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माघ मेले की तैयारी शुरू लेकिन रफ्तार है धीमी, जानिए स्नान पर्व की प्रमुख तारीखें - up latest news

गंगा यमुना और सरस्वती के पावन त्रिवेणी वाले शहर प्रयागराज में जनवरी महीने से माघ मेला शुरू होने वाला है. 14 जनवरी को माघ मेले का पहला स्नान पर्व मकर संक्रांति का स्नान है. लेकिन इस बार माघ मेले के काम की रफ्तार धीमी है. देर से शुरू हुए मंद गति के कार्य की वजह से समय पर काम पूरा होने की उम्मीद कम ही दिख रही है.

जानिए स्नान पर्व की प्रमुख तारीखें
जानिए स्नान पर्व की प्रमुख तारीखें
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Published : Dec 4, 2021, 9:08 AM IST

प्रयागराज: 14 जनवरी को मकर संक्रांति के स्नान के साथ ही प्रयागराज में हर साल लगने वाले माघ मेले की शुरुआत हो जाएगी. पहले स्नान पर्व में सवा महीने का बचा हुआ है. लेकिन माघ मेले में किसी भी विभाग का काम जमीन पर हुआ अभी नहीं दिख रहा है. क्योंकि इस बार माघ मेले में गंगा पर बनने वाले पांटून पुल का काम पिछड़ गया है. गंगा पर बनने वाले पांटून पुल का काम पीछे होने की मुख्य वजह गंगा नदी में दूसरी बार आयी बाढ़ है.



पहाड़ों में पिछले महीनों में हुई भारी बरसात की वजह से गंगा का जलस्तर अचानक से बढ़ गया था. गंगा के बढ़े हुए पानी से मेला का काफी बड़ा इलाका जलमग्न हो गया था. इसके साथ ही नदी का जलस्तर और बहाव भी तेज था. जिसके अब कम होने के बाद मेला क्षेत्र में गंगा पर पांटून पुल के निर्माण का कार्य शुरू हो चुका है.

माघ मेले की तैयारी शुरू लेकिन रफ्तार है धीमी
बिजली व जलनिगम का भी पिछड़ा
माघ मेले में पीडब्ल्यूडी ही नहीं, बल्कि दूसरे विभाग के काम भी देर से शुरू हुए हैं. एक तरफ जहां गंगा नदी पर पीपे के पुलों के निर्माण का काम शुरू हो चुका है. वहीं दूसरी तरफ से मेला क्षेत्र में पुलिस लाइन का निर्माण कार्य भी होता दिखने लगा है. मेला पुलिस लाइन के आसपास जलनिगम की तरफ से पानी के पाइप लाइन बिछाने का काम भी शुरू हो गया है. हालांकि अभी मेला क्षेत्र में बिजली विभाग के काम में भी तेजी नहीं दिख रही है.

यह भी पढ़ें- डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने लुंगी और जालीदार गोल टोपी वाला गुंडा कहकर किसकी ओर किया इशारा..



पहला स्नान पर्व मकर संक्रांति 14 जनवरी को है. लेकिन मकर संक्रांति का स्नान 15 जनवरी के दिन भी बहुत से श्रद्धालू करेंगे. इसके साथ ही 17 जनवरी को पौष पूर्णिमा के साथ माघ मेले में कल्पवास की शुरुआत हो जाएगी. एक महीने तक चलने वाला कल्पवास 16 फरवरी को माघी पूर्णिमा के स्नान पर्व के साथ ही समाप्त हो जाएगा. कल्पवास करने के लिए जहां श्रद्धालू 17 जनवरी के पहले मेला क्षेत्र में पहुंच जाएंगे. वहीं, बहुत से भक्त मकर संक्रांति के स्नान पर्व के साथ ही कल्पवास शुरू कर देंते हैं. ऐसे श्रद्धालु 14 जनवरी तक मेला क्षेत्र में पहुँच जाएंगे. मेले के प्रमुख स्नान पर्व की तारीखें इस प्रकार हैं.

14/15 जनवरी मकर संक्रांति
17 जनवरी पौष पूर्णिमा
1 फरवरी मौनी अमावस्या
5 फरवरी बसंत पंचमी
16 फरवरी माघी पूर्णिमा

समय से काम पूरा होने को लेकर आशंकित हैं साधु संत

14 जनवरी से शुरू होने वाले माघ मेले की धीमी गति से चल रहे कार्यों को देखकर साधु संत भी चिंतित हैं. संगम के नजदीक बांध पर रहने वाले स्वामी विश्वेस्वरानंद सरस्वती का कहना है कि इस बार गंगा में आयी दूसरी बार बाढ़ की वजह से मेले का सारा काम पिछड़ गया है. जलस्तर बढ़ने की वजह से सभी विभागों के काम देर से शुरू हुए हैं. ऐसे में मेला प्रशासन को चाहिए कि सभी विभागों के कार्यों को समय से पूरा करवाने के लिए उनकी गति को बढ़वाया जाए. लेकिन मेला प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है. जिससे लग रहा है कि माघ मेले का काम समय से पूरा नहीं हो पायेगा. मेले की तैयारियों को समय से पूरा करवाने के लिए अभी से कार्यों की गति में तेजी लानी होगी.

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प्रयागराज: 14 जनवरी को मकर संक्रांति के स्नान के साथ ही प्रयागराज में हर साल लगने वाले माघ मेले की शुरुआत हो जाएगी. पहले स्नान पर्व में सवा महीने का बचा हुआ है. लेकिन माघ मेले में किसी भी विभाग का काम जमीन पर हुआ अभी नहीं दिख रहा है. क्योंकि इस बार माघ मेले में गंगा पर बनने वाले पांटून पुल का काम पिछड़ गया है. गंगा पर बनने वाले पांटून पुल का काम पीछे होने की मुख्य वजह गंगा नदी में दूसरी बार आयी बाढ़ है.



पहाड़ों में पिछले महीनों में हुई भारी बरसात की वजह से गंगा का जलस्तर अचानक से बढ़ गया था. गंगा के बढ़े हुए पानी से मेला का काफी बड़ा इलाका जलमग्न हो गया था. इसके साथ ही नदी का जलस्तर और बहाव भी तेज था. जिसके अब कम होने के बाद मेला क्षेत्र में गंगा पर पांटून पुल के निर्माण का कार्य शुरू हो चुका है.

माघ मेले की तैयारी शुरू लेकिन रफ्तार है धीमी
बिजली व जलनिगम का भी पिछड़ा
माघ मेले में पीडब्ल्यूडी ही नहीं, बल्कि दूसरे विभाग के काम भी देर से शुरू हुए हैं. एक तरफ जहां गंगा नदी पर पीपे के पुलों के निर्माण का काम शुरू हो चुका है. वहीं दूसरी तरफ से मेला क्षेत्र में पुलिस लाइन का निर्माण कार्य भी होता दिखने लगा है. मेला पुलिस लाइन के आसपास जलनिगम की तरफ से पानी के पाइप लाइन बिछाने का काम भी शुरू हो गया है. हालांकि अभी मेला क्षेत्र में बिजली विभाग के काम में भी तेजी नहीं दिख रही है.

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पहला स्नान पर्व मकर संक्रांति 14 जनवरी को है. लेकिन मकर संक्रांति का स्नान 15 जनवरी के दिन भी बहुत से श्रद्धालू करेंगे. इसके साथ ही 17 जनवरी को पौष पूर्णिमा के साथ माघ मेले में कल्पवास की शुरुआत हो जाएगी. एक महीने तक चलने वाला कल्पवास 16 फरवरी को माघी पूर्णिमा के स्नान पर्व के साथ ही समाप्त हो जाएगा. कल्पवास करने के लिए जहां श्रद्धालू 17 जनवरी के पहले मेला क्षेत्र में पहुंच जाएंगे. वहीं, बहुत से भक्त मकर संक्रांति के स्नान पर्व के साथ ही कल्पवास शुरू कर देंते हैं. ऐसे श्रद्धालु 14 जनवरी तक मेला क्षेत्र में पहुँच जाएंगे. मेले के प्रमुख स्नान पर्व की तारीखें इस प्रकार हैं.

14/15 जनवरी मकर संक्रांति
17 जनवरी पौष पूर्णिमा
1 फरवरी मौनी अमावस्या
5 फरवरी बसंत पंचमी
16 फरवरी माघी पूर्णिमा

समय से काम पूरा होने को लेकर आशंकित हैं साधु संत

14 जनवरी से शुरू होने वाले माघ मेले की धीमी गति से चल रहे कार्यों को देखकर साधु संत भी चिंतित हैं. संगम के नजदीक बांध पर रहने वाले स्वामी विश्वेस्वरानंद सरस्वती का कहना है कि इस बार गंगा में आयी दूसरी बार बाढ़ की वजह से मेले का सारा काम पिछड़ गया है. जलस्तर बढ़ने की वजह से सभी विभागों के काम देर से शुरू हुए हैं. ऐसे में मेला प्रशासन को चाहिए कि सभी विभागों के कार्यों को समय से पूरा करवाने के लिए उनकी गति को बढ़वाया जाए. लेकिन मेला प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है. जिससे लग रहा है कि माघ मेले का काम समय से पूरा नहीं हो पायेगा. मेले की तैयारियों को समय से पूरा करवाने के लिए अभी से कार्यों की गति में तेजी लानी होगी.

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