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रविन्द्र पुरी चुने गए अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष, सात अखाड़े बैठक में हुए थे शामिल

पहले से तय कार्यक्रम के मुताबिक अखाड़ा परिषद की बैठक में अखाड़ा परिषद के नए अध्यक्ष का चुनाव कर लिया गया है. नए अध्यक्ष के पद पर महंत रवींद्र पुरी की ताजपोशी कर दी गयी है. हरि गिरी महाराज का दावा है कि इस बैठक में बहुमत के लिए जरूरी सात अखाड़े शामिल हैं. इसके साथ ही एक अखाड़े ने पत्र भेजकर अपनी सहमति जाहिर कर दी है.

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद.
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Published : Oct 25, 2021, 12:48 PM IST

Updated : Oct 25, 2021, 5:55 PM IST

प्रयागराजः संगम नगरी प्रयागराज में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के नए अध्यक्ष के पद पर महंत रवींद्र पुरी की ताजपोशी कर दी गयी है. महन्त भगतराम की अध्यक्षता में अखाड़ा परिषद की बैठक शुरू हुई. इस बैठक में सात अखाड़ों के प्रतिनिधि शामिल हुए जबकि आठवें अखाड़े की तरफ से लिखित सहमति प्रदान कर दी गयी. बैठक की शुरुआत अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत हरि गिरी महाराज ने अध्यक्ष चुनने के प्रस्ताव के साथ की. बैठक में पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के सचिव और मंशा देवी मंदिर के महंत रवींद्र पुरी को सर्वसम्मति से नया अध्यक्ष चुना गया.

प्रेम गिरी ने रखा रवींद्र पुरी के नाम का प्रस्ताव
निरंजनी अखाड़ा दारागंज में आयोजित बैठक में जूना अखाड़ा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत प्रेम गिरी ने निरंजनी अखाड़े के सचिव रवींद्र पुरी को नया अध्यक्ष बनाये जाने का प्रस्ताव रखा. जिसके बाद बैठक में मौजूद सात अखाड़ों के प्रतिनिधियों ने आपस में विचार करने के बाद सर्व सम्मति से रवींद्र पुरी को ही नया अध्यक्ष चुन लिया.नया अध्यक्ष चुनने कर बाद वहीं पर उन्हें माला पहनाकर चादरपोशी करते हुए उनका स्वागत किया गया.

रविन्द्र पुरी चुने गए अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष
दो फाड़ हुए अखाड़ा परिषद को एक करेंगे नए अध्यक्ष
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरि ने कहाकि अखाड़ों की परम्परा को आगे बढ़ाने के साथ ही उनसे अलग होकर नया गुट बनाने वालों को वापस लाने का प्रयास करेंगे.जिससे साधु संतों की इस संस्था की गरिमा कायम रहे.
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद.
परम्परा के मुताबिक चुना गया अध्यक्ष
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद कर महामंत्री हरि गिरी महाराज का कहना है कि जिस अखाड़े के संत ब्रह्मलीन हुए हैं उसी अखाड़े के संत को अध्यक्ष बनाये जाने की अखाड़ा परिषद की परंपरा है.उसी परम्परा को आगे बढ़ाते हुए पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के सचिव महंत रवींद्र पुरी को अध्यक्ष पद की कमान सौंपी गयी हैं.इसके साथ ही हरि गिरी ने अखाड़े से अलग होकर पिछले दिनों अखाड़ा परिषद के नए पदाधिकारियों का गठन किये जाने पर खुलकर कुछ भी नहीं बोला. उन्होंने इतना जरूर कहा कि सब एक हैं.
अखाड़ा परिषद की बैठक.
अखाड़ा परिषद की बैठक.
महंत नरेंद्र गिरी को दी गयी श्रद्धांजलि
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक निरंजनी अखाड़े में आयोजित की गयी थी.निरंजनी अखाड़े में बैठक शुरू होने के बाद सबसे पहले महंत नरेंद्र गिरि को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गयी.बैठक में मौजूद सातोंअखाड़ों के प्रतिनिधियों ने महंत नरेंद्र गिरि के चित्र पर माल्यार्पण करते हुए पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया.इस दौरान बैठक में मौजूद सभी साधू संतो ने दो मिनट का मौन रख कर महंत नरेंद्र गिरि की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना भी की.
अखाड़ा परिषद की बैठक.
अखाड़ा परिषद की बैठक.
पंचायती निर्मल अखाड़ा में बढ़ेगा विवाद

वहीं प्रयागराज में आयोजित बैठक में पंचायती निर्मल अखाड़ा की तरफ से महंत रेशम सिंह पहुंचे थे. उनका दावा है कि कोर्ट ने उन्हें अखाड़े के अध्यक्ष माना है. उसी हैसियत से वो इस बैठक में शामिल हुए हैं.उन्होंने बैठक में रवींद्र पुरि को अध्यक्ष मानते हुए उनका समर्थन किया.इसके साथ ही पिछले दिनों हरिद्वार में हुई बैठक की अध्यक्षता करने वाले महंत देवेंद्र सिंह शास्त्री के खिलाफ कार्यवाई करने का भी दावा किया है.बहरहाल आज की इस बैठक के बाद जहां अखाड़ा परिषद दो फाड़ में हो गए हैं.वहीं अब निर्मल पंचायती अखाड़ा में भी अध्यक्ष पद को लेकर विवाद होना तय दिख रहा है.क्योंकि अखाड़ा परिषद के दोनों धड़े को समर्थन करने में इस अखाड़े के संतों की भूमिका अहम हो गयी है.
2025 तक के लिए किया गया कार्यकाल
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के नए अध्यक्ष का कार्यकाल 2025 तक रहेगा.आज की इस बैठक में इस बात पर भी चर्चा की गयी.जिसके बाद सदस्यों ने प्रस्ताव को पढ़कर एकराय से उसे पास कर दिया है.अब अखाड़ा परिषद के नए अध्यक्ष का कार्यकाल 2025 तक रहेगा. जनवरी 2025 में लगने वाले प्रयागराज के कुम्भ मेला तक महंत रवींद्र पुरी ही अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालेंगे.
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद.
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद.
बैठक में सात अखाड़े मौजूद थे आठवें ने भेजा था समर्थन पत्र
अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरि गिरी का कहना है कि बैठक में जूना अखाड़ा,पंचायती अखाड़ा श्रीनिरंजनी, श्री पंच अग्नि अखाड़ा,नया उदासीन अखाड़ा के साथ ही आनंद और आवाहन अखाड़े के संत मौजूद हैं.जबकि निर्मोही अणि अखाड़े ने पत्र भेजकर बैठक में लिए जाने वाले फैसले के लिए समर्थन पत्र भेजा था.


इसे भी पढ़ें- अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद में रार, महंत हरि गिरि ने बैठक को दिया असंवैधानिक करार

प्रयागराजः संगम नगरी प्रयागराज में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के नए अध्यक्ष के पद पर महंत रवींद्र पुरी की ताजपोशी कर दी गयी है. महन्त भगतराम की अध्यक्षता में अखाड़ा परिषद की बैठक शुरू हुई. इस बैठक में सात अखाड़ों के प्रतिनिधि शामिल हुए जबकि आठवें अखाड़े की तरफ से लिखित सहमति प्रदान कर दी गयी. बैठक की शुरुआत अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत हरि गिरी महाराज ने अध्यक्ष चुनने के प्रस्ताव के साथ की. बैठक में पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के सचिव और मंशा देवी मंदिर के महंत रवींद्र पुरी को सर्वसम्मति से नया अध्यक्ष चुना गया.

प्रेम गिरी ने रखा रवींद्र पुरी के नाम का प्रस्ताव
निरंजनी अखाड़ा दारागंज में आयोजित बैठक में जूना अखाड़ा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत प्रेम गिरी ने निरंजनी अखाड़े के सचिव रवींद्र पुरी को नया अध्यक्ष बनाये जाने का प्रस्ताव रखा. जिसके बाद बैठक में मौजूद सात अखाड़ों के प्रतिनिधियों ने आपस में विचार करने के बाद सर्व सम्मति से रवींद्र पुरी को ही नया अध्यक्ष चुन लिया.नया अध्यक्ष चुनने कर बाद वहीं पर उन्हें माला पहनाकर चादरपोशी करते हुए उनका स्वागत किया गया.

रविन्द्र पुरी चुने गए अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष
दो फाड़ हुए अखाड़ा परिषद को एक करेंगे नए अध्यक्ष
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरि ने कहाकि अखाड़ों की परम्परा को आगे बढ़ाने के साथ ही उनसे अलग होकर नया गुट बनाने वालों को वापस लाने का प्रयास करेंगे.जिससे साधु संतों की इस संस्था की गरिमा कायम रहे.
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद.
परम्परा के मुताबिक चुना गया अध्यक्ष
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद कर महामंत्री हरि गिरी महाराज का कहना है कि जिस अखाड़े के संत ब्रह्मलीन हुए हैं उसी अखाड़े के संत को अध्यक्ष बनाये जाने की अखाड़ा परिषद की परंपरा है.उसी परम्परा को आगे बढ़ाते हुए पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के सचिव महंत रवींद्र पुरी को अध्यक्ष पद की कमान सौंपी गयी हैं.इसके साथ ही हरि गिरी ने अखाड़े से अलग होकर पिछले दिनों अखाड़ा परिषद के नए पदाधिकारियों का गठन किये जाने पर खुलकर कुछ भी नहीं बोला. उन्होंने इतना जरूर कहा कि सब एक हैं.
अखाड़ा परिषद की बैठक.
अखाड़ा परिषद की बैठक.
महंत नरेंद्र गिरी को दी गयी श्रद्धांजलि
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक निरंजनी अखाड़े में आयोजित की गयी थी.निरंजनी अखाड़े में बैठक शुरू होने के बाद सबसे पहले महंत नरेंद्र गिरि को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गयी.बैठक में मौजूद सातोंअखाड़ों के प्रतिनिधियों ने महंत नरेंद्र गिरि के चित्र पर माल्यार्पण करते हुए पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया.इस दौरान बैठक में मौजूद सभी साधू संतो ने दो मिनट का मौन रख कर महंत नरेंद्र गिरि की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना भी की.
अखाड़ा परिषद की बैठक.
अखाड़ा परिषद की बैठक.
पंचायती निर्मल अखाड़ा में बढ़ेगा विवाद

वहीं प्रयागराज में आयोजित बैठक में पंचायती निर्मल अखाड़ा की तरफ से महंत रेशम सिंह पहुंचे थे. उनका दावा है कि कोर्ट ने उन्हें अखाड़े के अध्यक्ष माना है. उसी हैसियत से वो इस बैठक में शामिल हुए हैं.उन्होंने बैठक में रवींद्र पुरि को अध्यक्ष मानते हुए उनका समर्थन किया.इसके साथ ही पिछले दिनों हरिद्वार में हुई बैठक की अध्यक्षता करने वाले महंत देवेंद्र सिंह शास्त्री के खिलाफ कार्यवाई करने का भी दावा किया है.बहरहाल आज की इस बैठक के बाद जहां अखाड़ा परिषद दो फाड़ में हो गए हैं.वहीं अब निर्मल पंचायती अखाड़ा में भी अध्यक्ष पद को लेकर विवाद होना तय दिख रहा है.क्योंकि अखाड़ा परिषद के दोनों धड़े को समर्थन करने में इस अखाड़े के संतों की भूमिका अहम हो गयी है.
2025 तक के लिए किया गया कार्यकाल
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के नए अध्यक्ष का कार्यकाल 2025 तक रहेगा.आज की इस बैठक में इस बात पर भी चर्चा की गयी.जिसके बाद सदस्यों ने प्रस्ताव को पढ़कर एकराय से उसे पास कर दिया है.अब अखाड़ा परिषद के नए अध्यक्ष का कार्यकाल 2025 तक रहेगा. जनवरी 2025 में लगने वाले प्रयागराज के कुम्भ मेला तक महंत रवींद्र पुरी ही अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालेंगे.
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद.
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बैठक में सात अखाड़े मौजूद थे आठवें ने भेजा था समर्थन पत्र
अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरि गिरी का कहना है कि बैठक में जूना अखाड़ा,पंचायती अखाड़ा श्रीनिरंजनी, श्री पंच अग्नि अखाड़ा,नया उदासीन अखाड़ा के साथ ही आनंद और आवाहन अखाड़े के संत मौजूद हैं.जबकि निर्मोही अणि अखाड़े ने पत्र भेजकर बैठक में लिए जाने वाले फैसले के लिए समर्थन पत्र भेजा था.


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Last Updated : Oct 25, 2021, 5:55 PM IST
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