प्रयागराज: त्रिपुरा में हिंसा (Tripura Violence) को लेकर प्रयागराज में प्रोटेस्ट मार्च निकाला गया. मुस्लिम संगठनों ने हिंसा के आरोपियों और वहां की बिप्लब देव सरकार खिलाफ के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. प्रदर्शन कर रहे लोगों ने सरकार से अपील की है कि जल्द से जल्द स्थिति को नियंत्रण में लाया जाय.
बता दें कि त्रिपुरा के कुछ इलाकों में बीते दिनों माहौल तनावपूर्ण हो गया. इसके बाद वहां धारा 144 लागू कर दी गई. बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा के विरोध में विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने रैली निकाली थी. इसके बाद दावा किया जा रहा था कि मस्जिद में तोड़फोड़ और आगजनी की गई. हालांकि, पुलिस ने इसे महज अफवाह करार दिया था.
त्रिपुरा में हिंसा और नरसंहार का आरोप लगाते हुए संगमनगरी में मुस्लिम समुदाय ने विरोध-प्रदर्शन किया. पत्थर गिरजाघर चौराहे के पास एकत्र होकर प्रदर्शनकारियों ने अपना विरोध जाहिर किया. आरोप लगाया कि पूर्वी बांग्लादेश की सीमा से सटा हुआ त्रिपुरा तकरीबन 10 दिनों से हिंसा की चपेट में है. वहां रहने वाले मुसलमानों के घरों, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों, मस्जिदों पर हमले और तोड़फोड़ की कई घटनाएं हुई हैं. लिहाजा, प्रदर्शन कर रहे लोगों ने सरकार से हालात नियंत्रण में लाने की अपील की. कहा मस्जिदों को हुए नुकसान की भरपाई की जाए और मुसलामानों को विशेष सुरक्षा प्रदान किया जाए. इसके अलावा जो हिंसा फैला रहे हैं उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि राज्य में शांति स्थापित हो सके.
वहीं, प्रदर्शनकारियों का कहना है कि, त्रिपुरा में जिस तरीके से मुस्लिम अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है. उसकी वजह बांग्लादेश, पाकिस्तान में हिंदुओं के धर्म स्थलों और हिंदुओं पर हमले हो रहे हैं. प्रदर्शन कर रहे लोगों का आरोप है कि इन्हीं हमलों की प्रतिक्रिया के चलते त्रिपुरा में मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है. उनका कहना है की यह प्रतिक्रिया नफरत की प्रक्रिया है. नफरत की राजनीति है, जिसके खिलाफ यह मुस्लिम अल्पसंख्यक महिलाएं सड़क पर उतरी हैं.
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दरअसल, त्रिपुरा में मुसलमान अल्पसंख्यक हैं और अधिकतर आबादी हिंदुओं की है. इनमें बड़ी संख्या में बांग्लादेश से आए हिंदू भी हैं. बांग्लादेश में हाल के दिनों में हिंदुओं पर कई हमले हुए हैं. लोग त्रिपुरा में मुसलमानों पर हो रहे हमलों को उन्हीं की प्रतिक्रिया के तौर पर देख रहे हैं. आरोप है कि कम से कम एक दर्जन मस्जिदों में कथित तौर पर तोड़फोड़ की गई है या आग लगा दी गई है. कई जगहों पर मुसलमानों के घरों और कारोबारों पर हमला किया गया है.