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प्रयागराजः नहर टूटने से तैयार धान की 50 बीघा फसल हुई जलमग्न

किसानों को जब धान की फसल लगाने और उसकी सिंचाई के लिए पानी की जरूरत थी, तब सिंचाई विभाग ने उनको निराश किया. नहर में पानी नहीं छोड़ा गया. लिहाजा किसानों को किसी के नलकूप से पानी खरीदकर खेतों की सिंचाई करनी पड़ी.

नहर टूटने से खेत में भरा पानी
नहर टूटने से खेत में भरा पानी
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Published : Oct 26, 2020, 9:55 AM IST

प्रयागराजः जिले में सिंचाई विभाग की लापरवाही किसानों पर भारी पड़ रही है. सिंचाई विभाग के द्वारा कुखुढी रजबहा में ओवरफ्लो पानी छोड़ने के कारण नहर का बांध टूट गया. जिससे एकौनी व खडियान ग्राम सभा के दर्जनों किसानों की तैयार धान की फसल जलमग्न हो गई. जबकि कुछ किसानों के द्वारा अपनी तैयार धान की फसल की कटाई भी की जा चुकी थी और काटी गई धान की फसल को खेत में ही सूखने के लिए फैलाई गई थी.

सिंचाई विभाग की एक लापरवाही के कारण आज उन किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा क्योंकि पूरा खेत ही नहर टूटने के कारण जलमग्न हो गया. किसान अपनी फसल को बचाने के लिए टूटी हुई नहर को बांधने के प्रयास में लगे हुए हैं. खडियान गांव के ही रामराज बिंद, अवधेश बिंद, राजेश्वर प्रसाद, गेंदालाल व अभिमन्यु बिंद के द्वारा बताया गया कि उन सभी की लगभग पचास बीघे धान की तैयार फसल नहर का पानी भरने से पूरी तरीके से नष्ट हो गई.

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पानी तैरती धान की फसल

जरूरत पर नहीं मिला पानी

किसानों को जब धान की फसल लगाने और उसकी सिंचाई के लिए पानी की जरूरत थी, तब सिंचाई विभाग ने उनको निराश किया. नहर में पानी नहीं छोड़ा गया. लिहाजा किसानों को किसी के नलकूप से पानी खरीदकर खेतों की सिंचाई करनी पड़ी. अब जब धान की फसल तैयार हुई तो उनके खेतों में पानी भर गया. यही नहीं जिन खेतों में धान की कटाई हो गई थी, उनकी फसल पानी में तैरती नजर आ रही है.

किसानों के द्वारा टूटने की सूचना सिंचाई विभाग के अधिकारियों को दी गई पर वे मौके पर पहुंचने की जहमत तक नहीं उठा सके. वहीं स्थानीय किसानों के द्वारा सिंचाई विभाग की लापरवाही से नष्ट हुई धान की फसल की शिकायत उप जिलाधिकारी करछना से करने की बात कही गई.

प्रयागराजः जिले में सिंचाई विभाग की लापरवाही किसानों पर भारी पड़ रही है. सिंचाई विभाग के द्वारा कुखुढी रजबहा में ओवरफ्लो पानी छोड़ने के कारण नहर का बांध टूट गया. जिससे एकौनी व खडियान ग्राम सभा के दर्जनों किसानों की तैयार धान की फसल जलमग्न हो गई. जबकि कुछ किसानों के द्वारा अपनी तैयार धान की फसल की कटाई भी की जा चुकी थी और काटी गई धान की फसल को खेत में ही सूखने के लिए फैलाई गई थी.

सिंचाई विभाग की एक लापरवाही के कारण आज उन किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा क्योंकि पूरा खेत ही नहर टूटने के कारण जलमग्न हो गया. किसान अपनी फसल को बचाने के लिए टूटी हुई नहर को बांधने के प्रयास में लगे हुए हैं. खडियान गांव के ही रामराज बिंद, अवधेश बिंद, राजेश्वर प्रसाद, गेंदालाल व अभिमन्यु बिंद के द्वारा बताया गया कि उन सभी की लगभग पचास बीघे धान की तैयार फसल नहर का पानी भरने से पूरी तरीके से नष्ट हो गई.

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पानी तैरती धान की फसल

जरूरत पर नहीं मिला पानी

किसानों को जब धान की फसल लगाने और उसकी सिंचाई के लिए पानी की जरूरत थी, तब सिंचाई विभाग ने उनको निराश किया. नहर में पानी नहीं छोड़ा गया. लिहाजा किसानों को किसी के नलकूप से पानी खरीदकर खेतों की सिंचाई करनी पड़ी. अब जब धान की फसल तैयार हुई तो उनके खेतों में पानी भर गया. यही नहीं जिन खेतों में धान की कटाई हो गई थी, उनकी फसल पानी में तैरती नजर आ रही है.

किसानों के द्वारा टूटने की सूचना सिंचाई विभाग के अधिकारियों को दी गई पर वे मौके पर पहुंचने की जहमत तक नहीं उठा सके. वहीं स्थानीय किसानों के द्वारा सिंचाई विभाग की लापरवाही से नष्ट हुई धान की फसल की शिकायत उप जिलाधिकारी करछना से करने की बात कही गई.

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