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जानिए किन-किन राशियों पर पड़ रहा है चंद्रग्रहण का प्रभाव

आषाढ़ मास में लगने वाला चन्द्र ग्रहण बुधवार रात में 1:30 बजे के करीब लगेगा और जो रात्रि में तीन बजकर एक मिनट तक रहेगा. यह ग्रहण भोर में चार बजे के करीब मोक्ष प्राप्त करेगा. वहीं ग्रहण का सूतक करीब 9 घंटे पहले लगेगा.

चंद्रग्रहण.
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Published : Jul 16, 2019, 2:22 PM IST

प्रयागराज: संगम नगरी प्रयागराज में चंद्रग्रहण और गुरु पूर्णिमा पर संगम में श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है. संगम में श्रद्धालु स्नान कर रहे हैं और मोक्ष प्राप्ति की कामना कर रहे हैं. संगम में हजारों श्रद्धालु स्नान कर आरती कर रहे हैं और गुरुओं से मिलकर उनका आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं. वहीं मठ मंदिरों में भी भक्तों की भारी भीड़ जुट रही है.

  • मंगलवार को गुरु पूर्णिमा के साथ सदी का सबसे बड़ा चंद्रग्रहण भी लगेगा.
  • ये चंद्रग्रहण मध्य रात्रि में 1 बजकर 32 मिनट से प्रारंभ होगा.
  • सुबह चार बजकर तीस मिनट तक ये चंद्र ग्रहण रहेगा.
  • आज शाम पांच बजे मंदिरों के कपाट भी बंद कर दिए जाएंगे.

किस राशि पर कैसा होगा ग्रहण का असर:

  • मेष, सिंह, वृश्चिक और मीन राशि पर चंद्र ग्रहण का अच्छा असर पड़ेगा.
  • मिथुन, तुला, मकर और कुंभ राशि पर ठीक प्रभाव नहीं रहेगा.
  • वृषभ, कर्क, धनु और कन्या पर चंद्र ग्रहण का प्रभाव मिश्रित रहेगा.
    जानें किस राशि पर पड़ेगा ग्रहण का कैसा असर.

ग्रहण के दौरान और बाद इन बातों का रखें ध्यान:

  • सोने, चांदी व तांबे के नाग का काले तांबे की प्लेट में रखकर दान करना शुभ माना जाता है।
  • चंद्रग्रहण पर दान पुण्य करना चाहिए इसका अधिक लाभ मिलता है.
  • ग्रहण खत्म होने के तुरंत बाद स्नान करना चाहिए.
  • स्नान के बाद पूरे घर और मंदिर की साफ सफाई करनी चाहिए.
  • ग्रहण के समय खाना खाने से भी बचना चाहिए.
  • ग्रहण के दौरान ग्रहण किया गया भोजन अशुद्ध हो जाता है.
  • जिन चीजों को फेंका नहीं जा सकता उन खाने पीने की चीजों में तुलसी की पत्ती डाल दें.

ज्योतिष ग्रह नक्षत्रम ज्योतिष अनुसंधान के ज्योतिषी आशुतोष मिश्र ने बताया कि आषाढ़ मास में लगने वाला चन्द्र ग्रहण रात में 1:30 बजे के करीब लगेगा और जो रात्रि में तीन बजकर एक मिनट तक रहेगा. उन्होंने बताया कि यह ग्रहण भोर में चार बजे के करीब मोक्ष प्राप्त करेगा. ग्रहण का सूतक करीब 9 घंटे पहले लगेगा. इसलिए आज शाम लगभग 4:30 बजे के करीब सभी मंदिरों के कपाट बंदकर दिए जाएंगे और भोर में पूजा पाठ के बाद दोबारा दर्शन के लिए खोले जाएंगे. गुरु पूर्णिमा और खंडग्रास चंद्र ग्रहण एक दिन पड़ने का दुर्लभ संयोग भी है. ग्रहण के समय काल को लेकर भी ज्योतिष पीठों में भी मत भिन्नता है.

ज्योतिषाचार्य आशुतोष वार्ष्णेय ने बताया कि सूतक और ग्रहण काल में स्नान दान जप, तप, मंत्र, स्त्रोत, पाठ और हवन आदि करना कल्याणकारी होता है. सभी लोग अपनी राशि के अनुसार सूर्यास्त से पहले अन्न, जल चावल, सफेद वस्त्र, फल और अन्य वस्तुओं का दान कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि साथ ही साथ ग्रहण काल में किसी भी मंदिर या मूर्ति का स्पर्श करना वर्जित है. ग्रहण के समय व्यक्ति को मानसिक जाप मंत्र करना चाहिए जाप मंत्र से शक्ति प्रदान होती है.

प्रयागराज: संगम नगरी प्रयागराज में चंद्रग्रहण और गुरु पूर्णिमा पर संगम में श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है. संगम में श्रद्धालु स्नान कर रहे हैं और मोक्ष प्राप्ति की कामना कर रहे हैं. संगम में हजारों श्रद्धालु स्नान कर आरती कर रहे हैं और गुरुओं से मिलकर उनका आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं. वहीं मठ मंदिरों में भी भक्तों की भारी भीड़ जुट रही है.

  • मंगलवार को गुरु पूर्णिमा के साथ सदी का सबसे बड़ा चंद्रग्रहण भी लगेगा.
  • ये चंद्रग्रहण मध्य रात्रि में 1 बजकर 32 मिनट से प्रारंभ होगा.
  • सुबह चार बजकर तीस मिनट तक ये चंद्र ग्रहण रहेगा.
  • आज शाम पांच बजे मंदिरों के कपाट भी बंद कर दिए जाएंगे.

किस राशि पर कैसा होगा ग्रहण का असर:

  • मेष, सिंह, वृश्चिक और मीन राशि पर चंद्र ग्रहण का अच्छा असर पड़ेगा.
  • मिथुन, तुला, मकर और कुंभ राशि पर ठीक प्रभाव नहीं रहेगा.
  • वृषभ, कर्क, धनु और कन्या पर चंद्र ग्रहण का प्रभाव मिश्रित रहेगा.
    जानें किस राशि पर पड़ेगा ग्रहण का कैसा असर.

ग्रहण के दौरान और बाद इन बातों का रखें ध्यान:

  • सोने, चांदी व तांबे के नाग का काले तांबे की प्लेट में रखकर दान करना शुभ माना जाता है।
  • चंद्रग्रहण पर दान पुण्य करना चाहिए इसका अधिक लाभ मिलता है.
  • ग्रहण खत्म होने के तुरंत बाद स्नान करना चाहिए.
  • स्नान के बाद पूरे घर और मंदिर की साफ सफाई करनी चाहिए.
  • ग्रहण के समय खाना खाने से भी बचना चाहिए.
  • ग्रहण के दौरान ग्रहण किया गया भोजन अशुद्ध हो जाता है.
  • जिन चीजों को फेंका नहीं जा सकता उन खाने पीने की चीजों में तुलसी की पत्ती डाल दें.

ज्योतिष ग्रह नक्षत्रम ज्योतिष अनुसंधान के ज्योतिषी आशुतोष मिश्र ने बताया कि आषाढ़ मास में लगने वाला चन्द्र ग्रहण रात में 1:30 बजे के करीब लगेगा और जो रात्रि में तीन बजकर एक मिनट तक रहेगा. उन्होंने बताया कि यह ग्रहण भोर में चार बजे के करीब मोक्ष प्राप्त करेगा. ग्रहण का सूतक करीब 9 घंटे पहले लगेगा. इसलिए आज शाम लगभग 4:30 बजे के करीब सभी मंदिरों के कपाट बंदकर दिए जाएंगे और भोर में पूजा पाठ के बाद दोबारा दर्शन के लिए खोले जाएंगे. गुरु पूर्णिमा और खंडग्रास चंद्र ग्रहण एक दिन पड़ने का दुर्लभ संयोग भी है. ग्रहण के समय काल को लेकर भी ज्योतिष पीठों में भी मत भिन्नता है.

ज्योतिषाचार्य आशुतोष वार्ष्णेय ने बताया कि सूतक और ग्रहण काल में स्नान दान जप, तप, मंत्र, स्त्रोत, पाठ और हवन आदि करना कल्याणकारी होता है. सभी लोग अपनी राशि के अनुसार सूर्यास्त से पहले अन्न, जल चावल, सफेद वस्त्र, फल और अन्य वस्तुओं का दान कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि साथ ही साथ ग्रहण काल में किसी भी मंदिर या मूर्ति का स्पर्श करना वर्जित है. ग्रहण के समय व्यक्ति को मानसिक जाप मंत्र करना चाहिए जाप मंत्र से शक्ति प्रदान होती है.

Intro:संगम नगरी प्रयागराज में चंद्रग्रहण और गुरु पूर्णिमा पर संगम में श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है । संगम में श्रद्धालु स्नान कर रहे है और मोक्ष प्राप्ति की कामना कर रहे है। भक्त संगम में स्नान कर अपने अपने गुरुओं का आशीर्वाद लेंगे। संगम में हज़ारो श्रद्धालु स्नान कर आरती कर रहे है और गुरुओं मिलकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करेंगे ।  वही मठ मंदिरों में भी भक्तों की भारी भीड़ जुट रही है । आज गुरु पूर्णिमा के साथ सदी का सबसे बड़ा चंद्रग्रहण भी लगेगा। ये चंद्रग्रहण मध्य रात्रि में एक बजकर 32 मिनट से प्रारंभ होगा और सुबह चार बजकर तीस मिनट तक ये चंद्र ग्रहण रहेगा । आज शाम पांच बजे मंदिरों के कपाट भी बंद कर दिए जाएंगे।


Body:ज्योतिष ग्रह नक्षत्रम ज्योतिष अनुसंधान के ज्योतिषी आशुतोष मिश्र ने बताया कि आषाढ़ मास में लगने वाला चन्द्र ग्रहण रात में 1:30 बजे के करीब लगेगा और जो रात्रि में तीन बजकर एक मिनट तक रहेगा और भोर में चार बजे के करीब मोक्ष प्राप्त करेगा। ग्रहण का सूतक करीब 9 घंटे पहले लगेगा इसलिए आज शाम लगभग 4:30 बजे के करीब सभी मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाएंगे और भोर में पूजा पाठ के बाद पुनः दर्शन के लिए खोले जाएंगे, चंद्र ग्रहण भारत के साथ-साथ विदेशों में भी इसका प्रभाव रहेगा गुरु पूर्णिमा और खंडग्रास चंद्र ग्रहण एक दिन पढ़ने का यह दुर्लभ संयोग भी है ग्रहण के समय काल को लेकर भी ज्योतिष पीठों में भी मत भिन्नता है।


Conclusion:ज्योतिषाचार्य आशुतोष वार्ष्णेय ने बताया कि सूतक और ग्रहण काल में स्नान दान जप तप मंत्र स्त्रोत पाठ और हवन आदि करना कल्याणकारी होता है सभी लोग अपनी राशि के अनुसार सूर्यास्त से पहले अन्न जल चावल सफेद वस्त्र फल व अन्य वस्तुओं का दान कर सकते हैं ।साथ ही साथ ग्रहण काल में किसी भी मंदिर या मूर्ति का स्पर्श करना वर्जित है ग्रहण के समय व्यक्ति को मानसिक जाप मंत्र ओं का करना चाहिए इस मंत्र को शक्ति प्रदान होती है और मंत्र सिद्ध होता है।

बाईट: ज्योतिषाचार्य आशुतोष वार्ष्णेय

प्रवीण मिश्र
प्रयागराज।
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