ETV Bharat / state

जानलेवा हमला व मारपीट का मामला : कोर्ट ने आरोपी इरफान को दी सशर्त जमानत

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जानलेवा हमला व मारपीट के आरोपी की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है. कोर्ट ने आरोपी को 50 हजार रुपये के व्यक्तिगत मुचलके व 2 प्रतिभूति पर रिहा करने का आदेश दिया है.

कॉन्सेप्ट इमेज
कॉन्सेप्ट इमेज
author img

By

Published : Jun 27, 2022, 10:24 PM IST

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जय श्री राम का नारे लगाते हुए घर जा रहे लोगों पर जानलेवा हमला व मारपीट के आरोपी की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है. कोर्ट ने आरोपी को 50 हजार रुपये के व्यक्तिगत मुचलके व 2 प्रतिभूति पर रिहा करने का आदेश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी ने हापुड़ निवासी इरफान की अर्जी पर दिया है.

गौरतलब है कि यासीन के घर के सामने सड़क से जय श्री राम का नारा लगाते हुए घर जा रहे लोगों का विरोध किया गया था. इसको लेकर दोनों पक्षों में झड़प हुई थी. इसके बाद हुए विवाद में दोनों तरफ से लोग घायल हुए थे. आरोप था कि जय श्री राम नारा लगाने वालों पर इरफान ने जानलेवा और मारपीट की थी. इस मामले में सिंभौली थाने में FIR दर्ज कराई गई थी. याची का कहना था कि उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है, उसे फंसाया गया है.

याची का कहना था कि जिस समय घटना हुई थी, उस दौरान वह घटना स्थल पर नहीं था. इस मामले में जिस तरह से असके सह अभियुक्तों को जमानत पर रिहा किया गया है, उस आधार पर याची को भी रिहा किया जाए. कोर्ट ने तय शर्तों का पालन करने की ताकीद देते हुए याची को रिहा करने का निर्देश दिया है.

इसे पढे़ं- आदेश की अवहेलना करने पर दूसरी याचिका अवमानना कार्यवाही का विकल्प नहीं है - हाईकोर्ट

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जय श्री राम का नारे लगाते हुए घर जा रहे लोगों पर जानलेवा हमला व मारपीट के आरोपी की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है. कोर्ट ने आरोपी को 50 हजार रुपये के व्यक्तिगत मुचलके व 2 प्रतिभूति पर रिहा करने का आदेश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी ने हापुड़ निवासी इरफान की अर्जी पर दिया है.

गौरतलब है कि यासीन के घर के सामने सड़क से जय श्री राम का नारा लगाते हुए घर जा रहे लोगों का विरोध किया गया था. इसको लेकर दोनों पक्षों में झड़प हुई थी. इसके बाद हुए विवाद में दोनों तरफ से लोग घायल हुए थे. आरोप था कि जय श्री राम नारा लगाने वालों पर इरफान ने जानलेवा और मारपीट की थी. इस मामले में सिंभौली थाने में FIR दर्ज कराई गई थी. याची का कहना था कि उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है, उसे फंसाया गया है.

याची का कहना था कि जिस समय घटना हुई थी, उस दौरान वह घटना स्थल पर नहीं था. इस मामले में जिस तरह से असके सह अभियुक्तों को जमानत पर रिहा किया गया है, उस आधार पर याची को भी रिहा किया जाए. कोर्ट ने तय शर्तों का पालन करने की ताकीद देते हुए याची को रिहा करने का निर्देश दिया है.

इसे पढे़ं- आदेश की अवहेलना करने पर दूसरी याचिका अवमानना कार्यवाही का विकल्प नहीं है - हाईकोर्ट

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.