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Angioplasty: सरकारी अस्पताल में एंजियोप्लास्टी की नई तकनीक बनेगी वरदान

प्रयागराज के सरकारी अस्पताल में नई तकनीक से एंजियोप्लास्टी की जा रही है. जिसकी कीमत प्राईवेट अस्पतालों से कई गुना कम है. जिनके हार्ट में स्टंट में नहीं डाला जा सकता था. अब इस तकनीक के जरिए इसका सफल इलाज किया जा सकता है.

रोटा एबलेटर तकनीक
रोटा एबलेटर तकनीक
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Published : Mar 9, 2023, 6:57 PM IST

सरकारी अस्पताल में एंजियोप्लास्टी की नई तकनीक

प्रयागराज: स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल में हार्ट के गरीब मरीजों के लिए रोटा एबलेशन तकनीक के सहारे एंजियोप्लास्टी की जा रही है. रोटा एबलेटर मशीन के जरिये हार्ट के उन मरीजों का भी सफल इलाज किया जा रहा है, जिनको कई डॉक्टरों ने ओपन हार्ट सर्जरी की सलाह दी थी. ऐसे मरीजों का इलाज प्राइवेट अस्पतालों के मुकाबले कई गुना कम कीमत पर किया जाएगा. हृदय रोग विभाग के हार्ट स्पेशलिस्ट डॉ. अभिषेक सचदेवा और डॉ. मोहम्मद शाहिद ने बताया कि स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल में रोटा एबलेटर के जरिये हार्ट के उन मरीजों का सफल इलाज किया जा रहा है. जिनके हार्ट में पहले स्टंट नहीं डाला जा सकता था. लेकिन अब रोटा एबलेटर तकनीक के जरिये ये आसानी से हो रहा है.

रोटा एबलेशन और आइवस तकनीक है कारगर: डॉ. अभिषेक सचदेवा और डॉ मोहम्मद शाहिद ने बताया कि एसआरएन अस्पताल में हार्ट डिपार्टमेंट में डॉक्टरों की टीम ने कई रोगियों की रोटा एबलेशन के तकनीक के जरिये एंजियोप्लास्टी की है. इस ऑपरेशन के लिए अस्पताल में पहली बार रोटा ब्लेटर मशीन का इस्तेमाल किया गया. जिसमें कई ऐसे मरीज थे जिनकी हार्ट की नसों में ब्लॉकेज था. इन मरीजों के हार्ट में कैल्शियम ज्यादा जमा हुआ था. जिस वजह से नॉर्मल एंजियोप्लास्टी के जरिये स्टंट नहीं लग सकता था. इस कारण डॉक्टरों ने ऐसे कई मरीजों को ओपन हार्ट सर्जरी की सलाह दी थी.

लेकिन अब रोटा एबलेशन और आइवस तकनीक के जरिये इन मरीजों के हार्ट में जमे हुए कैल्शियम को हटाया जाता है. इसके लिए आइवस के जरिये डॉक्टर हार्ट की नसों में जमे हुए कैल्शियम को तोड़कर उसे हटाते हैं. जिसके बाद हार्ट की ब्लॉक नसों में आसानी से स्टंट लगाया जाता है. साथ ही डॉक्टरों ने यह भी बताया कि एसआरएन अस्पताल में ऑपरेशन के दौरान सबसे पहले आर्टरिज में जमे हुए कैल्शियम को आइवस से देखकर रोटा ब्लेटर मशीन से उसको तोड़ा जाता है. जिसके बाद हार्ट में एंजियोप्लास्टी करके स्टंट लगाया जाता है.

कम कीमत में हो रहा है ये ऑपरेशन: डॉक्टर मोहम्मद शाहिद ने बताया कि इस तकनीक से ऑपरेशन करवाने के लिए मरीजों को निजी अस्पतालों में 5 से 8 लाख रुपये तक खर्च करने पड़ते हैं. जबकि अब यही ऑपरेशन एसआरएन अस्पताल में एक लाख से भी कम कीमत में हो जाता है. जिससे उन मरीजों को सबसे ज्यादा लाभ मिलेगा, जो ज्यादा कीमत की वजह से टफ एंजियोप्लास्टी नहीं करवा पा रहे थे. अब ऐसे मरीज प्राइवेट अस्पतालों के मुकाबले कम कीमत में एसआरएन में होने वाली नई तकनीक से एंजियोप्लास्टी करवा सकेंगे.


यह भी पढ़ें:Firozabad Smart City: कबाड़ और कचरे से सुंदर बन रही है सुहागनगरी, जानिए कैसे

सरकारी अस्पताल में एंजियोप्लास्टी की नई तकनीक

प्रयागराज: स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल में हार्ट के गरीब मरीजों के लिए रोटा एबलेशन तकनीक के सहारे एंजियोप्लास्टी की जा रही है. रोटा एबलेटर मशीन के जरिये हार्ट के उन मरीजों का भी सफल इलाज किया जा रहा है, जिनको कई डॉक्टरों ने ओपन हार्ट सर्जरी की सलाह दी थी. ऐसे मरीजों का इलाज प्राइवेट अस्पतालों के मुकाबले कई गुना कम कीमत पर किया जाएगा. हृदय रोग विभाग के हार्ट स्पेशलिस्ट डॉ. अभिषेक सचदेवा और डॉ. मोहम्मद शाहिद ने बताया कि स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल में रोटा एबलेटर के जरिये हार्ट के उन मरीजों का सफल इलाज किया जा रहा है. जिनके हार्ट में पहले स्टंट नहीं डाला जा सकता था. लेकिन अब रोटा एबलेटर तकनीक के जरिये ये आसानी से हो रहा है.

रोटा एबलेशन और आइवस तकनीक है कारगर: डॉ. अभिषेक सचदेवा और डॉ मोहम्मद शाहिद ने बताया कि एसआरएन अस्पताल में हार्ट डिपार्टमेंट में डॉक्टरों की टीम ने कई रोगियों की रोटा एबलेशन के तकनीक के जरिये एंजियोप्लास्टी की है. इस ऑपरेशन के लिए अस्पताल में पहली बार रोटा ब्लेटर मशीन का इस्तेमाल किया गया. जिसमें कई ऐसे मरीज थे जिनकी हार्ट की नसों में ब्लॉकेज था. इन मरीजों के हार्ट में कैल्शियम ज्यादा जमा हुआ था. जिस वजह से नॉर्मल एंजियोप्लास्टी के जरिये स्टंट नहीं लग सकता था. इस कारण डॉक्टरों ने ऐसे कई मरीजों को ओपन हार्ट सर्जरी की सलाह दी थी.

लेकिन अब रोटा एबलेशन और आइवस तकनीक के जरिये इन मरीजों के हार्ट में जमे हुए कैल्शियम को हटाया जाता है. इसके लिए आइवस के जरिये डॉक्टर हार्ट की नसों में जमे हुए कैल्शियम को तोड़कर उसे हटाते हैं. जिसके बाद हार्ट की ब्लॉक नसों में आसानी से स्टंट लगाया जाता है. साथ ही डॉक्टरों ने यह भी बताया कि एसआरएन अस्पताल में ऑपरेशन के दौरान सबसे पहले आर्टरिज में जमे हुए कैल्शियम को आइवस से देखकर रोटा ब्लेटर मशीन से उसको तोड़ा जाता है. जिसके बाद हार्ट में एंजियोप्लास्टी करके स्टंट लगाया जाता है.

कम कीमत में हो रहा है ये ऑपरेशन: डॉक्टर मोहम्मद शाहिद ने बताया कि इस तकनीक से ऑपरेशन करवाने के लिए मरीजों को निजी अस्पतालों में 5 से 8 लाख रुपये तक खर्च करने पड़ते हैं. जबकि अब यही ऑपरेशन एसआरएन अस्पताल में एक लाख से भी कम कीमत में हो जाता है. जिससे उन मरीजों को सबसे ज्यादा लाभ मिलेगा, जो ज्यादा कीमत की वजह से टफ एंजियोप्लास्टी नहीं करवा पा रहे थे. अब ऐसे मरीज प्राइवेट अस्पतालों के मुकाबले कम कीमत में एसआरएन में होने वाली नई तकनीक से एंजियोप्लास्टी करवा सकेंगे.


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