प्रयागराज: यूपी के संगम नगरी में चल रहे माघ मेले (Magh Mela 2022) में मंगलवार को मेले का सबसे बड़ा स्नान पर्व मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya 2022) है. मौनी अमावस्या के मौके पर पिछले सालों के मुकाबले इस बार आधी भीड़ भी आने की संभावना नहीं है. जिलाधिकरी ने दावा किया कि मौनी अमावस्या पर 50 लाख के करीब ही स्नानार्थी संगम में आस्था की डुबकी लगाने पहुंचेंगे, जबकि इससे पहले मौनी अमावस्या के दिन करोड़ से ज्यादा स्नानार्थी संगम स्नान करने आते थे.
कोरोना महामारी (Coronavirus) की तीसरी लहर का असर प्रयागराज में लगने वाले देश के सबसे बड़े धार्मिक मेले में देखने को मिला है. इस बार मकर संक्रांति और पौष पूर्णिमा के स्नान की अपेक्षा काफी कम भीड़ देखने को मिली. एक फरवरी को माघ मेला (Magh Mela Prayagraj) का सबसे बड़ा स्नान पर्व मौनी अमावस्या है. अटकलें लगाई जा रही हैं कि हर वर्ष की अपेक्षा इस बार कम श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ेगी. जिला प्रशासन की तरफ से भी मौनी अमावस्या स्नान पर्व पर इस बार 50 लाख के करीब भीड़ आने का अनुमान जताया गया है, जो पिछले सालों के माघ मेले की अपेक्षा काफी कम है.
अगर बात करें सुरक्षा व्यवस्था की तो प्रशासन ने मौनी अमावस्या के अवसर पर क्षेत्र में कड़ी सुरक्षा के इंतजाम किए हैं. जानकारी के मुताबिक, मेला क्षेत्र को 5 सेक्टर में बांटा गया है. प्रत्येक सेक्टर में 4 एसडीएम और एडीएम स्तर के अफसर को तैनात किया गया है. इसके साथ ही रेलवे स्टेशन और बस अड्डे पर भी टीमें तैनात की गयी हैं. इसके अलावा पूरे मेले की निगरानी सीसीटीवी कैमरे के जरिए की जाएगी. इसके लिए कंट्रोल रूम में पुलिस अफसरों की अतिरिक्त तैनाती की गयी है. जिलाधिकरी का दावा है माघ मेला के इस पर्व को सकुशल और सुरक्षित सम्पन्न करवाने के लिए सारे इंतज़ाम किये गए हैं.
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माघ मेला के सबसे बड़े स्नान पर्व पर भी कोविड महामारी को लेकर खास सतर्कता बरती जाएगी. पिछले दो स्नान पर्व पर जहां मेला क्षेत्र के 16 एंट्री पॉइंट्स पर श्रद्धालुओं की थर्मल स्कैनिंग और कोविड जांच के लिए टीमें तैनात की गयी थीं. वहीं अब मौनी अमावस्या पर इन जांच केंद्रों की संख्या 16 से बढ़ाकर 21 कर दी गयी है. प्रत्येक टीम में 10-10 मेम्बर होंगे, जो श्रद्धालुओं की थर्मल स्कैनिंग करेंगे और जरूरत पड़ने पर कोविड जांच भी की जाएगी.
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