प्रयागराज. मैनपुरी जवाहर नवोदय विद्यालय (Mainpuri Jawahar Navodaya Vidyalaya) की छात्रा के दुष्कर्म हत्याकांड मामले में सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में राज्य सरकार की तरफ से विवेचना की सील बंद लिफाफे में प्रगति रिपोर्ट पेश की गई. जनहित याचिका की सुनवाई कर रही मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल तथा न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने प्रगति रिपोर्ट से असंतोष जाहिर करते हुए कहा कि कोर्ट के आदेश के 20 दिन बाद संदिग्ध 170 लोगों का डीएनए जांच का सैंपल लिया गया. कोर्ट ने डीएनए रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है. साथ ही कोर्ट ने कहा है कि यदि ऐसा नहीं होता तो डीजीपी कोर्ट में हाजिर हों. याचिका की सुनवाई 25 अक्टूबर को होगी. मामले की विवेचना विशेष जांच दल (एसआईटी) कर रही है.
बता दें, मैनपुरी में दो साल पहले भोगांव के विद्यालय में छात्रा का शव फंदे पर लटका मिला था. मामले में तत्कालीन प्रधानाचार्य, वार्डन, एक छात्र और एक अन्य अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था. नवंबर में जांच में छात्रा के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी.
लापरवाही बरतने पर तत्कालीन एसपी और डीएम को हटा दिया गया था. आइजी कानपुर मोहित अग्रवाल की अध्यक्षता में एसआइटी गठित की गई थी, परंतु एसआईटी भी मामले में किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी. इस मामले को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की, जिस पर हाईकोर्ट ने बीते 15 सितंबर को डीजीपी को तलब किया था. जवाब से नाराजगी जताते हुए डीजीपी को एक दिन प्रयागराज में ही रोक लिया गया था. 16 सितंबर को हाईकोर्ट ने मामले की जांच छह हफ्ते में पूरा करने का आदेश दिया था. हाईकोर्ट के सख्त रुख के बाद एडीजी कानपुर भानू भाष्कर के नेतृत्व में नई एसआइटी गठित की गई है, जो जांच में जुटी है. सोमवार को एसआईटी ने अपनी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की. वहीं जांच की धीमी गति से कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की.