प्रयागराज: उत्तर-मध्य रेलवे प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने की पहल शुरू किया है. केंद्र सरकार की मनरेगा योजना के माध्यम से रेलवे परियोजनाओं में प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने का प्रयास किया जा रहा है. इसके लिए जिले भर में रेलवे परियोजनाओं में संविदा कार्य हेतु श्रमिकों की सूची बनाई जा रही है. उम्मीद है कि जून महीने के अंत तक प्रवासी मजदूर रेलवे में मनरेगा के तहत कार्य करने लगेंगे.
लॉकडाउन के दौरान उत्तर प्रदेश के 20 जिले, मध्य प्रदेश के 9 जिले, राजस्थान के 4 जिले और हरियाणा के 1 जिले में फैले उत्तर-मध्य रेलवे परिक्षेत्र के विभिन्न परियोजना स्थलों पर संसाधन जुटाना एक कठिन कार्य था. इस दौरान कार्य हेतु आवश्यक जनशक्ति संसाधन प्राप्त करना सबसे बड़ी कठिनाई थी. ऐसे में रेलवे बोर्ड की ओर से जारी दिशा निर्देश के बाद उत्तर-मध्य रेलवे के महाप्रबंधक राजीव चौधरी ने रेलवे परियोजनाओं में प्रवासी मजदूरों से काम करवाने का फैसला किया. ये प्रवासी मजदूर जनशक्ति के माध्यम से होने वाले कार्यों को करेंगे.
उत्तर-मध्य रेलवे की इस पहल से प्रवासी मजदूरों को काम का अवसर मिलेगा. इसके लिए रेलवे बोर्ड ने देश के 116 जिलों की सूची और प्रत्येक जिले में लौटने वाले प्रवासियों की संख्या को सभी जोनल रेलवे को भेजी है. इन प्रवासी मजदूरों की सेवाओं का उपयोग संविदा कार्य में सीधे या मनरेगा योजना के माध्यम से किया जा सकता है. इसके लिए रेलवे के फील्ड स्तर के अधिकारियों को स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों और ग्राम पंचायतों को संपर्क में रहने के लिए कहा गया है. साथ ही जिलेवार रेलवे परियोजनाओं में संविदा कार्य हेतु उपलब्ध मानव दिवस की गणना करने के लिए भी कहा गया.
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