प्रयागराज: पूरे देश में बीते 15 दिनों में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में लगातार कमी देखी जा रही है. जो देश के लिए एक बड़ी राहत की खबर है, लेकिन दवा कारोबारियों के लिए भी एक बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है. दवा व्यापारियों का कहना है कि कोरोना किट की बिक्री में अब लगाम लग चुकी है. इस वजह से उनके लिए एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. कोरोना किट में मास्क, सैनिटाइजर, ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर समेत कई उपकरण होते हैं. जिले के दवा व्यवसायियों का कहना है कि इसमें कुछ ऐसी भी दवाइयां हैं, जो नॉन रिफंडेबल हैं. साथ ही जिनकी एक्सपायरी डेट भी 3 से 6 महीने के बीच है. ऐसे में अब इन दवाइयों की बिक्री न होने के चलते उनको लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है.
दवा व्यवसायी अब केमिस्ट एसोसिएशन के जरिए सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि जो दवाइयां नॉन रिफंडेबल हैं. उन दवाइयों को सरकार एक आदेश देकर उनको वापस करने की बात करे. बता दें कि दवाइयों में कुछ टेबलेट ऐसी हैं जिनको कंपनी ने वापस लेने से मना कर दिया है. वह इतने महंगी हैं कि अब दवा कारोबारियों को काफी नुकसान हो रहा है.
दवा व्यवसायियों ने रखे थे कोरोना किट के स्टॉक
शहर के लीडर दवा व्यवसायी धूपर सर्जिकल ने बताया कि मार्च में कोरोना महामारी के दौरान सामान की कमी होने लगी थी. लोगों की डिमांड को देखते हुए काफी मात्रा में कोरोना किट और अन्य दवाएं मंगवाई गई थीं, जो इस वक्त भारी मात्रा में पड़ी हुई हैं.
इलाहाबाद केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल दुबे ने बताया कि कंपनियां दवा की वापसी नहीं करती हैं, जिससे दवा व्यवसायियों को 20 लाख से ज्यादा का नुकसान होने का अंदेशा है. सरकार इस बड़ी समस्या में दखल देकर के कोई रास्ता निकाले, जिससे दवा कारोबारियों को राहत पहुंचे. सरदार परमजीत सिंह ने बताया कि कोरोना संक्रमण के मामलों में लगातार हो रही गिरावट से जहां आम आदमी और सरकार ने राहत की सांस ली है, वहीं दवा के थोक डीलरों के यहां भी कोरोना काल के दौरान इकट्ठा की गईं कोरोना किट और अन्य वस्तुओं की मांग में काफी कमी आई है. हालांकि माल की उपलब्धता और मांग में कमी के चलते दवा के डीलरों के सामने दोहरा संकट जरूर पैदा हो गया है. उन्होंने कहा कि एक्सपायर होने से पहले वापसी के लिए कंपनी से बातचीत चल रही है, बहुत जल्द नतीजा सामने आएगा.
इलाहाबाद केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के पदाधिकारी अब सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि सरकार इस बड़ी समस्या में दखल देकर कोई रास्ता निकाले, जिससे दवा कारोबारियों को राहत पहुंचे.