प्रयागराज : आज नवरात्रि की अष्टमी पर्व पर मन्दिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गयी. प्रयागराज के अलोपशंकरी, कल्याणी देवी, ललिता देवी, कालीबाड़ी, सिद्धपीठ दुर्गा मन्दिरों में भक्तों का तांता लगा रहा. इस अवसर पर 9 दिन तक का व्रत रखने वालों ने कन्या पूजन कर उनसे आशीर्वाद मांगा.
नवरात्रि का अष्टमी पर्व क्यों है खास
नवरात्रि के आठवें दिन महागौरी की पूजा की जाती है. यह मां दुर्गा का आठवां स्वरूप है. इसे महाष्टमी या दुर्गाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है कि इस दिन महागौरी की पूजा करने से व्यक्ति के सभी पाप खत्म हो जाते हैं. कहा जाता है कि मां पार्वती ने अपने रंग के लिए कई वर्षों तक कठोर तपस्या की थी. जिसके बाद उन्हें गौर वर्ण मिला था. इसी के चलते वह महागौरी कहलाईं. ऐसा माना जाता है कि महागौरी की पूजा महाष्टमी के दिन करने से व्यक्ति को सौभाग्य की प्राप्ति होती है.
कन्या पूजन का विधान
महाष्टमी के दिन लोग अपने घर में कन्या पूजन भी करते हैं. इस दिन स्नानादि कर पीले वस्त्र पहनें. फिर मां के सामने दीपक जलाएं व महागौरी का ध्यान करें. मां को सफेद व पीले पुष्प बेहद प्रिय हैं. ऐसे में उन्हें यही अर्पित करें. फिर मंत्रों का जाप करें. इसके बाद में इनकी पूजा करें. इस दिन कन्याओं को खाना भी खिलाया जाता है. कहा जाता है कि दो वर्ष से लेकर 10 वर्ष तक की कन्या की ही पूजा की जाना चाहिए. इस दिन मां की आराधना करने से व्यक्ति के जीवन के सभी दुख दूर हो जाते हैं.
अष्टमी पर्व के चलते होने वाली भीड़ को देखते हुए मन्दिरों में कोविड से बचाव के लिए खास इंतजाम किए गए हैं. देवी दर्शन करने पहुचे श्रद्धालुओं ने चेहरे पर मास्क लगा के पूजा अर्चना की. वहीं सुरक्षा के मद्देनजर मन्दिरों में पुलिस बल को तैनात किया गया था.