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प्रयागराज: नैनी जेल में मशरूम की खेती के गुर सीख रहे हैं कैदी - मशरूम की खेती के गुण सीख रहे हैं कैदी

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज स्थित नैनी जेल में स्वत: रोजगार उपलब्ध कराए जाने के तहत जेल प्रशासन ने नई पहल शुरू की है. यहां इच्छुक कैदियों को खेती और अन्य व्यवसाय करने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

नैनी जेल प्रयागराज
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Published : Aug 8, 2019, 10:38 PM IST


प्रयागराज: वर्षों से अपराध की दुनिया में जुड़े और अब कानूनी सजा काट रहे नैनी जेल में कैदी आम लोगों की तरह रोजगार और जीवन जीना चाहते हैं. इसके लिए नैनी जेल ने अनूठी पहल की है. जेल के अंदर ऐसे कैदियों को चिन्हित किया जा रहा है, जो रोजगार के लिए अपना खुद का व्यवसाय करना चाह रहे हैं. इसके लिए उन्हें जेल में बाकायदा प्रशिक्षण भी दिलवाया जा रहा है. पिछले 10 दिनों से नैनी सेंट्रल जेल में कैदियों को मशरूम की खेती का प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

जानकारी देते डीआईजी जेल.

जेल में कैदी करेंगे अपना व्यवसाय

  • नैनी जेल में बंद कैदी अब जेल के अंदर ही रोजगार पा सकेंगे.
  • जेल प्रशासन कैदियों के लिए यह योजना लेकर आया है.
  • मशरूम की खेती के लिए आगे आए 25 कैदियों को प्रशिक्षण दिया गया.
  • 10 दिन तक इसका प्रशिक्षण लेकर खेती की बारीकियों को कैदियों ने समझा.
  • प्रशिक्षण से कैदी रोजगार तो पाएंगे ही दूसरी ओर वह अपराध की दुनिया से भी दूरी बनायेंगे.
  • बैंक के अधिकारियों ने आगे आकर कैदियों को प्रशिक्षण देने के लिए जिम्मा लिया.
  • विशेषज्ञों की टीम ने 25 कैदियों को मशरूम की खेती के एक-एक पहलू पर बारीकी से समझाया.

पढ़ें- लखनऊ: योगी सरकार 9 अगस्त को पौधरोपण का बनाएगी विश्व रिकॉर्ड

कैदी अगर स्वत: खेती करना चाहते हैं तो उनके लिए वह किसान क्रेडिट कार्ड और अन्य माध्यमों से लोन लेकर यह कार्य शुरू कर सकते हैं.

शासन की मंशा के अनुरूप बंदी गृह की यह मंशा रहती है कि यहां पर रह रहे कैदियों को उनको सही रास्ते पर लाने का प्रयास किया जाए. साथ ही साथ उन्हें सामान्य जीवन जीने के लिए उनकी दशा में सुधार लाया जाए. इसके लिए इस तरह के कार्यक्रम यहां पर चलाए जाते हैं.
-बी आर वर्मा, डी आई जी जेल, प्रयागराज परिक्षेत्र


प्रयागराज: वर्षों से अपराध की दुनिया में जुड़े और अब कानूनी सजा काट रहे नैनी जेल में कैदी आम लोगों की तरह रोजगार और जीवन जीना चाहते हैं. इसके लिए नैनी जेल ने अनूठी पहल की है. जेल के अंदर ऐसे कैदियों को चिन्हित किया जा रहा है, जो रोजगार के लिए अपना खुद का व्यवसाय करना चाह रहे हैं. इसके लिए उन्हें जेल में बाकायदा प्रशिक्षण भी दिलवाया जा रहा है. पिछले 10 दिनों से नैनी सेंट्रल जेल में कैदियों को मशरूम की खेती का प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

जानकारी देते डीआईजी जेल.

जेल में कैदी करेंगे अपना व्यवसाय

  • नैनी जेल में बंद कैदी अब जेल के अंदर ही रोजगार पा सकेंगे.
  • जेल प्रशासन कैदियों के लिए यह योजना लेकर आया है.
  • मशरूम की खेती के लिए आगे आए 25 कैदियों को प्रशिक्षण दिया गया.
  • 10 दिन तक इसका प्रशिक्षण लेकर खेती की बारीकियों को कैदियों ने समझा.
  • प्रशिक्षण से कैदी रोजगार तो पाएंगे ही दूसरी ओर वह अपराध की दुनिया से भी दूरी बनायेंगे.
  • बैंक के अधिकारियों ने आगे आकर कैदियों को प्रशिक्षण देने के लिए जिम्मा लिया.
  • विशेषज्ञों की टीम ने 25 कैदियों को मशरूम की खेती के एक-एक पहलू पर बारीकी से समझाया.

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कैदी अगर स्वत: खेती करना चाहते हैं तो उनके लिए वह किसान क्रेडिट कार्ड और अन्य माध्यमों से लोन लेकर यह कार्य शुरू कर सकते हैं.

शासन की मंशा के अनुरूप बंदी गृह की यह मंशा रहती है कि यहां पर रह रहे कैदियों को उनको सही रास्ते पर लाने का प्रयास किया जाए. साथ ही साथ उन्हें सामान्य जीवन जीने के लिए उनकी दशा में सुधार लाया जाए. इसके लिए इस तरह के कार्यक्रम यहां पर चलाए जाते हैं.
-बी आर वर्मा, डी आई जी जेल, प्रयागराज परिक्षेत्र

Intro:वर्षों से अपराध की दुनिया में जुड़े और अब कानून के द्वारा मिली सजा को काट रहे नैनी जेल में कैदी सजा काटने के बाद अब क़ैदी आम लोगों की तरह रोजगार व जीवन जीना चाहते हैं इसके लिए नैनी जेल ने अनूठी पहल की है जेल के अंदर ऐसे कैदियों को चिन्हित कर रही है जो रोजगार के लिए अपना खुद का व्यवसाय करना चाह रहे हैं इसके लिए उन्हें जेल में प्रशिक्षण भी दिलवा रही है पिछले 10 दिनों से नैनी सेंट्रल जेल में क़ैदियों को मशरूम की खेती का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।


Body:मशरूम की खेती के लिए आगे आए 25 कैदियों ने 10 दिन तक इसका प्रशिक्षण ले करके इसकी बारीकियों को समझा । नैनी सेंट्रल जेल के अधीक्षक की अगुवाई में हुए इस प्रशिक्षण से कैदियों में काफी उत्साह देखने को मिला है जेल के अंदर दिए जाने वाले इस प्रशिक्षण से जहां वह एक तरफ रोजगार तो पाएंगे ही दूसरी ओर वह जयराम और अपराध की दुनिया से भी दूरी बनाते जाएंगे जेल प्रशासन का उद्देश्य भी यही है कि यदि यहां से निकलने के बाद अपने सामान्य जनजीवन को करें और अपराध की दुनिया में ना आए । सेंट्रल जेल अधीक्षक के निवेदन पर बैंक के अधिकारियों ने आगे आकर के कैदियों को प्रशिक्षण देने के लिए जिम्मा लिया और 10 दिनों तक मशरूम की खेती के बारे में बैंक के अधिकारियों की टीम और मशरूम की खेती के विशेषज्ञों की टीम में 25 कैदियों को मशरूम की खेती के एक-एक पहलू पर बारीकी से समझाया और उन्हें अभी बताया कि इसकी खेती करने के लिए कैसे वह किसान क्रेडिट कार्ड व अन्य माध्यमों से लोन लेकर यह कार्य शुरू कर सकते हैं।


Conclusion:जेल में कैदियों को दिए जा रहे मशरूम की खेती के प्रशिक्षण के बारे में डीआईजी जेल प्रयागराज परिक्षेत्र बीआर वर्मा ने बताया कि शासन की मंशा के अनुरूप बंदी गृह की यह मंशा ही रहती है कि यहां पर रह रहे कैदियों को उनको सही रास्ते पर लाने का प्रयास किया जाए साथ ही साथ उन्हें सामान्य जीवन जीने के लिए उनकी दशा में सुधार लाया जाए इसके लिए इस तरह के कार्यक्रम यहां पर चलाए जाते हैं इसके अलावा नैनी सेंट्रल जेल के अंदर गौशाला और लकड़ी के कार्यकर्ताओं के द्वारा किए जा रहे हैं जिससे उनको परोक्ष रूप से रोजगार भी मिल रहा है।

बाईट: बी आर वर्मा डी आई जी जेल प्रयागराज परिक्षेत्र

प्रवीण मिश्र
प्रयागराज

नोट: प्रशिक्षण का वीडियो रैप से भेजा हु। सुरक्षा कारणों से प्रशिक्षण स्थल पर जेल प्रशासन द्वारा अनुमति नही थी।
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