प्रयागराज: मुख्य विकास अधिकारी आशीष कुमार की अध्यक्षता में गुरुवार को विकास भवन में बैठक हुई. यह बैठक बाल विकास परियोजनाओं में सूखे राशन को राज्य आजीविका मिशन के अन्तर्गत संचालित स्वंय सहायता समूहों के माध्यम से टीएचआर के सफल क्रियान्वयन के लिए की गई.
बैठक में ब्लाॅक निगरानी समिति के दायित्वों के बारे में बताते हुए कहा गया कि ब्लॉक निगरानी समिति एफसीआर/एफएण्ड सीएसडी ब्लाॅक के गोदामों से लेने वाले अनाजों और टीएचआर द्वारा क्रय किए गए अनाज की गुणवत्ता एवं मात्रा की जांच, आंगनबाड़ी केंद्रों में टीएचआर की आपूर्ति एवं वितरण की निगरानी तथा विभिन्न श्रेणी के लाभार्थियों को वितरित टीएचआर का भौतिक सत्यापन करने का दायित्व निर्धारित किया गया है.
प्रशिक्षण में ग्राम निगरानी समिति के दायित्वों के बारे में बताते हुए कहा गया कि ग्राम निगरानी समिति आंगनबाड़ी केंद्रों पर सामग्री के विवरण के साथ-साथ दुग्ध उत्पादों की उपलब्धता, लाभार्थिंयों को सूखे राशन के साथ-साथ स्वंय सहायता समूह द्वारा दुग्ध उत्पादों का वितरण, स्वंय सहायता समूह द्वारा आवश्यक लेबल सहित पैकेजिंग (वनज सहित) का अनुश्रवण व उचित मूल्य की दुकानों से स्वयंसेवी समूह के द्वारा अनाज उठान के समय निगरानी का दायित्व निर्धारित है.
एसएनपी और एसएजी के अन्तर्गत लक्षित लाभार्थिंयों को भारत सरकार के नवीनतम एसएनपी व एसएपी मानदण्डों के अनुसार दैनिक कैलोरी और प्रोटीन की आवश्यकता की पूर्ति के लिए प्रति माह निर्धारित मात्रा प्रदान की जाएगी. गर्भवती महिलाओं एवं स्तनपान कराने वाली माताओं एवं किशोरी बालिकाओं के लाभार्थीं समूहों को भी प्रति माह ड्राई राशन (टीएचआर) की समान मात्रा प्रदान किए जाने का प्रावधान किया गया है.
स्वयं सहायता समूह के द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को ड्राई राशन हैण्डओवर करते समय रजिस्टर पर कार्यकर्ता द्वारा खाद्यान्न प्राप्ति का हस्ताक्षर लिया जाए. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा लाभार्थिंयों को ड्राई राशन वितरण करते समय रजिस्टर पर खाद्यान्न प्राप्ति का हस्ताक्षर एवं लाभार्थी के नाम के आगे दी जाने वाली मात्रा दर्शाया जाना आवश्यक है. 6 माह से 3 वर्ष आयु वर्ग के बच्चे, 3 वर्ष से 6 वर्ष आयु वर्ग के बच्चे, गर्भवती एवं स्तनपानी कराने वाली महिलाएं और स्कूल से बाहर किशोरियां (11 वर्ष से 14 वर्ष) एवं गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों (6 माह से 6 वर्ष तक) के लाभार्थीयों को लाभार्थीवार मासिक ड्राई राशन निर्धारित की गई मात्रा के अनुसार प्रदान किया जाए.