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नई शिक्षा नीति पर हुआ राष्ट्रीय सेमिनार, पर्यावरण संतुलन पर भी हुई बात - प्रयागराज नई शिक्षा नीति

प्रयागराज में 'नई शिक्षा नीति 2020 एवं ब्रज संस्कृति' विषय पर राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन हुआ. कार्यक्रम में डॉ. चंद्रभूषण चतुर्वेदी ने बताया कि 2016 से लेकर 2020 तक ब्रिज अकादमी के शिविर में लगातार पर्यावरण संतुलन और शिक्षा पर संगोष्ठी का आयोजन होता रहा है.

नई शिक्षा नीति पर चर्चा
नई शिक्षा नीति पर चर्चा
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Published : Feb 7, 2021, 6:14 PM IST

प्रयागराज: संगम के पावन तट स्थित ब्रज अकादमी शिविर में 'नई शिक्षा नीति 2020 एवं ब्रज संस्कृति' विषय पर राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन हुआ. सेमिनार का उद्घाटन मुख्य अतिथि प्रोफेसर सुशील शर्मा इलाहाबाद विश्वविद्यालय, साध्वी डॉ. राकेश हरिप्रिया सचिव ब्रज अकेडमी वृंदावन मथुरा, डॉ. चंद्रभूषण चतुर्वेदी एवं प्रोफेसर राजीव श्रीवास्तव एमएनएनआईटी इलाहाबाद ने किया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर सुशील शर्मा ने ब्रज एकेडमी के योगदान के बारे में कहा कि शिक्षा को मानव जीवन के लिए उपयोगी बनाने का निरंतर प्रयास किया जाना चाहिए. इसके लिए वैदिक शिक्षा भी अहम होती है.

पावन धरती है प्रयागराज

डॉ. चंद्रभूषण चतुर्वेदी ने बताया की 2016 से लेकर 2020 तक ब्रिज अकादमी के शिविर में लगातार पर्यावरण संतुलन और शिक्षा पर संगोष्ठी का आयोजन होता रहा है. 2021 का यह वैचारिक मंथन आने वाले समय में इस नई शिक्षा नीति के उद्देश्य को क्रियान्वित करने में केंद्र सरकार की मदद करेगा. इसे शाश्वत भारती विश्वविद्यालय की परिकल्पना पूरी होगी. इसके उपरांत मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान इलाहाबाद के यांत्रिक एवं अभियांत्रिकी विभाग के प्रोफेसर राजीव श्रीवास्तव ने 'प्रयाग और शिक्षा के महत्व' पर विस्तार से चर्चा की.

उन्होंने कहा कि प्रयाग के इस पावन तीर्थ में मां गंगा, यमुना और सरस्वती का त्रिवेणी संगम है. यह यज्ञ की भूमि है और साधकों को संकल्प करके बड़े कार्यों की प्रगति देती है. ब्रह्माजी ने यहीं पर यज्ञ करके सृष्टि की संरचना भगवान विष्णु के आदेश पर की थी. प्रयाग शिक्षा की नर्सरी है. अनादि काल से शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने वाले चिंतक, साधक, प्रशासक आदि सभी अपने वैचारिक मंथन से एक नया आयाम बनाते आए हैं. ब्रिज एकेडमी भी पिछले 40 वर्षों से निरंतर शिक्षा में संस्कृति और पर्यावरण के संतुलन पर कार्य करती आ रही है. इसका मुख्य उद्देश्य नव युवकों को जागृत करना और मनीषियों, शिक्षाविदों को वैचारिक मंच प्रदान करना है.

प्रकृति को बचाना है उद्देश्य

कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापित करते हुए डॉ. राकेश हरी प्रिया ने कहा कि ब्रज अकादमी शाश्वत विश्वविद्यालय की परिकल्पना का संकल्प दोहराने जा रही है. इसका मुख्य उद्देश्य सुंदर प्रकृति को बचाना और मानव को सुशिक्षित कर बहुमुखी विकास करना है. कार्यक्रम में विद्वानों, शिक्षकों और छात्रों ने भाग लिया.

प्रयागराज: संगम के पावन तट स्थित ब्रज अकादमी शिविर में 'नई शिक्षा नीति 2020 एवं ब्रज संस्कृति' विषय पर राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन हुआ. सेमिनार का उद्घाटन मुख्य अतिथि प्रोफेसर सुशील शर्मा इलाहाबाद विश्वविद्यालय, साध्वी डॉ. राकेश हरिप्रिया सचिव ब्रज अकेडमी वृंदावन मथुरा, डॉ. चंद्रभूषण चतुर्वेदी एवं प्रोफेसर राजीव श्रीवास्तव एमएनएनआईटी इलाहाबाद ने किया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर सुशील शर्मा ने ब्रज एकेडमी के योगदान के बारे में कहा कि शिक्षा को मानव जीवन के लिए उपयोगी बनाने का निरंतर प्रयास किया जाना चाहिए. इसके लिए वैदिक शिक्षा भी अहम होती है.

पावन धरती है प्रयागराज

डॉ. चंद्रभूषण चतुर्वेदी ने बताया की 2016 से लेकर 2020 तक ब्रिज अकादमी के शिविर में लगातार पर्यावरण संतुलन और शिक्षा पर संगोष्ठी का आयोजन होता रहा है. 2021 का यह वैचारिक मंथन आने वाले समय में इस नई शिक्षा नीति के उद्देश्य को क्रियान्वित करने में केंद्र सरकार की मदद करेगा. इसे शाश्वत भारती विश्वविद्यालय की परिकल्पना पूरी होगी. इसके उपरांत मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान इलाहाबाद के यांत्रिक एवं अभियांत्रिकी विभाग के प्रोफेसर राजीव श्रीवास्तव ने 'प्रयाग और शिक्षा के महत्व' पर विस्तार से चर्चा की.

उन्होंने कहा कि प्रयाग के इस पावन तीर्थ में मां गंगा, यमुना और सरस्वती का त्रिवेणी संगम है. यह यज्ञ की भूमि है और साधकों को संकल्प करके बड़े कार्यों की प्रगति देती है. ब्रह्माजी ने यहीं पर यज्ञ करके सृष्टि की संरचना भगवान विष्णु के आदेश पर की थी. प्रयाग शिक्षा की नर्सरी है. अनादि काल से शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने वाले चिंतक, साधक, प्रशासक आदि सभी अपने वैचारिक मंथन से एक नया आयाम बनाते आए हैं. ब्रिज एकेडमी भी पिछले 40 वर्षों से निरंतर शिक्षा में संस्कृति और पर्यावरण के संतुलन पर कार्य करती आ रही है. इसका मुख्य उद्देश्य नव युवकों को जागृत करना और मनीषियों, शिक्षाविदों को वैचारिक मंच प्रदान करना है.

प्रकृति को बचाना है उद्देश्य

कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापित करते हुए डॉ. राकेश हरी प्रिया ने कहा कि ब्रज अकादमी शाश्वत विश्वविद्यालय की परिकल्पना का संकल्प दोहराने जा रही है. इसका मुख्य उद्देश्य सुंदर प्रकृति को बचाना और मानव को सुशिक्षित कर बहुमुखी विकास करना है. कार्यक्रम में विद्वानों, शिक्षकों और छात्रों ने भाग लिया.

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