प्रयागराजः जिले में बदमाश अक्सर आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने के लिए बमबाजी करते थे. लेकिन बदलते वक्त के साथ ही ऐसे घटनाओं की कमी हुई है. बाजूद आज भी दहशत कायम करने और माहौल बनाने के लिए अपराधी किस्म के लोग बमबाजी करते हैं. इसी कड़ी में 9 जून को यमुनापार इलाके के घूरपुर थाना क्षेत्र की पुलिस ने चार युवकों को 23 देशी बम के साथ गिरफ्तार किया गया था. आइए जानते हैं कि जिले के बदमाशों की पहली पसंद बम क्यों है?
बवाल-उपद्रव में भी होती है बमबाजी
उल्लेखनीय है कि इलाहाबाद सेंट्रल युनिवर्सिटी के छात्रसंघ चुनाव हो या फिर दो हॉस्टलों के बीच अदावत का मामला हो. छात्रों द्वारा भी कई बार दहशत फैलाने के लिए बमबाजी की जाती रही है. छात्रसंघ चुनाव के प्रचार और दक्षता भाषण के दौरान भी अक्सर देशी बम फोड़े जाते थे. इसके अलावा जब भी शहर में कहीं बवाल होता है तो वैसे माहौल में भी दहशत फैलाने और अपना वर्चस्व दिखाने के लिए बमबाजी की जाती है. कई बार देशी बम को घातक बनाकर फोड़ा जाता है तो उसमें जान जाने का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है.
बम से हमला करना बदमाशों के लिए आसान
रिटायर आईपीएस अधिकारी लाल जी शुक्ला के अनुसार बम जहां बनाना आसान है वहीं इसका इस्तेमाल करने के लिए निशाना लगाने की भी जरूरत नहीं पड़ती है. क्योंकि बम के रेंज में आने वाले हर जीव जंतु पर उसका असर होता है. यही कारण है कि बम को एरिया वेपन कहा जाता है, जबकि बंदूक पिस्तौल के इस्तेमाल के लिए निशाना लगाने की जरूरत और उसकी हैंडलिंग की जरूरत पड़ती है. वहीं, बदमाश बम को किसी भी बैग में रखकर ले जाते हैं और दूर से ही टारगेट के आसपास फेंक देते हैं. इसमें बदमाशों को निशाना लगाने उसके नजदीक जाने का खतरा भी नहीं होता है. इसी वह से एक दशक पहले तक जान लेने जैसी घटनाओं में बम का ज्यादा इस्तेमाल होता था.
पटाखों से तैयार करते हैं बम
लाल जी शुक्ला मानते हैं कि प्रयागराज के बदमाशों के बीच बमबाजी का ट्रेंड सालों से चला आ रहा है. उन्होंने बताया कि जब से बारूद का इस्तेमाल समाज के कई दूसरे कार्यों में होने लगा उसके बाद से इन बदमाशों को ये आसानी से मिल जाता है. जिसका मुख्य साधन पटाखे की दुकानें भी हैं. जहां बिकने वाले पटाखे वाले बम से भी बदमाश घातक बम बना लेते हैं. उन्होंने बताया कि प्रयागराज में तैनाती के दौरान उन्होंने बमबाजी करने वालों के खिलाफ बड़े अभियान चलाए थे. उस दौरान कई ऐसे बमबाज भी पकड़े गए थे, जो चलते फिरते देशी बम बांधकर उसे फोड़कर दहशत फैला देते थे. इतना ही नहीं यहां के बदमाश देशी बम बनाकर उसे बेचने का कारोबार भी करते रहे हैं. लेकिन कई बार बम बांधने के दौरान ही उसमें विस्फोट भी हुआ है जिसमें बम बांधने वालों के अपाहिज होने के साथ ही कइयों की जान भी जा चुकी है. क्योंकि बम बनाने के साथ ही उसे एक से दूसरे स्थान पर ले जाने के दौरान भी उसमें विस्फोट होने का खतरा बना रहता है .कई बार जेब या झोले में रखे हुए बम फटने से आपराधिक किस्म के लोगों की जान भी जा चुकी है. बम के इस्तेमाल में सबसे बड़े इसी खतरे की वजह से अबके बदमाश बम के इस्तेमाल को ज्यादा नहीं कर रहे हैं.लेकिन कुछ बेखौफ बदमाश आज भी बमबाजी करने से बाज नहीं आते हैं.
बमबाजी रोकने के लिए क्या है जरूरी
प्रयागराज में लंबे समय तक अलग अलग पदों पर सेवा देने वाले रिटायर आईपीएस लाल जी शुक्ला का कहना है कि पुलिस सख्ती कर देगी तो बमबाजी को रोकने के साथ ही काफी हद तक उस पर काबू किया जा सकता है. इसके लिए पुलिस बमबाजी करने वालों का पता लगाकर उनकी निगरानी तेज करें. इसके साथ ही बारूद और पटाखों की खरीद बिक्री की तगड़ी निगरानी करके भी बम बनाने को रोका जा सकता है. इसके अलावा पटाखों की दुकान से पटाखा बम को लेकर भी बदमाश घातक बम न बना सकें इसकी भी निगरानी करनी चाहिए.
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23 देशी बम के साथ पकड़े गए चार बदमाश
गौरतलब है कि प्रयागराज पुलिस इन दिनों अवैध असलहों और बम बनाने वालों के खिलाफ लगातार ओपरेशन पाताल चला रही है. इसी कड़ी में यमुनापार इलाके के घूरपुर में पुलिस में चार शातिर बदमाशों को गिरफ्तार किया है. इनके कब्जे से एक दो नहीं बल्कि 23 देशी बम बरामद हुए हैं. बमों की इस बरामदगी से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिले में बम बनाना और बेचना बदमाशों के लिए किसी उद्योग से कम नहीं है. पकड़े बमों के जखीरे के साथ पकड़े गए बदमाशों से पुलिस पूछताछ कर रही है कि इतनी बड़ी संख्या में बम इन्हें कहां से मिले.ये लोग खुद बम बनाते थे या किसी से खरीदकर लाये हैं. एसएसपी अजय कुमार का कहना है कि पुलिस लगातार जिले भर में बम बनाने बेचने और खरीदने वालों का पता लगाकर उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई करने में जुटी हुई है.