प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लंबाई की माप की खामियों को लेकर भारी संख्या में दाखिल हो रही याचिकाओं को गंभीरता से लिया है. कोर्ट ने कहा है कि याचिकाओं का आना इस बात का संकेत है कि पुलिस भर्ती बोर्ड की मेडिकल उपकरण मानक के अनुरूप नहीं है. इससे बोर्ड की प्रणाली की विश्वसनीयता पर सवाल उठाना लाजिमी है.
कोर्ट ने कहा है कि हर केस मे मेडिकल बोर्ड गठन का आदेश से इसका हल निकलने वाला नहीं है. इसे लेकर सिस्टमेटिक सुधार की जरूरत है. कोर्ट ने पुलिस भर्ती बोर्ड के चेयरमैन से व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर सवालो के जवाब मांगा है. याचिका की सुनवाई 2 दिसंबर को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट ने दिनेश सैनी व अन्य की याचिका पर दिया है.
कोर्ट ने भर्ती बोर्ड के चेयरमैन से जानना चाहा है कि क्या मेडिकल जांच मे लंबाई नापने के उपकरण की प्रकृति और गुणवत्ता कैसी है. क्या उपकरणों को बीआईएस या आईएसआई या अन्य मानक संस्था से सत्यापित पर प्रमाणपत्र दिया गया है. उपकरण की जीरो से लेकर कितनी गलती की संभावना है और कितनी गलती की उपेक्षा की जा सकती है.
लंबाई नापने की गलती के कारण व उसे दुरूस्त करने के उठाये गए कदमों की जानकारी दी जाए. कोर्ट ने पूछा है कि क्या एक जैसे मानक के उपकरण हर सेन्टर पर मौजूद होते हैं और उन्हे मानक प्रमाणपत्र प्राप्त हैं. कोर्ट ने कहा है कि बोर्ड मे अपील पर उसी उपकरण व उसी सेन्टर पर दुबारा जांच खानापूरी मात्र है. याची ने कहा कि वह इलेक्ट्रॉनिक हाइट माप मशीन से निश्चित सेन्टर पर जांच के लिए सहमत है.
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