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प्रयागराज में बढ़ा गंगा और यमुना का जलस्तर, तैनात हुई NDRF

प्रयागराज जिले में गंगा और यमुना नदी उफान पर हैं. बाढ़ के खतरे को देखते हुए संगम क्षेत्र में एनडीआरएफ की टीम तैनात कर दी गई है. यह टीम समय-समय पर नदियों के जलस्तर का जायजा ले रही हैं.

संगमनगरी में तैनात एनडीआरएफ की टीम
संगमनगरी में तैनात एनडीआरएफ की टीम
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Published : Aug 21, 2020, 1:52 PM IST

प्रयागराज: यूपी के कई जिलों में मानसूनी बरसात और हरिद्वार, नरोरा, कानपुर के बैराजों से छोड़े गए पानी के बाद गंगा का जल स्तर बढ़ने लगा है. साथ ही यमुना के जल स्तर में भी बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में दोनों नदियां खतरे के निशान (84.73 मीटर) से अभी नीचे हैं. लेकिन बाढ़ आने की संभावना को देखते हुए संगम क्षेत्र में एनडीआरएफ की टीम ने डेरा जमा लिया है. इसके साथ ही दोनों नदियों का जायजा लेने के लिए एनडीआरएफ की टीम संगम क्षेत्र में मोटर बोट के माध्यम से इलाकों का सुबह और शाम जलस्तर की स्थिति देखने के लिए दौरा करना भी शुरू कर दिया है.

आपदा से निपटने के महीनों से तैयारी
जिलाधिकारी के निर्देशन में एनडीआरफ टीम कमांडर जगदीश राणा, निरीक्षक और उनकी टीम पिछले एक महीने से जिले में बाढ़ संबंधी आपदा एवं राहत बचाव कार्य के लिए तैनात हैं. टीम पूरी तरह से जिले के सभी तहसीलों में बाढ़ संभावित इलाकों का दौरा कर सुरक्षा के इंतजामों का जायजा ले रही है. सदर तहसील का सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले कछारी इलाकों में राजापुर, गंगानगर, संगम क्षेत्र, नाग वासुकी, दारागंज, बघाड़ा, चांदपुर सलोरी, सदियाबाद, रसूलाबाद आदि क्षेत्र हैं.

संभावित बाढ़ के खतरों को देखते हुए प्रशासन बचाव एजेंसियों में समन्वय स्थापित किए हुए है. जिसके अंतर्गत जिले में एनडीआरएफ की एक टीम, जल पुलिस, एसडीआरएफ अपने बचाव उपकरणों के साथ तैयारी हालत में है.

गंगा-यमुना का जलस्तर

गंगा नदी

फाफामऊ- 78.83 मी0 (ब., +12 सेमी.)

(HFL-87.98 मी0, DL-84.73 मी0)

यमुना नदी

नैनी: 76.47 मी0 (ब., +18 सेमी0)

(HFL-87.99मी0, DL-84.73 मी.)

प्रयागराज: यूपी के कई जिलों में मानसूनी बरसात और हरिद्वार, नरोरा, कानपुर के बैराजों से छोड़े गए पानी के बाद गंगा का जल स्तर बढ़ने लगा है. साथ ही यमुना के जल स्तर में भी बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में दोनों नदियां खतरे के निशान (84.73 मीटर) से अभी नीचे हैं. लेकिन बाढ़ आने की संभावना को देखते हुए संगम क्षेत्र में एनडीआरएफ की टीम ने डेरा जमा लिया है. इसके साथ ही दोनों नदियों का जायजा लेने के लिए एनडीआरएफ की टीम संगम क्षेत्र में मोटर बोट के माध्यम से इलाकों का सुबह और शाम जलस्तर की स्थिति देखने के लिए दौरा करना भी शुरू कर दिया है.

आपदा से निपटने के महीनों से तैयारी
जिलाधिकारी के निर्देशन में एनडीआरफ टीम कमांडर जगदीश राणा, निरीक्षक और उनकी टीम पिछले एक महीने से जिले में बाढ़ संबंधी आपदा एवं राहत बचाव कार्य के लिए तैनात हैं. टीम पूरी तरह से जिले के सभी तहसीलों में बाढ़ संभावित इलाकों का दौरा कर सुरक्षा के इंतजामों का जायजा ले रही है. सदर तहसील का सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले कछारी इलाकों में राजापुर, गंगानगर, संगम क्षेत्र, नाग वासुकी, दारागंज, बघाड़ा, चांदपुर सलोरी, सदियाबाद, रसूलाबाद आदि क्षेत्र हैं.

संभावित बाढ़ के खतरों को देखते हुए प्रशासन बचाव एजेंसियों में समन्वय स्थापित किए हुए है. जिसके अंतर्गत जिले में एनडीआरएफ की एक टीम, जल पुलिस, एसडीआरएफ अपने बचाव उपकरणों के साथ तैयारी हालत में है.

गंगा-यमुना का जलस्तर

गंगा नदी

फाफामऊ- 78.83 मी0 (ब., +12 सेमी.)

(HFL-87.98 मी0, DL-84.73 मी0)

यमुना नदी

नैनी: 76.47 मी0 (ब., +18 सेमी0)

(HFL-87.99मी0, DL-84.73 मी.)

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