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केंद्रीय सुरक्षा बल भर्ती में रिव्यू मेडिकल बोर्ड से दोबारा परीक्षण कराने का आदेश - allahabad high court

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय सुरक्षा बल भर्ती में आवेदन करने वाले याचियों का रिव्यू मेडिकल बोर्ड गठित कर फिर से चिकित्सीय परीक्षण करने का आदेश दिया है.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Sep 19, 2020, 6:49 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय सुरक्षा बल भर्ती के लिए आवेदन करने वाले याची अभ्यर्थियों का रिव्यू मेडिकल बोर्ड गठित कर पुनः मेडिकल परीक्षण करने का आदेश दिया है. याचीगण ने रिव्यू मेडिकल बोर्ड गठन की मांग खारिज करने के लिए कर्मचारी चयन आयोग प्रयागराज के आदेश को चुनौती दी थी. राकेश कुमार और कई अन्य की याचिका पर न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता ने सुनवाई की.

याचीगण का कहना था उन्होंने सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स, एसएसएफ, राइफल मैन असल राइफल्स आदि के लिए निकाली गई भर्ती के तहत ऑनलाइन आवेदन किया था. आवेदन में उन्होंने टेस्ट देने के लिए सेंटर का चयन बिहार में किया था. कंप्यूटर आ‌धारित टेस्ट कराने की जिम्मेदारी कर्मचारी चयन आयोग केंद्रीय परिक्षेत्र जिसका कार्यालय प्रयागराज है और जिसके क्षेत्राधिकार में उत्तर प्रदेश और बिहार आता है के जिम्मे था. याचीगण सभी चरणों की परीक्षा में सफल रहे, मगर मेडिकल बोर्ड ने उनको विभिन्न आधारों पर अनफिट घोषित कर दिया. आयोग ने याचीगण को मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट को चुनौती देने का मौका दिया. इसके लिए जिला स्तर के सरकारी अस्पताल के विशेषज्ञ डॉक्टर की फिटनेस रिपोर्ट के साथ रिव्यू बोर्ड गठित करने का आवेदन करना था.

याचीगण ने संबंधित जिलों के सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों के फिटनेस सर्टिफिकेट प्रस्तुत किए, लेकिन आयोग ने इनको यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह सर्टिफिकेट उस बीमारी के विशेषज्ञ डॉक्टर के नहीं हैं, जो उनको मेडिकल बोर्ड ने बताए हैं. इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई. कहा गया कि आयोग ने फार्म भरते समय यह नहीं बताया था कि संबंधित बीमारी के विशेषज्ञ चिकित्सक का प्रमाणपत्र चाहिए.

आयोग के अधिवक्ता ने याचिका के क्षेत्राधिकार पर सवाल उठाया. कहा गया कि परीक्षा बिहार में हुई और याचीगण भी बिहार के निवासी हैं. ऐसे में इस अदालत को याचिका सुनने का क्षेत्राधिकार प्राप्त नहीं है. कोर्ट ने कहा कि विज्ञापन की शर्त में यह स्पष्ट है कि किसी प्रकार का अदालती विवाद आयोग के क्षेत्रीय कार्यालय के तहत आने वाले न्यायिक क्षेत्राधिकार के अधीन होगा. आयोग के केंद्रीय परिक्षेत्र का कार्यालय प्रयागराज में स्थित है. इसलिए इस न्यायालय को सुनवाई का अधिकार है.

कोर्ट का कहना था कि आयोग का उद्देश्य यहां सिर्फ यह देखना है कि यदि याचीगण के परीक्षण में मेडिकल बोर्ड के निर्णय में कही गलती हुई है, तो रिव्यू मेडिकल बोर्ड द्वारा उसका पुनः परीक्षण हो सके. आयोग ने यह नहीं बताया था कि कौन से विशेषज्ञ डॉक्टर का प्रमाणपत्र चाहिए. रिव्यू मेडिकल बोर्ड में विशेषज्ञ डॉक्टर फिर से याचीगण का परीक्षण करेंगे. यदि वह पहले मेडिकल बोर्ड द्वारा बताई गई बीमारी से वास्तव में पीड़ित नहीं हैं, तो उनको दोबारा नियुक्ति पाने का अवसर मिल सकेगा. कोर्ट ने आयोग को रिव्यू मेडिकल बोर्ड गठित कर याचीगण का पुनः परीक्षण कराने का आदेश दिया है.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय सुरक्षा बल भर्ती के लिए आवेदन करने वाले याची अभ्यर्थियों का रिव्यू मेडिकल बोर्ड गठित कर पुनः मेडिकल परीक्षण करने का आदेश दिया है. याचीगण ने रिव्यू मेडिकल बोर्ड गठन की मांग खारिज करने के लिए कर्मचारी चयन आयोग प्रयागराज के आदेश को चुनौती दी थी. राकेश कुमार और कई अन्य की याचिका पर न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता ने सुनवाई की.

याचीगण का कहना था उन्होंने सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स, एसएसएफ, राइफल मैन असल राइफल्स आदि के लिए निकाली गई भर्ती के तहत ऑनलाइन आवेदन किया था. आवेदन में उन्होंने टेस्ट देने के लिए सेंटर का चयन बिहार में किया था. कंप्यूटर आ‌धारित टेस्ट कराने की जिम्मेदारी कर्मचारी चयन आयोग केंद्रीय परिक्षेत्र जिसका कार्यालय प्रयागराज है और जिसके क्षेत्राधिकार में उत्तर प्रदेश और बिहार आता है के जिम्मे था. याचीगण सभी चरणों की परीक्षा में सफल रहे, मगर मेडिकल बोर्ड ने उनको विभिन्न आधारों पर अनफिट घोषित कर दिया. आयोग ने याचीगण को मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट को चुनौती देने का मौका दिया. इसके लिए जिला स्तर के सरकारी अस्पताल के विशेषज्ञ डॉक्टर की फिटनेस रिपोर्ट के साथ रिव्यू बोर्ड गठित करने का आवेदन करना था.

याचीगण ने संबंधित जिलों के सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों के फिटनेस सर्टिफिकेट प्रस्तुत किए, लेकिन आयोग ने इनको यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह सर्टिफिकेट उस बीमारी के विशेषज्ञ डॉक्टर के नहीं हैं, जो उनको मेडिकल बोर्ड ने बताए हैं. इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई. कहा गया कि आयोग ने फार्म भरते समय यह नहीं बताया था कि संबंधित बीमारी के विशेषज्ञ चिकित्सक का प्रमाणपत्र चाहिए.

आयोग के अधिवक्ता ने याचिका के क्षेत्राधिकार पर सवाल उठाया. कहा गया कि परीक्षा बिहार में हुई और याचीगण भी बिहार के निवासी हैं. ऐसे में इस अदालत को याचिका सुनने का क्षेत्राधिकार प्राप्त नहीं है. कोर्ट ने कहा कि विज्ञापन की शर्त में यह स्पष्ट है कि किसी प्रकार का अदालती विवाद आयोग के क्षेत्रीय कार्यालय के तहत आने वाले न्यायिक क्षेत्राधिकार के अधीन होगा. आयोग के केंद्रीय परिक्षेत्र का कार्यालय प्रयागराज में स्थित है. इसलिए इस न्यायालय को सुनवाई का अधिकार है.

कोर्ट का कहना था कि आयोग का उद्देश्य यहां सिर्फ यह देखना है कि यदि याचीगण के परीक्षण में मेडिकल बोर्ड के निर्णय में कही गलती हुई है, तो रिव्यू मेडिकल बोर्ड द्वारा उसका पुनः परीक्षण हो सके. आयोग ने यह नहीं बताया था कि कौन से विशेषज्ञ डॉक्टर का प्रमाणपत्र चाहिए. रिव्यू मेडिकल बोर्ड में विशेषज्ञ डॉक्टर फिर से याचीगण का परीक्षण करेंगे. यदि वह पहले मेडिकल बोर्ड द्वारा बताई गई बीमारी से वास्तव में पीड़ित नहीं हैं, तो उनको दोबारा नियुक्ति पाने का अवसर मिल सकेगा. कोर्ट ने आयोग को रिव्यू मेडिकल बोर्ड गठित कर याचीगण का पुनः परीक्षण कराने का आदेश दिया है.

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