प्रयागराज: करछना में भागीदारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेमचंद प्रजापति की अध्यक्षता में किसानों को समर्थन देने की रणनीति बनाई गई थी. तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए ट्रैक्टर मार्च के द्वारा ज्ञापन देने की भी योजना थी. लेकिन, सुबह 6 बजे ही डीएसपी करछना पुलिस इंस्पेक्टर नैनी और अन्य अधिकारी पार्टी कार्यालय पर पहुंच गए. पुलिस ने राष्ट्रीय अध्यक्ष, पार्टी के राष्ट्रीय प्रमुख, महासचिव, पूर्व सदस्य पिछड़ा वर्ग वित्त, विकास निगम उत्तर प्रदेश सरकार डॉक्टर महेश चंद्रा प्रजापति को नजरबंद कर दिया.
'किसानों का उत्पीड़न कर रही है सरकार'
एसडीएम करछना विनोद कुमार पांडे ने पार्टी कार्यालय पर ही ज्ञापन ले लिया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित ज्ञापन में प्रजापति ने कहा कि कृषि कानून के विरोध में आंदोलन कर रहे देश के लाखों किसानों की सरकार सुन नहीं रही है. ठंड में किसान अपने और अपने परिवार को प्राइवेट कंपनियों से सुरक्षित रखने के लिए तीनों कृषि बिल को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. इसके लिए किसान ढाई महीने से संघर्ष कर रहे हैं. सरकार किसानों का उत्पीड़न कर रही है. यह सही नहीं है.
'कृषि कानून वापस हों'
उन्होंने कहा कि आजादी के 74 साल बाद किसानों के साथ ऐसा दुर्व्यवहार पहले कभी नहीं देखा गया. हम लोग चाहते हैं कि किसान हित में किसानों की फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया जाए. साथ ही पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक, गरीब मजदूर किसानों पर जुल्म किया जा रहा है. भागीदारी संकल्प मोर्चा अब ऐसा नहीं होने देगा. यदि कृषि कानून वापस नहीं लिया गया, तो भागीदारी पार्टी का एक-एक पदाधिकारी आंदोलन करने के लिए मजबूर होगा.