प्रयागराज: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा (प्रारम्भिक) परीक्षा-2020 एवं सहायक वन संरक्षक/क्षेत्रीय वन अधिकारी ( प्रा.) परीक्षा-2020 रविवार को सकुशल सम्पन्न हो गयी. परीक्षा में परीक्षार्थियों की कुल उपस्थिति लगभग 53.11 प्रतिशत रही, जबकि 46.89 प्रतिशत अभ्यर्थियों ने परीक्षा छोड़ दी.
बता दें कि पीसीएस प्री के लिए उत्तर प्रदेश के 19 जनपदों में बने 1282 परीक्षा केन्द्रों पर दो सत्रों में परीक्षा आयोजित की गई. इस परीक्षा में 5,95,696 अभ्यर्थी पंजीकृत थे. प्रतियोगी छात्र अवनीश पाण्डेय ने बताया कि रविवार को सम्पन्न हुई पीसीएस प्री 2020 का प्रथम प्रश्न पत्र देखकर कहा जा सकता है कि कौआ चला हंस की चाल और अपनी भी चाल भूल गया. उन्होंने कहा कि पेपर को संघ लोक सेवा आयोग की तर्ज पर बनाने की कोशिश तो हुई है किंतु इसका प्रयास असफल रहा. पेपर कठिन और असुंतलित था. परीक्षार्थी का कहना है कि इसमें प्रदेश विशेष से कोई प्रश्न नहीं, जनसंख्या नगरीकरण से एक प्रश्न था. भारत और वैश्विक परिदृश्य की घटनाओं पर समसामयिक प्रश्न सर्वाधिक बने हैं, प्रश्न पिछले सभी वर्षों से कठिन था. प्रतियोगी छात्रों का कहना है कि यूपीएससी की तर्ज पर पेपर बनाने की कोशिश अवश्य हुई है किन्तु डाटा बेस प्रश्न बने हैं. परीक्षार्थियों के अनुसार सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र में भूगोल के 22, पर्यावरण के 20, करेन्ट अफेयर के 40, अर्थव्यवस्था से जुड़े 9, विज्ञान से 13, राजव्यवस्था से 21, इतिहास से 24 प्रश्न पूछे गए.
परीक्षार्थियों ने आरोप लगाया कि परीक्षा केंद्र बनाने में मानकों की अनदेखी की गई है. परीक्षा केंद्र को ऐसी जगह पर बनाया गया जहां पर आवागमन के साधन बहुत कम थे. प्रतियोगी छात्रों की आयोग अध्यक्ष से यह मांग है कि वह प्रतियोगी छात्रों की समस्याओं पर भी ध्यान केंद्रित करें और केंद्र आवंटन से जुड़े कर्मचारियों पर कार्रवाई करें.