प्रयागराज: संगम नगरी में हर साल माघ मेले (Magh Mela in prayagraj) का आयोजन होता है. इस बार माघ मेले की शरुआत 14 जनवरी के बजाय महीने के पहले हफ्ते से शुरू हो जाएगा. लेकिन संगम और आसपास के इलाके में अभी तक मेले से जुड़े कार्य शुरू नहीं हो सके हैं. हालांकि सरकार और मेला प्रशासन का दावा है कि माघ मेले की सभी तैयारियां (Magh Mela preparations) समय से पूरी कर ली जाएंगी.
संगम नगरी प्रयागराज में इस बार 6 जनवरी 2023 को पौष पूर्णिमा के स्नान के साथ माघ मेले की शुरुआत हो जाएगी. जबकि पिछले साल माघ मेले की शुरुआत 14 जनवरी से हुई थी. इस बार मेले की शुरुआत भी पहले से हो रही है. लेकिन तैयारियां अक्टूबर के अंत तक दिखाई नहीं दे रही है.
6 जनवरी से शुरू होगा माघ मेला
माघ मेले की शुरुआत से पहले मेला क्षेत्र में तंबुओं का शहर भी बसाया जाता है, जिसके लिए मेला एरिया में अस्थायी सड़कों के साथ ही बिजली और पानी सीवेज की व्यवस्था की जाती है. इसके अलावा गंगा नदी पर पीपा पुल भी बनाया जाता है. लेकिन इस बार अक्टूबर तक हुई बारिश के कारण नदियों के बढ़े हुए जलस्तर की वजह से माघ मेले के बसावट से जुड़े कार्य शुरू नहीं हो सके हैं. जिस क्षेत्र में मेला बसाया जाता है, वहां पर इस हफ्ते तक पानी भरा हुआ है. जिसकी वजह से मेला क्षेत्र में पूरा इलाका मिट्टी और कीचड़ से भरा हुआ है. आने वाले दिनों में मिट्टी सूखने के बाद मेला क्षेत्र में जमीन पर कार्य शुरू हो सकेगा.
डिप्टी सीएम ने कहा श्रद्धालुओं को नहीं होगी कोई दिक्कत
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि सारे कार्य समय से पूरे करवाये जाएंगे. इसके लिये सरकार की तरफ से भी सभी कार्य समय से पूरे करवाने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि मेले से जुड़े कार्यों को समय से पूरा करवाना सरकार की प्राथमिकता है. डिप्टी सीएम खुद मेले के कार्यों की निगरानी के लिए बैठकें कर चुके हैं.
प्रयागराज मेला प्राधिकरण के अफसरों का कहना है कि मेले से जुड़े सभी कार्यों को समय से पूरा करवाया जाएगा. मेलाधिकारी की जिम्मेदारी संभाल रहे पीडीए के वीसी अरविंद चौहान का कहना है कि मेला से जुड़े सभी कार्यों को समय से पूरा करवाना उनकी प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं से जुड़ी हर सुविधा को समय से पूरा करवाने के लिए जरूरत पड़ने पर दिन रात कार्य करवाया जाएगा.
उन्होंने यह भी कहा कि पानी हटने से पहले तक सभी तरह की टेंडर प्रक्रिया पूरी की जा रही है और जल्द ही सभी विभागों से जुड़े कार्य शुरू करवा दिए जाएंगे. वहीं माघ मेला में शिविर लगाने वाले तीर्थ पुरोहित का कहना है कि गंगा यमुना की बाढ़ की वजह से काम शुरू होने में देर हो चुकी है. ऐसे में समय से कार्यों को पूरा करवाना मेला प्रशासन के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है.
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