिंह का दावा है कि अभी भी शहर में जाम की समस्या उतनी नहीं भीड़ की वजह से कुछ दिक्कते जरूर सामने आती हैं.
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