ETV Bharat / state

ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग की कॉर्बन डेटिंग का मामला भी हाईकोर्ट पहुंचा

वाराणसी स्थित ज्ञानवापी ( Gyanvapi in Varanasi) परिसर में पाए गए शिवलिंग की कार्बन डेटिंग का मामला भी इलाहाबाद हाईकोर्ट (High Court allahabad) पहुंच गया है. इस मामले की सुनवाई 21 नवंबर को होगी.

ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग की कॉर्बन डेटिंग का मामला भी हाईकोर्ट पहुंचा
ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग की कॉर्बन डेटिंग का मामला भी हाईकोर्ट पहुंचा
author img

By

Published : Nov 4, 2022, 6:53 PM IST

प्रयागराजः वाराणसी स्थित ज्ञानवापी ( Gyanvapi in Varanasi) परिसर में पाए गए शिवलिंग की कार्बन डेटिंग (Carbon dating of Shivling) का मामला भी इलाहाबाद हाईकोर्ट (High Court allahabad) पहुंच गया है. शुक्रवार को हाईकोर्ट ने इस मामले में दाखिल निगरानी याचिका को विचारार्थ स्वीकार करते हुए इंतजामिया कमेटी सहित अन्य पक्षकारों को नोटिस जारी किया है. साथ ही अगली सुनवाई के लिए 21 नवंबर की तारीख लगाई है.

यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने लक्ष्मी देवी व अन्य की निगरानी याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है. इस निगरानी में वाराणसी के जिला जज के उस आदेश को चुनौती दी गई है. जिसमें निचली अदालत ने भगवान विश्वेश्वर ज्ञानवापी मस्जिद विवाद में कॉर्बन डेटिंग के साथ शिवलिंग के वैज्ञानिक निर्धारण की मांग अस्वीकार कर दी थी.

गौरतलब है कि सर्वे के दौरान ज्ञानवापी परिसर में पाए गए शिवलिंग की उम्र, चरित्र आदि के वैज्ञानिक निर्धारण के लिए कमीशन जारी करने की मांग को लेकर अर्जी दी गई थी. जिसमें कॉर्बन डेटिंग की मांग भी शामिल है. अर्जी में जीपीआर सर्वे (GPR survey) की भी मांग की गई थी. जिला जज ने गत 14 अक्टूबर के आदेश से उक्त अर्जी को खारिज कर दिया था. निगरानी में इसी आदेश की वैधानिकता को चुनौती दी गई है.

श्रृंगार गौरी पूजा अधिकार के मामले में सुनवाई 22 को
ज्ञानवापी परिसर स्थित श्रृंगार गौरी (Shringar Gauri) की नियमित पूजा के अधिकार को लेकर लंबित मुकदमे की ग्राह्यता के मामले की सुनवाई वकीलों के अनुरोध पर टल गई. कोर्ट ने सुनवाई के लिए अब 22 नवंबर की तारीख लगाई है. अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की निगरानी याचिका पर यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने शुक्रवार को दिया.

वाराणसी की जिला अदालत (Varanasi District Court) के फैसले को चुनौती देने वाली इस निगरानी याचिका पर गुरुवार को मुस्लिम पक्ष की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता एसएफए नकवी ने अपनी बहस में कहा था कि ज्ञानवापी परिसर स्थित श्रृंगार गौरी में नियमित पूजा के अधिकार से जुड़े मामले में वाराणसी की जिला अदालत का आदेश कानूनी पहलुओं पर विचार किए बिना दिया गया है. उन्होंने कहा कि प्लेसेस आप वर्शिप एक्ट 1991 (Places You Worship Act) के तहत सिविल वाद पोषणीय नहीं है.

यह भी पढ़ें- सांसद बृजभूषण सिंह ने केजरीवाल को महाचोर तो ओवैसी को बताया गोडसे का खानदानी

प्रयागराजः वाराणसी स्थित ज्ञानवापी ( Gyanvapi in Varanasi) परिसर में पाए गए शिवलिंग की कार्बन डेटिंग (Carbon dating of Shivling) का मामला भी इलाहाबाद हाईकोर्ट (High Court allahabad) पहुंच गया है. शुक्रवार को हाईकोर्ट ने इस मामले में दाखिल निगरानी याचिका को विचारार्थ स्वीकार करते हुए इंतजामिया कमेटी सहित अन्य पक्षकारों को नोटिस जारी किया है. साथ ही अगली सुनवाई के लिए 21 नवंबर की तारीख लगाई है.

यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने लक्ष्मी देवी व अन्य की निगरानी याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है. इस निगरानी में वाराणसी के जिला जज के उस आदेश को चुनौती दी गई है. जिसमें निचली अदालत ने भगवान विश्वेश्वर ज्ञानवापी मस्जिद विवाद में कॉर्बन डेटिंग के साथ शिवलिंग के वैज्ञानिक निर्धारण की मांग अस्वीकार कर दी थी.

गौरतलब है कि सर्वे के दौरान ज्ञानवापी परिसर में पाए गए शिवलिंग की उम्र, चरित्र आदि के वैज्ञानिक निर्धारण के लिए कमीशन जारी करने की मांग को लेकर अर्जी दी गई थी. जिसमें कॉर्बन डेटिंग की मांग भी शामिल है. अर्जी में जीपीआर सर्वे (GPR survey) की भी मांग की गई थी. जिला जज ने गत 14 अक्टूबर के आदेश से उक्त अर्जी को खारिज कर दिया था. निगरानी में इसी आदेश की वैधानिकता को चुनौती दी गई है.

श्रृंगार गौरी पूजा अधिकार के मामले में सुनवाई 22 को
ज्ञानवापी परिसर स्थित श्रृंगार गौरी (Shringar Gauri) की नियमित पूजा के अधिकार को लेकर लंबित मुकदमे की ग्राह्यता के मामले की सुनवाई वकीलों के अनुरोध पर टल गई. कोर्ट ने सुनवाई के लिए अब 22 नवंबर की तारीख लगाई है. अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की निगरानी याचिका पर यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने शुक्रवार को दिया.

वाराणसी की जिला अदालत (Varanasi District Court) के फैसले को चुनौती देने वाली इस निगरानी याचिका पर गुरुवार को मुस्लिम पक्ष की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता एसएफए नकवी ने अपनी बहस में कहा था कि ज्ञानवापी परिसर स्थित श्रृंगार गौरी में नियमित पूजा के अधिकार से जुड़े मामले में वाराणसी की जिला अदालत का आदेश कानूनी पहलुओं पर विचार किए बिना दिया गया है. उन्होंने कहा कि प्लेसेस आप वर्शिप एक्ट 1991 (Places You Worship Act) के तहत सिविल वाद पोषणीय नहीं है.

यह भी पढ़ें- सांसद बृजभूषण सिंह ने केजरीवाल को महाचोर तो ओवैसी को बताया गोडसे का खानदानी

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.