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ऑपरेशन नेस्तनाबूत के खौफ में अपराधी, खुद ध्वस्त कर रहे अवैध आशियाने

उत्तर प्रदेश सरकार के ऑपरेशन नेस्तनाबूत का खौफ साफतौर पर अपराधी और माफियाओं में देखा जा सकता है. माफिया खुद ही अपने अवैध आशियाने तुड़वा रहे हैं. इस लिस्ट में भदोही के बाहुबली विधायक विजय मिश्रा भी हैं, जिनका परिवार कोर्ट से मोहलत लेकर बिल्डिंग का अवैध हिस्सा गिरवा रहा है.

ऑपरेशन नेस्तनाबूत
ऑपरेशन नेस्तनाबूत
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Published : Dec 13, 2020, 5:56 AM IST

प्रयागराजः यूपी की योगी सरकार द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन नेस्तनाबूत अभियान से माफियाओं- बाहुबलियों और दूसरे अपराधियों में इस कदर खौफ पैदा हो गया है कि वह अपने अवैध निर्माणों पर अब खुद ही हथौड़ा चला रहे हैं. सरकार से खौफ खाने वाले बाहुबलियों में भदोही के विधायक विजय मिश्र का नाम भी शामिल है, जो प्रयागराज के अपने काम्प्लेक्स को पूरी तरह ध्वस्त होने से बचाने के लिए उसकी ऊपरी दो मंजिलों को खुद ही गिरवाने लगे हैं. विजय मिश्र के करोड़ों के आशियाने को सरकारी अमला पहले ही जमींदोज कर चुका है.

कहीं चल रहा हथौड़ा तो कहीं ड्रिल मशीन.

दो मंजिल का ही पास था नक्शा
शहर के अल्लापुर इलाके में पुलिस चौकी के ठीक सामने बनी चार मंजिला इमारत भदोही के बाहुबली और दबंग विधायक विजय मिश्र की है. इस काम्प्लेक्स में बेसमेंट समेत नीचे की दो मंजिल पर बीस से ज्यादा दुकानें और शोरूम थे, जबकि ऊपर की दो मंजिल पर ऑफिसेज और लाज चलते थे. विकास प्राधिकरण से सिर्फ दो मंजिल का ही नक्शा पास था, जबकि ऊपर की दो मंजिल अवैध तरीके से बनवाई गई थी.

एक आशियाना हो चुका है नेस्तनाबूत
आपरेशन नेस्तनाबूत अभियान के तहत यहां से महज 100 मीटर की दूरी पर स्थित विजय मिश्र के आलीशान आशियाने को पांच नवम्बर की शाम को सरकारी बुलडोजरों ने जमींदोज कर दिया था. आशियाने के बाद सरकारी अमले की निगाहें करोड़ों की कीमत वाले इसी काम्प्लेक्स पर थी. मामला कोर्ट में गया, लेकिन विजय मिश्र के परिवार को कहीं से राहत नहीं मिली. इसके बाद विजय मिश्र के परिवार ने हाईकोर्ट में अंडरटेकिंग देकर अवैध निर्माण को खुद ही गिराने में लग गए.

कहीं चल रहा हथौड़ा तो कहीं ड्रिल मशीन
काम्प्लेक्स को पूरी तरह ध्वस्त होने से बचाने के लिए विजय मिश्र के परिवार ने शंभू नाथ गुप्ता नाम के एक कांट्रैक्टर को ऊपर की दो मंजिल को गिराने का ठेका दे दिया है. ऊपरी दो मंजिलों को तोड़े जाने का काम भी शुरू हो गया है. इस काम में तकरीबन डेढ़ दर्जन मजदूर और इंजीनियर लगे हुए हैं. कहीं हथौड़े चल रहे हैं तो कहीं ड्रिल मशीन के जरिये दरवाजों और खिड़कियों को तोड़ा जा रहा है. कोशिश यह की जा रही है कि ऊपर की दो मंजिल टूटने में बेसमेंट और नीचे की दो मंजिलों को कोई नुकसान न पहुंचे. एहतियात के तौर पर पूरे काम्प्लेक्स को खाली करा लिया गया है. बिल्डिंग का मलबा नीचे गिरकर किसी राहगीर को चोट न पहुंचाए, इसके लिए सड़क पर बैरीकेडिंग कर दी गई है. काम्प्लेक्स का अवैध निर्माण तोड़ने में करीब डेढ़ महीने का वक्त लगने की उम्मीद है.

माफिया लगा रहे विकास प्राधिकरण का चक्कर
साफतौर पर कहा जा सकता है कि योगी सरकार की कार्रवाई से बचने के लिए ही बाहुबली और दबंग विधायक विजय मिश्र खौफ के चलते अपने इस काम्प्लेक्स के अवैध निर्माण को खुद ही गिरवा रहे हैं. कई दूसरे माफिया और अपराधी भी जल्द ही अपने अवैध निर्माणों पर भी हथौड़ा चलवा सकते हैं, जिनके बाहुबलियों के आशियाने और दूसरे बिल्डिंग्स के नक्शे नहीं पास हैं. वह या तो अदालत जाने की तैयारी में हैं या फिर विकास प्राधिकरण के चक्कर लगा रहे हैं.

अगर इस बिल्डिंग को विजय मिश्रा नहीं गिरवाते तो हम लोग गिरवा देते. उत्तर प्रदेश सरकार अपराधियों को मैसेज दे रही है कि उनकी गुंडागर्दी नहीं चलेगी. सरकार की कार्रवाई से माफियाओं और दूसरे अपराधियों में खौफ है. कार्रवाई के भय से ही माफिया अपना आशियाना गिरा रहे हैं.
सत शुक्ला, पीडीए अधिकारी

प्रयागराजः यूपी की योगी सरकार द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन नेस्तनाबूत अभियान से माफियाओं- बाहुबलियों और दूसरे अपराधियों में इस कदर खौफ पैदा हो गया है कि वह अपने अवैध निर्माणों पर अब खुद ही हथौड़ा चला रहे हैं. सरकार से खौफ खाने वाले बाहुबलियों में भदोही के विधायक विजय मिश्र का नाम भी शामिल है, जो प्रयागराज के अपने काम्प्लेक्स को पूरी तरह ध्वस्त होने से बचाने के लिए उसकी ऊपरी दो मंजिलों को खुद ही गिरवाने लगे हैं. विजय मिश्र के करोड़ों के आशियाने को सरकारी अमला पहले ही जमींदोज कर चुका है.

कहीं चल रहा हथौड़ा तो कहीं ड्रिल मशीन.

दो मंजिल का ही पास था नक्शा
शहर के अल्लापुर इलाके में पुलिस चौकी के ठीक सामने बनी चार मंजिला इमारत भदोही के बाहुबली और दबंग विधायक विजय मिश्र की है. इस काम्प्लेक्स में बेसमेंट समेत नीचे की दो मंजिल पर बीस से ज्यादा दुकानें और शोरूम थे, जबकि ऊपर की दो मंजिल पर ऑफिसेज और लाज चलते थे. विकास प्राधिकरण से सिर्फ दो मंजिल का ही नक्शा पास था, जबकि ऊपर की दो मंजिल अवैध तरीके से बनवाई गई थी.

एक आशियाना हो चुका है नेस्तनाबूत
आपरेशन नेस्तनाबूत अभियान के तहत यहां से महज 100 मीटर की दूरी पर स्थित विजय मिश्र के आलीशान आशियाने को पांच नवम्बर की शाम को सरकारी बुलडोजरों ने जमींदोज कर दिया था. आशियाने के बाद सरकारी अमले की निगाहें करोड़ों की कीमत वाले इसी काम्प्लेक्स पर थी. मामला कोर्ट में गया, लेकिन विजय मिश्र के परिवार को कहीं से राहत नहीं मिली. इसके बाद विजय मिश्र के परिवार ने हाईकोर्ट में अंडरटेकिंग देकर अवैध निर्माण को खुद ही गिराने में लग गए.

कहीं चल रहा हथौड़ा तो कहीं ड्रिल मशीन
काम्प्लेक्स को पूरी तरह ध्वस्त होने से बचाने के लिए विजय मिश्र के परिवार ने शंभू नाथ गुप्ता नाम के एक कांट्रैक्टर को ऊपर की दो मंजिल को गिराने का ठेका दे दिया है. ऊपरी दो मंजिलों को तोड़े जाने का काम भी शुरू हो गया है. इस काम में तकरीबन डेढ़ दर्जन मजदूर और इंजीनियर लगे हुए हैं. कहीं हथौड़े चल रहे हैं तो कहीं ड्रिल मशीन के जरिये दरवाजों और खिड़कियों को तोड़ा जा रहा है. कोशिश यह की जा रही है कि ऊपर की दो मंजिल टूटने में बेसमेंट और नीचे की दो मंजिलों को कोई नुकसान न पहुंचे. एहतियात के तौर पर पूरे काम्प्लेक्स को खाली करा लिया गया है. बिल्डिंग का मलबा नीचे गिरकर किसी राहगीर को चोट न पहुंचाए, इसके लिए सड़क पर बैरीकेडिंग कर दी गई है. काम्प्लेक्स का अवैध निर्माण तोड़ने में करीब डेढ़ महीने का वक्त लगने की उम्मीद है.

माफिया लगा रहे विकास प्राधिकरण का चक्कर
साफतौर पर कहा जा सकता है कि योगी सरकार की कार्रवाई से बचने के लिए ही बाहुबली और दबंग विधायक विजय मिश्र खौफ के चलते अपने इस काम्प्लेक्स के अवैध निर्माण को खुद ही गिरवा रहे हैं. कई दूसरे माफिया और अपराधी भी जल्द ही अपने अवैध निर्माणों पर भी हथौड़ा चलवा सकते हैं, जिनके बाहुबलियों के आशियाने और दूसरे बिल्डिंग्स के नक्शे नहीं पास हैं. वह या तो अदालत जाने की तैयारी में हैं या फिर विकास प्राधिकरण के चक्कर लगा रहे हैं.

अगर इस बिल्डिंग को विजय मिश्रा नहीं गिरवाते तो हम लोग गिरवा देते. उत्तर प्रदेश सरकार अपराधियों को मैसेज दे रही है कि उनकी गुंडागर्दी नहीं चलेगी. सरकार की कार्रवाई से माफियाओं और दूसरे अपराधियों में खौफ है. कार्रवाई के भय से ही माफिया अपना आशियाना गिरा रहे हैं.
सत शुक्ला, पीडीए अधिकारी

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